गोरखपुर के सिकरीगंज थाना क्षेत्र में दो पक्षों में मारपीट होने के बाद मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी और सिपाही को एक पक्ष के लोगों ने बंधक बना लिया और उनकी जमकर पिटाई कर दी. सिपाही ने मौके से भाग कर अपनी जान बचा ली, लेकिन सर पर चोट लगने की वजह से चौकी प्रभारी बेहोश हो गए. सिपाही के सूचना देने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने बंधक बने चौकी इंचार्ज को छुड़ाया.
गोरखपुर जिले के सिकरीगंज थाने के तहत आने वाले कन्हौली गांव के निवासी श्रवण यादव का अपने पाटीदार से ही जमीन को लेकर विवाद काफी दिनों से विवाद चल रहा है. श्रवण रविवार को कंपन का बेयरिंग लेने के लिए दुघरा चौराहे पर बाइक से जा रहा था, तभी दूसरे पक्ष का राजन भी बाइक से आ गया और दोनों में बाइक आगे पीछे करने को लेकर विवाद शुरू हो गया. इस दौरान दोनों पक्षों के कई लोग मौके पर पहुंच गए.
पुलिस पर लगाए थे आरोप
जिसके बाद श्रवण ने इस विवाद की सूचना पुलिस को दी. मामले की जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने दोनों पक्ष के लोगों को समझा कर वापस भेज दिया, लेकिन कुछ देर के बाद दोनों पक्ष में फिर से विवाद शुरू हो गया और मामला मारपीट पहुंच गया. दोबारा श्रवण ने मामले की जानकारी पुलिस को दी. श्रवण कुमार और उनके परिजनों का आरोप है कि पुलिस दूसरे पक्ष के लोगों से मिली हुई है. इसलिए वह मौके पर देर से पहुंची थी.
चौकी इंचार्ज को बनाया बंधक
आरोप लगाने के बाद श्रवण और उनके पक्ष के लोगों ने चौकी इंचार्ज दुघरा और उनके साथ मौके पर पहुंचे सिपाही के साथ मारपीट शुरू कर दी और फिर बाद में दोनों को एक कमरे में बंद कर दिया. सिपाही ने जैसे-तैसे कमरे से निकलकर अपनी जान बचाई और पूरी घटना की जानकारी पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस फोर्स ने आरोपियों के चंगुल से चौकी इंचार्ज को छुड़ाया. गंभीर रूप से घायल चौकी इंचार्ज को छुड़ाकर पहले इलाज के लिए जिला अस्पताल ले गए थे, लेकिन बाद में उन्हें मेडिकल कालेज में भर्ती कराया है, जहां उनका इलाज चल रहा हैं.
35 लोगों पर दर्ज हुई FIR
वहीं इस मामले में एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने बताया कि सिकरीगंज रहने के SSI (वरिष्ठ उप निरीक्षक) भूपेंद्र के तहरीर पर दोनों पक्ष के 15 नामजद और 20 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. फिलहाल पुलिस ने श्रवण यादव समेत कई लोगों को हिरासत में लिया है. श्रवण यादव सेना में जवान था. 10 साल पहले वह नौकरी छोड़कर गांव चला आया था और राजनीति में अपनी पैठ बनाना शुरू कर दिया था.
जमीन विवाद को लेकर चल रहा है विवाद
पिछले पंचायत के चुनाव में श्रवण यादव प्रधानी का चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे हार का मुंह देखना पड़ा था. श्रवण के पिता तीन भाई थे. सबसे बड़े उनके पिता राम सिंह दूसरे नंबर पर राजन के पिता रामजीत और तीसरे नंबर पर झिनक थे जिनकी कोई संतान नहीं है. जिनकी संपत्ति के बंटवारे को लेकर पिछले 10 सालों से विवाद चल रहा हैं. इसको लेकर पहले भी कई बार मारपीट भी हो चुकी हैं.
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