जॉर्जिया सरकार के खिफालImage Credit source: AFP
जॉर्जियाई में बड़े पैमाने पर सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. शनिवार को 50 हजार से अधिक लोग बारिश होते समय जॉर्जियाई की राजधानी में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहे. उनका प्रदर्शन फॉरेन एजेंट बिल को लेकर है, जिसे रूस जैसा कानून बताया जा रहा है. इसे आम जनता क्रेमलिन स्टाइल बिल बता रही है. उनका मानना है कि इस कानून से आम जनता पर नकेल कसने की तैयारी है. बीते साल बिल को लेकर हुए विरोध सत्तारूढ़ को लेकर जॉर्जियाई ड्रीम पार्टी ने इसे गिरा दिया था. अब सरकार दोबारा बिल को लेकर आई है, जिसके चलते फिर से विवाद खड़ा हो गया है.
इस बीच, फॉरेन एजेंट बिल पर अमेरिका की प्रतिक्रिया सामने आई है. व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने एक्स पर पोस्ट किया कि जॉर्जिया में लोकतंत्र पर नकेल कसने को लेकर वह बहुत चिंतित हैं. जॉर्जियाई सांसदों को एक महत्वपूर्ण विकल्प का सामना करना पड़ता है, जिसमें चाहे वे जॉर्जियाई लोगों की यूरोअटलांटिक आकांक्षाओं का समर्थन करें या क्रेमलिन-स्टाइल के फॉरेन एजेंटों का कानून पारित करें जो लोकतांत्रिक मूल्यों के विपरीत है. अमेरिका जॉर्जियाई लोगों के साथ खड़ा हैं.
जॉर्जिया सरकार के खिलाफ प्रदर्शनकारी शनिवार शाम को त्बिलिसी के मध्य यूरोप स्क्वायर पर जमा हुए थे. मूसलाधार बारिश के बीच प्रदर्शनकारियों ने “रूसी कानून को नहीं!”, “रूसी तानाशाही नहीं!” के नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों में से एक जर्मन कंपनी के लिए काम करने वाली 39 वर्षीय मरियम म्युनरगिया ने कहा कि हम अपने यूरोपीय भविष्य और अपनी स्वतंत्रता की रक्षा कर रहे हैं. उन्हें डर है कि देश रूस की दिशा में जा रहा है. 38 वर्षीय जॉर्जियाई भाषा की शिक्षिका लेला त्सिक्लौरी का कहना है कि उन्हें सोवियत संघ में लौटने की जरूरत नहीं है.
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर भांजी थी लाठियां
यूरोपीय संघ, अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र ने इस कानून के खिलाफ आवाज उठाई है. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने भी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ पुलिस हिंसा पर चिंता व्यक्त की है. जॉर्जियाई पुलिस ने 30 अप्रैल को हुए प्रदर्शन के दौरान जमकर अपने बल का प्रयोग किया था, जिसके बाद प्रदर्शन खत्म हो गया था. पुलिस पर आरोप लगे कि उसने आंसू गैस, पानी की बौछार और रबर की गोलियां चलाईं और कई लोगों को जमकर पीटा और गिरफ्तार कर लिया.
– India Samachar
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