
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
लोकसभा चुनाव के बीच आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ी राहत मिली है. पार्टी के शीर्ष नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से 1 जून तक अंतरिम जमानत मिल गई है. ईडी ने कोर्ट में अंतरिम जमानत का विरोध किया था मगर जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने केजरीवाल के पक्ष में ये फैसला सुनाया और उन्हें अंतरिम राहत दी. बता दें कि दिल्ली में छठे चरण में 25 मई को मतदान है. इससे पहले केजरीवाल को जमानत मिलना यह आम आदमी पार्टी के लिए किसी बड़ी राहत से कम नहीं है.
जमानत मिलने के बाद केजरीवाल जेल से रिहा हो जाएंगे. जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल चुनाव प्रचार में हिस्सा ले सकते हैं, प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं. क्योंकि केजरीवाल आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा चेहरा हैं, ऐसे में उनका चुनाव प्रचार में उतरना निश्चित ही न सिर्फ पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं में ऊर्जा भरेगा, बल्कि दिल्ली की चुनावी फिजाओं में भी बदलाव नजर आएगा. उनकी पार्टी को एक संबल मिलेगा. बता दें कि शराब नीति केस में ED ने केजरीवाल को 21 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. 1 अप्रैल से वह तिहाड़ जेल में बंद हैं.
पार्टी अपने नेता केजरीवाल के लिए लगातार मेहनत कर रहे थे, धरना दे रहे थे और न्याय की मांग कर रहे थे. आज जब केजरीवाल को शीर्ष अदालत से राहत मिली है, नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है. केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर ईडी ने 7 मई को सुप्रीम कोर्ट में कई दलीलें दी. कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला रोक लिया था. कोर्ट ने कहा था कि हम शुक्रवार को अपना फैसला सुनाएंगे.
2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा
केजरीवाल की याचिका पर अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम एक जून तक जमानत दे रहे हैं. एसजी ने कहा कि प्रचार के लिए जमानत नहीं दी जानी चाहिए. सिंघवी ने कहा कि 5 जून तक के लिए जमानत दें. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1 जून तक ही. 2 जून को केजरीवाल को सरेंडर करना होगा. कोर्ट ने केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर कोई रोक नहीं लगाई. केजरीवाल चुनाव प्रचार कर सकेंगे.
SC ने 7 मई को फैसला रखा था सुरक्षित
इससे पहले केजरीवाल की याचिका पर मंगलवार (7 मई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी लेकिन उस दिन फैसला नहीं आ सका था. ईडी की तरफ से कहा गया कि अभी दलीलें बाकी हैं और अंतरिम जमानत पर पूरा पक्ष सुना जाना चाहिए. दरअसल, ईडी केजरीवाल के अंतरिम जमानत का लगतार विरोध कर रही है. गुरुवार को जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा भी दायर किया.
ED के हलफनामे में क्या?
जांच एजेंसी (ED) ने यह हलफनामा ऐसे समय पर दाखिल किया जब अगले दिन यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगा. इस हलफनामे में सीएम केजरीवाल की याचिका का विरोध किया गया है. इसमें कहा गया है कि चुनाव प्रचार का अधिकार मौलिक, संवैधानिक या कानूनी अधिकार नहीं है. ईडी की डिप्टी डायरेक्टर भानु प्रिया ने यह हलफनामा दायर किया है. भानु प्रिया ने कहा है कि चुनाव प्रचार के आधार पर अंतरिम राहत नहीं दी जानी चाहिए. अगर ऐसा होता है तो यह नई परंपरा बनेगी, जो सही नहीं है.
इसमें ये भी कहा गया कि पिछले 5 साल में देश में कुल 123 चुनाव हुए हैं.अगर चुनाव में प्रचार के आधार पर नेताओं को जमानत दी जाने लगी तो न तो कभी किसी नेता को गिरफ्तार किया जा सकेगा और न ही उसे न्यायिक हिरासत में भेजा जा सकेगा, क्योकि देश में हमेशा कोई न कोई चुनाव होता रहता है.
तिहाड़ में बंद हैं केजरीवाल
इससे पहले तीन मई को केजरीवाल की अंतरिम जमनात पर सुप्रीम कोर्ट में करीब दो घंटे सुनवाई हुई थी. बता दें कि शराब घोटाले में केजरीवाल को ईडी द्वारा नौ समन भेजा गया था लेकिन वो जांच एजेंसी के समझ कभी पेश नहीं हुए थे. इसके बाद ईडी ने उन्हें 21 मार्च को गिरफ्तार कर लिया था. 1 अप्रैल को उन्हें 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. तब से केजरीवाल तिहाड़ में बंद हैं.
दिल्ली में छठे चरण में 25 मई को मतदान
बता दें कि दिल्ली की सभी सातों सीटों पर छठे चरण में 25 मई को मतदान है. कांग्रेस इस बार दिल्ली की तीन सीटों पर जबकि आम आदमी पार्टी राजधानी की चार सीटों पर चुनाव लड़ रही है. कांग्रेस ने उत्तर पूर्वी दिल्ली से कन्हैया कुमार, उत्तर पश्चिम दिल्ली से उदित राज और चांदनी चौक से जेपी अग्रवाल को टिकट दिया है. वहीं AAP ने नई दिल्ली से सोमनाथ भारती, दक्षिणी दिल्ली से सहीराम पहलवान, पश्चिमी दिल्ली से महाबल मिश्रा और पूर्वी दिल्ली से कुलदीप कुमार को उम्मीदवार बनाया है.
– India Samachar
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