इजराइल और हमास के बीच छिड़ी जंग के बाद से दुनिया के कई कोने में इजराइल के खिलाफ प्रोटेस्ट किया जा रहा है. गाजा पट्टी पर इजराइली युद्ध को खत्म करने की मांग को लेकर कई अमेरिकी और यूरोपीय विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन किए जा रहे हैं, इसी बीच अमेरिका के ओहायो राज्य में क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी के फिलिस्तीन समर्थक छात्र प्रदर्शन कर रहे थे, जिनके चेहरे पर पेंट स्प्रे करवा दिया गया, छात्रों के पूरे शरीर पर पेंट किया गया, कई छात्र इसकी वजह से खांसते रहे लेकिन पुलिस ने उन्हें किसी भी तरह की कोई मदद नहीं दी. छात्रों ने इसके खिलाफ विरोध किया है.
ओहायो के क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी में इस हफ्ते के शुरुआत में हुई घटना के बाद से यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट ने छात्रों से माफी मांगी है. स्थानीय मीडिया ने बताया कि यूनिवर्सिटी पर बने फिलिस्तीन के समर्थन में पेंटिंग को छिपाने के लिए ऐसा किया गया था. केस वेस्टर्न रिजर्व यूनिवर्सिटी के छात्रों ने सोमवार की रात एडवोकेसी और स्पिरिट से फिलिस्तीन के झंडे के साथ शांति के बारे में और युद्ध के बारे में संदेश लिखा हुआ था. इस संदेश में लिखा था कि मैं सीज को तोड़ने की सपना देखता हूं, शांति में सब साथ आओ इन संदेशों के अलावा दीवार पर अब तक इस युद्ध में मारे गए फिलिस्तीन बच्चों की संख्या भी लिखी हुई थी.
पुलिस के सामने ही छात्रों पर हुआ स्प्रे
यूनिवर्सिटी में हुई इस घटना का वीडियो स्टूडेंट्स फॉर जस्टिस इन फिलिस्तीन के ग्रुप में शेयर किया गया है. वीडियो में देखा गया कि फिलिस्तीन के समर्थन में जो पेंटिंग बनाई गई थी, उन्हें मिटाने के लिए दीवार पर पेंट करने का आदेश दिया गया लेकिन छात्रों ने अपने संदेशों को बचाने के लिए दीवार के सामने खड़े हो गए, इस पर पेंटरों ने काम जारी रखने के लिए पुलिस की तरफ देखा और पूछा कि क्या हम अपना काम जारी रखे तो पुलिस ने उनसे कुछ भी नहीं कहा और न ही उन्हें छात्रों पर स्प्रे करने से रोका. पेंटर ने स्प्रे के समय चेतावनी देते हुए छात्रों से कहा कि स्प्रे मशीन के सामने हाथ न रखें. क्योंकि यह खतरनाक हो सकता है. जिसके बाद छात्रों ने अपना हाथ ऊपर कर लिया और उन लोगों ने उनके ऊपर ही स्प्रे करना शुरू कर दिया.
यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट ने छात्रों से मांगी माफी
यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट ने कुछ कॉन्ट्रैक्टर को दीवारों को दोबारा से कलर करने के लिए हायर किया हुआ था, क्योंकि एडमिनिस्ट्रेशन के हिसाब से दीवार पर बनाई गई फिलिस्तीन समर्थक पेंटिंग से धमकी देने वाला संदेश लोगों तक जा रहा है और यहूदी विरोधी है. यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट एरिक कलेर ने एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने सभी छात्रों से माफी मांगी है. उन्होंने कहा कि ऐसा व्यवहार कभी किसी छात्र या किसी भी व्यक्ति के लिए नहीं किया जाना चाहिए, खासकर कि एक ऐसे कैंपस में जहां सुरक्षा का काफी ध्यान दिया जाता है. यह संस्था ऐसी नहीं है, जो भी हुआ मैं उसके लिए माफी मांगता हूं.
18 साल के फिलिस्तीन-अमेरिकी छात्र अमीर अल्कायाली पर पूरी तरह से पेंट को स्प्रे कर दिया गया था. उसने बताया कि जब हम पर स्प्रे किया जा रहा था तो हमें खांसी आ रही थी और यह पेंट काफी समय के बाद भी त्वचा से बाहर नहीं आ रहा था, इतना सब होने के बाद भी हमें स्थानीय पुलिस से किसी प्रकार की चिकित्सा या कोई सहायता नहीं मिली. आगे उसने बताया कि इस विरोध प्रदर्शन में शामिल छात्रों को पहले भी स्थानीय पुलिस ने हिरासत में लिया था और रिहा कर दिया था. पुलिस ने कहा कि वह घटना की जांच कर रहे थे और तब से, दीवार पर इजराइल समर्थक संदेश लिख दिया गया है, जिसमें कहा गया है: “वे इंतिफादा का आह्वान करते हैं इसलिए हम उन्हें आतंकवादी कहते हैं” इंतिफादा का मतलब विद्रोह करना होता है. यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट ने कहा कि कॉलेज इस व्यवहार के लिए व्यक्तियों को जिम्मेदार ठहराया, जिसमें हस्तक्षेप करने में हमारे अपने अधिकारियों की विफलता भी शामिल है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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