दिल्ली एनसीआर में रह रहे लोग लगातार बढ़ते प्रदूषण से बेहाल है. केंद्र सरकार ने इस समस्या के समाधान के लिए भारी भरकम बजट भी दिया है, लेकिन नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी अब तक समझ ही नहीं पाए हैं कि इस बजट को कहां खर्च करना है. ऐसे में कुल बजट में से करीब 90 फीसदी रकम अब भी बची हुई है. यह खुलासा प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल के जवाब में किया है. यह आरटीआई सेक्टर 77 में रहने वाले अमित गुप्ता ने लगाई थी.
उन्होंने प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड से पूछा था कि बीते तीन साल में जानलेवा होती जा रही इस समस्या से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने कितना बजट दिया और इसमें से कितना खर्च हुआ. इस सवाल के जवाब में बोर्ड ने बताया है कि बीते तीन वर्ष में नोएडा प्राधिकरण को इस मद में कुल 30 करोड़ 89 लाख रुपये दिए गए थे. इसमें से प्राधिकरण की ओर से अब तक महज 3 करोड़ 44 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. इस रकम से नोएडा प्राधिकरण ने चार मैकेनिकल स्वीपिंग मशीनें और एंटी स्मॉग गन खरीदे हैं. वहीं शेष रकम का इस्तेमाल होना बाकी है.
फटकार लगा चुका है सुप्रीम कोर्ट
बता दें कि बीते एक सप्ताह से दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण से बुरा हाल हो चुका है. बच्चों के स्कूल बंद कर दिए गए हैं. कई कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें ऑफिस बुलाने के बजाय वर्क फ्रॉम होम दे दिया है. ऐसे हालात को लेकर सुप्रीम कोर्ट भी केंद्र और राज्य सरकारों को फटकार लगा चुका है. बावजूद इसके अधिकारियों की लापरवाही की वजह से प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अब तक कोई ठोस समाधान नहीं निकाला जा सका है.
प्रदूषण से थोड़ी राहत
दो दिनों से नोएडा वासियों को प्रदूषण से थोड़ी राहत मिली है. हालांकि सोमवार को यहां एक्यूआई खराब श्रेणी में 243 दर्ज किया गया. मौसम विभाग के अधिकारियों के मुताबिक आगामी तीन चार दिनों तक हवा की गति तेज रहेगी. इससे प्रदूषण से थोड़ी और राहत मिल सकती है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी डेटा के मुताबिक फिलहाल हवा में पीएम 2.5 और पीएम 10 का स्तर पहले से काफी कम है.
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