पीएम मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एतिहासिक जीत के बाद महायुति में मुख्यमंत्री पद को लेकर मंथन चल रहा है. 23 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित हुए थे. ऐसे में 72 घंटे बाद भी सीएम पद पर फैसला नहीं हो सका है. कार्यवाहक सीएम एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस में किसे राज्य की कमान दी जाए, बीजेपी में इसी पर चर्चा चल रही है. बीते 24 घंटे में बीजेपी में हलचल तेज हुई है. बुधवार को शिंदे की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी एक्टिव हो गए हैं. उन्होंने बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े के साथ बैठक की और आज (गुरुवार) देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे और अजित पवार से मुलाकात करेंगे. इस अहम मीटिंग से पहले बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की है.
288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा में महायुति के खाते में 230 सीटें आई हैं. अकेले बीजेपी ने 132 सीटों पर दर्ज की है. एकनाथ शिंदे की शिवसेना ने 57 और अजित पवार की एनसीपी ने 41 सीटें जीती. इस एतिहासिक प्रदर्शन ने बीजेपी को सिरदर्द भी दे दिया. उसे ये फैसला लेना है कि वो फिर से शिंदे को कमान दे या फडणवीस को जीत का इनाम दे. या मध्य प्रदेश, राजस्थान की तरह महाराष्ट्र में भी किसी नए चेहरे को सामने रख लोगों को चौंकाए.
शिंदे ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस
तमाम चर्चाओं के बीच एकनाथ शिंदे ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की. उन्होंने कहा कि हम सबके साथ मिलकर काम करेंगे. जो भी फैसला लिया जाएगा हम मानेंगे. सीएम को लेकर जो भी निर्णय होगा वह मान्य होगा. हमारी तरफ से कोई नाराजगी नहीं है. पीएम मोदी और अमित शाह जो भी फैसला लेंगे, उसे हम मानेंगे.
एक्टिव मोड में शाह
शिंदे की पीसी के बाद गृह अमित शाह और बीजेपी महासचिव विनोद तावड़े के बीच बैठक हुई. सूत्रों के मुताबिक, अमित शाह और विनोद तावड़े के बीच करीब आधे घंटे बैठक चली. महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रमों और नई सरकार बनाने की कवायद को लेकर दोनों के बीच लंबी बातचीत हुई. एकनाथ शिंदे के मुख्यमंत्री नहीं रहने पर सूबे के राजनीतिक और सामाजिक समीकरणों पर पड़ने वाले असर पर भी चर्चा हुई.
सूत्रों के मुताबिक बीजेपी शीर्ष नेतृत्व महाराष्ट्र के मराठा वोटरों पर पड़ने वाले असर को लेकर लगातार मंथन कर रहा है. अमित शाह महाराष्ट्र के तीनों नेताओं के साथ होने वाली बैठक से पहले लगातार महाराष्ट्र के नेताओं से फीडबैक ले रहे हैं. तावड़े के साथ बैठक से पहले उन्होंने एनसीपी और शिवसेना के नेताओं के साथ अलग-अलग बैठक कर फीडबैक लिया था.
शिवसेना की ओर से बयानबाजी
एक ओर जहां बीजेपी में बैठकों का दौर चल रहा है तो दूसरी ओर शिवसेना की ओर से बयानबाजी चल रही है. शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा है कि शिंदे राज्य की नई सरकार में उपमुख्यमंत्री का पद संभवत: स्वीकार नहीं करेंगे. शिवसेना के विधायक और प्रवक्ता शिरशाट ने हालांकि कहा कि शिंदे मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं.
उन्होंने कहा, वह शायद उपमुख्यमंत्री नहीं बनना चाहेंगे. मुख्यमंत्री पद पर आसीन व्यक्ति के लिए ऐसा करना सही नहीं है. उन्होंने कहा कि शिवसेना किसी दूसरे नेता को उपमुख्यमंत्री बनाने के लिए कहेगी.
फडणवीस का क्या कहना है?
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में सबसे आगे बताए जा रहे फडणवीस ने कहा कि शिवसेना, बीजेपी और एनसीपी का महायुति गठबंधन सरकार बनाने के लिए एकजुट है. निवर्तमान उपमुख्यमंत्री ने कहा, एक बार मुख्यमंत्री तय हो जाने के बाद, वह व्यक्ति राज्य मंत्रिमंडल को अंतिम रूप देगा.
फडणवीस ने उन खबरों को खारिज कर दिया था, जिनमें कहा गया था कि उनके नेतृत्व में महायुति गठबंधन को भारी जीत मिलने के बावजूद उन्हें दूसरा कार्यकाल नहीं मिल पाने पर निराशा हो रही है. उन्होंने कहा, एकनाथ शिंदे, अजित दादा और मैं साथ हैं. महायुति गठबंधन में कोई विवाद नहीं है. चुनाव से पहले हमने कहा था कि सभी निर्णय हमारे वरिष्ठ नेतृत्व के साथ मिलकर लिए जाएंगे.
– India Samachar
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