Greater Noida News :
यमुना विकास प्राधिकरण और नियाल के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह का एक वीडियो बयान आया है। यह वीडियो करीब 83 सेकेंड का है। इस वीडियो के माध्यम से उन्होंने गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट आने वलै रेपिड और मेट्रो रेल को लेकर खास जानकारी दी। उन्होंने इन 83 सेकेंड की वीडियो में पूरे प्रोजेक्ट की खासियत बता दी है।
देखिए सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह का 83 सेकेंड का खास .
गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक बनने वाले रेपिड रेल प्रोजेक्ट को लेकर सभी जानकारी दी। विकास की रफ्तार में 20,400 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे।@YamunaAuthority @UPGovt @CMOfficeUP pic.twitter.com/ucMv2vACul
— Tricity Today (@tricitytoday) May 10, 2024
दो चरणों में गाजियाबाद से जेवर एयरपोर्ट तक आएगी रेल
नियाल के सीईओ डॉ.अरुणवीर सिंह ने बताया कि पहले चरण में गाजियाबाद रेपिड स्टेशन से कासना तक और दूसरे चरण में कासना से जेवर एयरपोर्ट तक लाइन बिछाई जाएगी। पहला फेस 37 किलोमीटर और दूसरा फेस 35 किलोमीटर लम्बा होगा। गाजियबाद रेपिड स्टेशन से कासना तक जो लाइन बिछेगी, उसकी लागत करीब 13,000 करोड़ रुपये आएगी। जबकि दूसरे चरण की लागत 6,800 करोड़ रुपए आएगी।
इन चीजों की नियाल ने दी सहमति
डॉ.अरुणवीर सिंह ने आगे बताया कि इसके लिए डीपीआर शासन को भेज दी गई है। अब सिविल नेविगेशन डिपार्टमेंट में नियाल (नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड) कंपनी से दिल्ली इंदिरा गांधी एयरपोर्ट से लेकर जेवर एयरपोर्ट तक चलने वाली रेपिड रेल योजना को लेकर बदलाव की सहमति मांगी थी। इसके अलावा टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर रेपिड रेल ले जाने और मेट्रो और साथ एक लाइन पर रेपिड रेल चलाने की अनुमति मांगी थी, जिसकी सहमति नियाल के द्वारा दे दी गई है।
टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर बिछेगी 90 मीटर लाइन
सीईओ ने आगे कहा कि टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर रेपिड रेल के लिए करीब 90 मीटर लगी लाइन बिछाई जाएगी। जिसमें करीब 600 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इन सभी की सहमति नियाल के द्वारा दे दी गई है। टर्मिनल बिल्डिंग के अंदर अंडरग्राउंड रेपिड रेल और मेट्रो चलेगी, जिसके कारण जेवर एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों को और भी ज्यादा फायदा होगा।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link