7 अक्टूबर 2023 को हमास के हमले के बाद इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच भी जंग छिड़ गई. 8 अक्टूबर को जब इजराइल ने गाजा पट्टी में ऑपरेशन आयरन स्वॉर्ड्स शुरू किया तो हमास और फिलिस्तीन के साथ प्रतिबद्धता दिखाने के लिए हिजबुल्लाह ने भी इजराइल की उत्तरी सीमा पर हमले शुरू कर दिए.
एक ओर इजराइली सेना गाज़ा में आगे बढ़ती जा रही थी तो दूसरी ओर हिजबुल्लाह नेतन्याहू के लिए मुश्किलें पैदा करता जा रहा था. हिजबुल्लाह के हमलों से नॉर्थ इजराइल में रह रहे करीब 60 हजार यहूदियों को देश में ही विस्थापित होना पड़ा, जो नेतन्याहू के लिए नाक का सवाल बन गया.
यह पहला मौका नहीं था जब ईरान के इस प्रॉक्सी गुट ने इजराइल को परेशान किया हो इससे पहले भी वह कई बार ताकतवर यहूदी देश को छका चुका है.
जब पेजर अटैक से दहला लेबनान
346 दिनों तक इजराइल और हिजबुल्लाह के बीच छोटे स्तर पर जंग चलती रही, इस बीच इजराइल ने हिजबुल्लाह का हिसाब करने के लिए ऐसी पुख्ता तैयारी की कि अब उसे दोबारा खड़ा होने में दशकों लग सकते हैं. 17 सितंबर 2024 वो तारीख जिसने ईरान के प्रॉक्सी गुट की कमर तोड़ दी. लेबनान में एक साथ हजारों पेजर ब्लास्ट हो गए, इस पेजर अटैक के पीछे इजराइल का हाथ था, जिसकी तैयारी वह सालों से कर रहा था.
लेबनान में लगातार दो दिन ब्लास्ट का सिलसिला जारी रहा.
पेजर अटैक के ठीक अगले दिन लेबनान में हजारों वॉकी-टॉकी में ब्लास्ट हुए, इस हमले में भी कई लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हुए. दो दिन में ही हिजबुल्लाह का सारा कम्युनिकेशन सिस्टम तबाह हो गया. उसके लड़ाके पेजर और वॉकी-टॉकी तो दूर दूसरी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस के करीब जाने से भी कतराने लगे. वॉकी-टॉकी ब्लास्ट के बाद तत्कालीन इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने कहा कि ये एक बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि इजरायली मिलिट्री और इंटेलिजेंस ने मिलकर इसे अंजाम दिया है.
23 सितंबर से फुल फ्लेज्ड वॉर की शुरुआत
इसके बाद इजराइल ने लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमले तेज़ कर दिए. 23 सितंबर को नेतन्याहू ने हिजबुल्लाह के खिलाफ फुल फ्लेज्ड वॉर का ऐलान कर दिया. इजराइल ने एक ही दिन में लेबनान में करीब 1300 हवाई हमले किए, इन हमलों में करीब 558 लोग मारे गए. इजराइल के हमलों के बीच हिजबुल्लाह कहां चुप रहने वाला था, उसने भी पलटवार किया और 200 रॉकेट्स दाग दिए.
23 सितंबर से शुरू हुई ये जंग दिन ब दिन और बड़ी होती जा रही थी. इजराइल रोजाना बेरूत और दक्षिणी लेबनान में हिजबुल्लाह के ठिकानों पर सैकड़ों हवाई हमले कर रहा था और जवाब में हिजबुल्लाह भी रॉकेट हमले करता रहा. इन सबके बीच इजराइल को सबसे बड़ी कामयाबी हाथ लगी 27 सितंबर को.
जुमे के दिन मारा गया हसन नसरल्लाह
जुमे के दिन एक तरफ इजराइल के प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्र महासभा में संबोधन दे रहे थे तो दूसरी ओर इजराइली इंटेलीजेंस एजेंसियों के हाथ एक ऐसा सुराग लगा जिसने हिजबुल्लाह को 3 दशक का सबसे गहरा जख्म दिया. UNGA में नेतन्याहू ईरान और उसके प्रॉक्सी गुटों पर मिडिल ईस्ट के संघर्ष और तबाही का ठीकरा फोड़कर हटे ही थे कि कुछ ही देर बार बेरूत में एक बड़ा हमला हुआ. खास बात ये है कि नेतन्याहू ने अमेरिका से फोन कॉल पर इस हमले के लिए मंजूरी दी थी.
बेरूत में बंकर बस्टर बम से मारा गया नसरल्लाह
अगले दिन इजराइली मिलिट्री ने दावा किया कि इन हमलों में उसने 3 दशक से संगठन की कमान संभाल रहे हसन नसरल्लाह को मार गिराया है. कुछ ही घंटों बाद हिजबुल्लाह ने भी अपने चीफ के मारे जाने की पुष्टि कर दी. यह संगठन के लिए सबसे बड़ा झटका था. अपने टेलीविजन संबोधन से इजराइल और नेतन्याहू को ललकारने वाला नसरल्लाह अब मर चुका था.
नसरल्लाह के उत्तराधिकारी को भी मार गिराया
नसरल्लाह की मौत के बाद भी इजराइली सेना ने अपना अभियान जारी रखा और 30 सितंबर को उसने लेबनान में जमीनी ऑपरेशन की शुरुआत कर दी. 3 अक्टूबर को इजराइल ने एक बार फिर बेरूत में जोरदार हमला किया इस हमले में नसरल्लाह का उत्तराधिकारी हाशिम सफीद्दीन भी मारा गया.
10 दिन हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप खत्म!
महज़ 10 दिन के अंदर इजराइल नसरल्लाह और उसके उत्तराधिकारी समेत हिजबुल्लाह की पूरी टॉप लीडरशिप को निपटा चुका था. हालांकि हिजबुल्लाह के साथ जंग में नुकसान इजराइल को भी हुआ. करीब 72 दिनों तक चले इस संघर्ष में इजराइल के 40 नागरिक और करीब 80 सैनिक मारे गए. अपने लीडर की मौत के बाद हिजबुल्लाह और खूंखार हो गया और रोजाना 200 से 300 मिसाइलें और रॉकेट्स दागने लगा. रिपोर्ट्स के मुताबिक इजराइल को इस जंग में 273 मिलियन डॉलर की संपत्ति का नुकसान उठाना पड़ा है, साथ ही करीब 55 हजार एकड़ क्षेत्र जलकर राख हो गया.
हिजबुल्लाह की टॉप लीडरशिप खत्म
27 नवंबर को 14 महीने की जंग का संघर्षविराम!
करीब 14 महीने की जंग के बाद इजराइल और हिजबुल्लाह सीजफायर के लिए राजी हो गए. दोनों के बीच 60 दिनों का संघर्षविराम लागू हो चुका है. 27 नवंबर को इजराइली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने संघर्ष विराम का ऐलान करते हुए 3 प्रमुख कारण बताए. उन्होंने ईरान से बढ़ते खतरे पर ध्यान केंद्रित करने, इजराइली सेना को दोबारा सशक्त बनाने और गाजा पट्टी में हमास को अलग-थलग करने के लिए इस हिजबुल्लाह के साथ सीज़फायर को जरूरी बताया था.
अब देखना होगा कि दो महीने बाद इजराइल और हिजबुल्लाह क्या इस संघर्ष विराम को जारी रखेंगे या फिर एक बार दोनों पक्षों के बीच भीषण जंग देखने को मिलेगी.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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