पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्वतंत्रता संग्राम का तूफान उठा हुआ है. वहां की जनता कह रही है कि उन्हें किसी भी कीमत पर पाकिस्तान से मुक्ति चाहिए. जिस पीओके की जमीन को पाकिस्तान भारत के खिलाफ साजिश के लिए इस्तेमाल करता है. अब उसी जमीन से हिन्दुस्तान के समर्थन वाली ऐसी लहर उठी है, जिसने इस्लामाबाद और लाहौर में बैठे पाकिस्तानी हुक्मरानों और वहां की फौज के अफसरों को हिला कर रख दिया है.
पीओके में आक्रोश का स्तर विरोध प्रदर्शन से अब स्वतंत्रता संग्राम तक पहुंच गया है. पीओके में पहले पाकिस्तान की पुलिस और सरकार से त्रस्त जनता सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करती थी, लेकिन अब वहां विद्रोह की आग लगी हुई है. पहले PoK से ये आवाज आती थी कि महंगाई कम करो, लेकिन अब त्रस्त जनता को पाकिस्तान की तरफ उम्मीद की एक किरण भी नहीं दिख रही है. लोग अब साफ साफ कह रहे हैं कि पाकिस्तान पीओके छोड़ो.
P0K वासियों के दिल में अब सिर्फ आजादी का नारा
पाकिस्तान के अवैध कब्जे वाले कश्मीर में पहले जनता पाकिस्तान से सस्ती बिजली की मांग करती थी. पानी की मांग करती थी, लेकिन अब आजादी की मांग की जा रही है. पहले पीओके की आवाम पाकिस्तान की पुलिस के जुल्म की शिकार थी. शिकार आज भी है लेकिन वहां की जनता की सहनशीलता खत्म हो चुकी है. उनके दिल में सिर्फ और सिर्फ आजादी का नारा है और एक अच्छे उदाहरण के रूप में हिंदुस्तान है. मतलब साफ है पीओके पाकिस्तान के हाथ से फिसलने लगा है. वहां की जनता को कंगाल पाकिस्तान पर कोई भरोसा नहीं है.
अपने अवैध कब्जे वाले इलाके में पाकिस्तान आम लोगों की आवाज दबा रहा है. आम लोगों पर अत्याचार कर रहा है. पाकिस्तानी सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों को शांत करने के लिए ताबड़तोड़ फायरिंग कर रहे हैं. जंग में तो पाकिस्तान के हथियार चलते नहीं हैं, लेकिन निर्दोषों पर वो जमकर अत्याचार कर रहा है.
स्वतंत्रता संग्राम वाले मोड में PoK
दरअसल पीओके में महंगाई और बिजली कटौती वाला मुद्दा अब पीछे छूट चुका है. इसलिए पीओके अब स्वतंत्रता संग्राम वाले मोड में है. वहां के लोगों को पाकिस्तानी सरकार से, पाकिस्तान सेना से, पाकिस्तानी हुकूमत से संपूर्ण आजादी की मांग कर रहे हैं. इस विरोध का विस्तार कुछ इस कदर हो चुका है कि लपटें अब इस्लामाबाद और लाहौर तक देखने को मिल रही है.
मानवाधिकार आयोग ने भी जताई है चिंता
पीओके में खराब स्थिति को लेकर खुद पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने ये बात मानी है कि वहां लगातार मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है. पिछले महीने भी लोगों ने बढ़ती महंगाई के विरोध प्रदर्शन किया था. लोगों कई जगह पर पुलिस के खिलाफ सड़कों पर निकले और जमकर नारेबाजी की थी. वहां एक किलो आटा 800 पाकिस्तानी रुपए में मिल रहा है. जबकि, पहले ये 230 रुपए हुआ करता था. वहां एक रोटी की कीमत 25 रुपए पहुंच गई है.
(टीवी9 ब्यूरो रिपोर्ट)
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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