Bareilly/Ghaziabad News :
आजकल ज्यादातर लोग किसी भी लोकेशन पर पहुंचने के लिए गूगल मेप का यूज करते हैं। लेकिन बरेली में तीन युवकों को गूगल मेप का यूज करना भारी पड़ गया। बताया जा रहा है कि कार सवार लोग गूगल मैप के सहारे दातागंज की तरफ से खल्लपुर होते हुए फरीदपुर आ रहे थे। कोहरे में अधूरे पुल से कार नीचे जा गिरी, जिससे मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गई। हादसा रविवार सुबह नौ बजे का बताया जा रहा है। फरीदपुर के खल्लपुर गांव के लोग रामगंगा के किनारे सुबह टहलने पहुंचे थे। उन्होंने नदी में कार पड़ी देखीं। ग्रामीणों ने मदद की कोशिश की। मगर, तब तक कार सवार तीनों लोगों की मौत हो चुकी थी। उन्होंने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर तीनों के शव कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।
मृतक गाजियाबाद में सिक्योरिटी गार्ड
बरेली देहात की फरीदपुर कोतवाली थाना क्षेत्र से गुजरने वाली रामगंगा नदी पर अधूरे ओवर ब्रिज (पुल) से टैक्सी की वैगन आर (कार) नीचे गिर गई। जिसके चलते कार में तीन लोगों की मौत हो गई है। इसमें मैनपुरी जनपद निवासी कौशल कुमार, फर्रुखाबाद के विवेक कुमार और अमित की मौत होने की बात सामने आई है। पुलिस के मुताबिक तीनों व्यक्ति सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे। यह किसी शादी समारोह में शामिल होकर शार्ट कट रास्ते से बरेली होकर गाजियाबाद निकलने की कोशिश में थे। मगर, इससे पहले ही हादसा हो गया।
गूगल मैप से कर रहे थे सफर
मृतक युवक फर्रुखाबाद जिले में आयोजित शादी समारोह में शामिल होने के बाद कार से गाजियाबाद को लौट रहे थे। उन्होंने जल्दी पहुंचने के लिए गूगल मैप का सहारा लिया। गूगल मैप से ओवर ब्रिज से गुजरने लगे। इसी दौरान यह हादसा हो गया।
आठ साल बाद भी निर्माण अधूरा
रामगंगा नदी पर फरीदपुर और दातागंज के लोगों की सहूलियत को सपा सरकार में वर्ष 2016 में ख़ल्लपुर के पास ओवर ब्रिज का निर्माण शुरू हुआ था। इसका निर्माण दो वर्ष बाद 2018 में पूरा होना था। मगर, 2017 में सरकार बदल गई। इसके बाद ओवर ब्रिज का निर्माण भी रुक गया। आठ वर्ष बाद भी ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा नहीं हुआ है। पुल के अधूरे हिस्से को चेतावनी के लिए कोई संकेतक या अवरोधक नहीं लगाए गए थे। अंधेरे में कार चालक को यह स्थिति नजर नहीं आई, और उनकी कार पुल से नीचे नदी में गिर गई।
सरकारी तंत्र की लापरवाही से मौतें
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पुल लंबे समय से आधा-अधूरा पड़ा है और प्रशासन ने सुरक्षा के लिए कोई इंतजाम नहीं किए हैं। लोगों ने पहले भी कई बार इस पर शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुल के आसपास अंधेरे में दुर्घटनाओं का खतरा बना रहता है। पुल का निर्माण 2016 में शुरू होकर 2018 तक पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन ठेकेदारों और अधिकारियों की लापरवाही से यह निर्माण अभी भी अधूरा है। मृतकों के परिजनों ने प्रशासन और ठेकेदार के खिलाफ नाराजगी जताई है। उनका कहना है कि यह सीधी-सीधी प्रशासनिक लापरवाही है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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