मिर्जापुर जिले में विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के बाद मां विंध्यवासिनी मंदिर में किया जा रहा सोने और चांदी का दान, मां विंध्यवासिनी के भक्त ने लगवाया चांदी का दरवाजा, गर्भ गृह के बाहर निकास द्वार पर लगवाया चांदी का दरवाजा,बिहार के औरंगाबाद के भक्त रविन्द्र कुमार सिंह ने 76 किलो 800 ग्राम का लगवाया चांदी के दरवाजा, जिसकी बाजार में कीमत 80 लख रुपए है ,विशेष कारीगरों से तैयार किया गया चांदी है दरवाजा.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्य कॉरिडोर के निर्माण के बाद से श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा हुआ है. श्रद्धालु खुलकर दान कर रहे हैं. यहां तक की श्रद्धालु सोने और चांदी को दान कर रहे हैं. कुछ महीने पहले मुंबई के कारोबारी ने 4.5 करोड़ रुपए खर्च कर मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह में स्वर्ण और रजत मंडित मेहराब और स्तंभ लगवाने का काम किया था.
अब बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले एक होटल कारोबारी ने विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह के निकास द्वार पर करीब 80 लाख रुपए का चांदी से निर्मित भव्य दरवाजा लगवाया है. बताया जा रहा है कि औरंगाबाद के होटल का कारोबार करने वाले रविंद्र कुमार सिंह ने विशेष कारीगरों से दरवाजे को तैयार करवा कर लगवाया है, जिसका वजन 76 किलो 800 ग्राम है.
होटल कारोबारी ने चांदी का दरवाजा किया दान
उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में स्थित विंध्याचल धाम में मां विंध्यवासिनी का देश-विदेश से लोग दर्शन-पूजन करने आते हैं. मनोकामना पूरी होने पर भक्त चढ़ावा भी चढ़ाते हैं. अब एक भक्त ने मां विंध्यवासिनी के चरणों पर 76 किलो 800 ग्राम का नक्काशीदार चांदी का दरवाजा चढ़ाया है. इस दरवाजे को विशेष कारीगरों ने अपने हुनर से तराशा है.
बाजार में इस दरवाजे की कीमत 80 लाख के करीब बताई जा रही है. जानकारी के मुताबिक, बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले रविंद्र कुमार सिंह जो होटल व्यवसायी हैं, उन्होंने यह दरवाजा लगवाया है. वह पिछले 40 वर्षों से हर महीने मां के दर्शन करने आते हैं. गर्भगृह के निकास द्वार पर चांदी का दरवाजा भेंट किया है.
पिछले 40 सालों से हर महीने दर्शन करने आता है भक्त
श्री विंध्य पंडा समाज के अध्यक्ष पंकज द्विवेदी ने बताया कि पिछले 40 सालों से हर महीने बिहार के औरंगाबाद के रहने वाले होटल व्यवसायी रविंद्र कुमार सिंह मां विंध्यवासिनी का दर्शन करने आते हैं. अपने श्रद्धा से उन्होंने 76 किलो 800 ग्राम के चांदी के दरवाजे को निकास द्वारा पर लगवाया है. साथ ही भक्त ने कहा कि यह मंदिर की संपत्ति होगी.
जब भी यह उतारें मां के ही काम में आए. इसको जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन, अपर जिलाधिकारी शिव प्रताप शुक्ला और नगर मजिस्ट्रेट लाल बहादुर की देख-रेख में लगवाया जा रहा है. मां विंध्यवासिनी उनकी सारी मनोकामना पूरी करें.
भक्त के तीर्थ पुरोहित ने बताया
रविंद्र कुमार सिंह के तीर्थ पुरोहित सूर्य प्रसाद मिश्र ने बताया कि मां विंध्यवासिनी के भक्त, जो हमेशा मां विंध्यवासिनी का दर्शन-पूजन करने आते हैं. मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह के निकास द्वार पर चांदी का दरवाजा लगवाने के विचार को लेकर उन्होंने आज अपने कारीगरों के साथ मां विंध्यवासिनी के दरबार में भेजा है, जिसको लगवाया जा रहा है.
इन-इन मंदिरों में करते हैं श्रद्धालु दर्शन
विश्व प्रसिद्ध मां विंध्यवासिनी धाम में हर दिन हजारों की संख्या में देश-प्रदेश से श्रद्धालु पहुंचते हैं. मां विंध्यवासिनी के साथ ही मां कालीखोह और अष्ठभुजा का दर्शन-पूजन करते हैं. नवरात्रि में संख्या बढ़कर हर दिन लाखों की हो जाती है.
जो पीतल का दरवाजा हटाएगा, उसे चांदी का लगवाना पड़ेगा
मां विंध्यवासिनी मंदिर के गर्भगृह में दो प्रवेश द्वार हैं और दो निकास द्वार हैं. बहुत पहले चारों द्वार पर हैहयवंशी कसेरा समाज ने पीतल के दरवाजे लगवाए थे. हैहयवंशी कसेरा समाज ने कहा था जो पीतल के दरवाजे को हटवाएगा, वह चांदी का दरवाजा लगवाएगा. गर्भगृह के दो द्वार पर चांदी के दरवाजे लग चुके हैं. दो द्वार पर अभी भी पीतल के दरवाजे हैं.
(रिपोर्ट- जय प्रकाश सिंह/मिर्जापुर)
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