मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, उद्वव ठाकरे और शरद पवार
महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी का सिक्का नहीं चल पाया. विधानसभा चुनाव में उसे हार का सामना करना पड़ा. उसके खाते में सिर्फ 47 सीटें ही आईं. इस हार का असर संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा में भी दिखने को मिलेगा. गठबंधन के तीन बड़े नेताओं के दोबारा राज्यसभा पहुंचने पर संकट आ गया है.
MVA के दिग्गज नेता शरद पवार, प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत को इस हार का सबसे ज्यादा झटका लगा है. यही वो तीनों नेता हैं जिनके दोबारा राज्यसभा पहुंचने पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हालांकि शरद पवार तो पहले ही कह चुके हैं राज्यसभा का ये उनका आखिरी कार्यकाल होगा. उनका और प्रियंका चतुर्वेदी का टर्म 3 अप्रैल, 2026 को पूरा होगा. वहीं, संजय राउत का कार्यकाल 22 जुलाई, 2028 को पूरा होगा.
समझिए राज्यसभा का नंबर गेम
विधानसभा चुनाव में महायुति ने प्रचंड जीत दर्ज की. उसका वोट शेयर 49.6 प्रतिशत का रहा. वहीं, MVA का वोट शेयर 35.3 प्रतिशत का है. बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद राज्यसभा में उसकी स्थिति और मजबूत हो जाएगी.
महाराष्ट्र में राज्यसभा की 19 सीटें हैं. अभी बीजेपी के पास 7, कांग्रेस के पास 3, शिवसेना के पास 1, शिवसेना (यूबीटी) के पास 2, एनसीपी के पास 3, एनसीपी (शरद पवार गुट) के पास 2 और RPI का 1 सांसद है.
राज्यसभा में बीजेपी के 95 सांसद हैं. सहयोगियों को मिलाकर ये आंकड़ा 112 पहुंचता है. उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र में राज्यसभा की सबसे ज्यादा सीटें हैं.
किसके कितने वोट बनते हैं?
अगर हर विधायक वोट करता है तो कांग्रेस को 16 मत मिलेंगे. उद्वव ठाकरे की शिवसेना को 20 और शरद पवार की एनसीपी को 10 वोट मिलेंगे. सपा को 2 और सीपीआई-एम को 1 वोट मिलेगा. MVA के कुल वोट की बात करें तो ये 50 होगा. वहीं, महायुति के विधानसभा में 235 विधायक हैं, जिसके बाद राज्यसभा में उसके 235 वोट बनते हैं.
चुनाव आयोग के अनुसार, राज्यसभा का सांसद बनने के लिए एक उम्मीदवार को कितने वोट चाहिए…
क्या है फॉर्मूला- विधानसभा में कुल वोट/ (राज्य में राज्यसभा की सीटें प्लस 1) प्लस 1
इस फॉर्मूले के तहत, एक उम्मीदवार को 15 वोट की जरूरत पड़ेगी.
यानी कि MVA में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) राज्यसभा में सांसद भेज सकेगी. MVA वैसे कुल 3 सांसदों को राज्यसभा में भेज सकता है. अभी ऊपरी सदन में उसके 7 सांसद हैं. कांग्रेस की ओर से इमरान प्रतापगढ़ी, चंद्रकांत हंडकोरे और रजिनी पटेल हैं तो उद्वव ठाकरे की शिवसेना से प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत हैं. वहीं, एनसीपी (शरद गुट) से शरद पवार और फौजिया खान हैं.
20 विधायकों वाली शिवसेना दोबारा प्रियंका चतुर्वेदी और संजय राउत को राज्यसभा में भेजती है तो उसे कांग्रेस के साथ एनसीपी (शरद गुट) और सपा के समर्थन की जरूरत होगी.
– India Samachar
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