चूंकि दोनों ही परिवार मूल रूप से भारत से ही थे. लिहाजा आपसी सहमति से तय किया गया कि शादी मायानगरी मुंबई में ही की जाएगी. मुंबई में यादगार शादी समारोह के बाद नव-विवाहित जोड़ा ब्रिटेश लौट गया. वहां से ऐनी और श्रीयन हनीमून के लिए दक्षिण अफ्रीका चले गए. यहां तक तो कोई चौंकाने वाली बातन नहीं है. दक्षिण अफ्रीका पहुंचने के बाद मगर 15 नवंबर 2010 के दिन श्रीयन, ब्रिटेन में अपने परिवार को फोन करके जो खबर देता है, उसने दोनो परिवारों के होश उड़ा दिए.
सारी चीजें लूटने के बाद भी क्यों की हत्या?
श्रीयन ने बताया था कि वो ऐनी के साथ 13 नवंबर 2010 को केपटाउन से कुछ दूरी पर ही टैक्सी से घूम रहे थे. उसी दौरान अचानक उन दोनों को अज्ञात हथियारबंद बदमाशों ने घेर लिया और टैक्सी सहित उनका अपहरण करके ले गए. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक श्रीयन ने यह भी बताया था कि अपहरणकर्ताओं ने, ऐनी का बैग और बाकी तमाम दूसरा कीमती सामान भी लूट लिया. उसके बाद अपहरणकर्ता ऐनी को गोली मारकर भाग गए. खबर जितनी ज्यादा चौंकाने वाली थी उससे ज्यादा खतरनाक भी थी. सवाल यह पैदा होना लाजमी था कि आखिर जब, बदमाशों या अपहरणकर्ताओं ने ऐनी से सामान लूट ही लिया था तो फिर, ऐनी को उन्होंने गोली क्यों मारी? अपहरण के बाद बदमाशों का मकसद तो पूरा हो ही चुका था. बहरहाल जब मामले की पड़ताल शुरू हुई तो साउथ अफ्रीका में ही, सूनसान स्थान पर मिली टैक्सी से ऐनी की लाश बरामद कर ली गई.
ऐनी को गोली मारकर कत्ल किया गया था. इस सबके बीच खास बात यह थी कि, हत्यारों ने ऐनी का सामान तो लूटा ही नहीं था. सामान तो ऐनी की लाश के साथ ही कार में पड़ा मिला. तो फिर ऐनी की परदेस में भला किसी से ऐसी भी क्या रंजिश थी जो उसे सीधे गोली मारकर कत्ल कर डाला गया? पति श्रीयन ने ही दक्षिण अफ्रीका में पत्नी को गोली मारे जाने की शिकायत भी दर्ज कराई. भारत में शादी और उसके 15 दिन बाद ही सात समंदर पार, स्वीडिश दुल्हन की दक्षिण अफ्रीका में गोली मारकर हत्या कर दिया जाना. एक लाश की गुत्थी सुलझाने की आड़ में सवाल कई झांक रहे थे. जवाब मगर हर सवाल के नदारद थे. नई नवेली दुल्हन ऐनी के कत्ल का चश्मदीद उसका पति श्रीयन ही था जिसने, अपहरण से लेकर पत्नी को गोली मारे जाने तक की घटना आंखों से देखी थी.
मतलब, जांच में जुटी दक्षिण अफ्रीकी पुलिस के पास ऐनी के कत्ल में, उसके पति श्रीयन से बेहतर और मजबूत कोई दूसरा गवाह भी नहीं था. तमाम सवालों के जवाब तलाशने में जुटी साउथ अफ्रीकी पुलिस ने, घटना के कुछ दिन बाद ही ऐनी के कत्ल के आरोप में तीन संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया. लेकिन उन तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी से ऐनी के कत्ल की कहानी सुलझने के बजाए और भी ज्यादा उलझ गई. हालांकि गिरफ्त में आए तीनों संदिग्ध मान भी लेते हैं कि, लूटपाट में नाकाम रहने पर उन्होंने ही गोली मारकर ऐनी को मौत की नींद सुला दिया था. उन तीनों संदिग्धों की गिरफ्तारी और फिर उनके कबूलनामे से जमाना समझने लगा था कि, ऐनी के कत्ल की गुत्थी सुलझ चुकी है. वो सब तो मगर एक बड़ी गलतफहमी भर था. तीन संदिग्धों की गिरफ्तारी के बाद भी सच पूछिए तो ऐनी के संदिग्ध कत्ल का किस्सा साफ नहीं हो सका था. इसके चंद दिन बाद ही ऐनी मर्डर मामले में यानी पत्नी के कत्ल का आरोप ऐनी के पति श्रीयन के ऊपर ही लगने लगता है. क्योंकि दक्षिण अफ्रीकी पुलिस द्वारा वहां गिरफ्तार किए गए तीनों संदिग्ध कातिलों ने बयान दे दिया था कि, उन्होंने तो ऐनी का कत्ल उसके पति श्रीयन से ही सुपारी लेकर किया था.
क्यों रची गई ऐनी के मर्डर की साजिश?
ऐसे में सवाल यह उठने लगा कि आखिर ऐनी को उसकी शादी के 15 दिन बाद ही, कत्ल करवा डालने का षडयंत्र रचने के पीछे वजह क्या रही होगी? लिहाजा दक्षिण अफ्रीकी पुलिस ने गिरफ्तार संदिग्धों से कबूलनामे के बाद अपनी शक के रडार पर ऐनी के पति श्रीयन को भी ले लिया. हालांकि अपनी गर्दन मामले में फंसते देख श्रीयन ने तुरंत ब्रिटिश कोर्ट का सहारा लिया. उसने वहां जो याचिका डाली उस पर लंबे समय तक सुनवाइ चलती रहीं. उन सब कानूनी कसरतों के बावजूद श्रीयन को बाद में ब्रिटेन से साउथ अफ्रीका सरकार के हवाले कर दिया गया. वहां कई साल तक कोर्ट में ट्रायल चलता रहा. हर ट्रायल के दौरान कोर्ट में दोनों परिवारों के लोग मौजूद रहते थे. अंतत: तमाम जद्दोजहद के बाद एक दिन श्रीयन ने कबूल ही लिया कि ऐनी और उसके बीच शादी के तुरंत बाद से ही उलझनें पैदा होने लगी थीं. मुकदमे के ट्रायल के दौरान ही श्रीयन की तबियत खराब हो गई. लिहाजा कोर्ट से उसे कुछ दिन के लिए राहत दे दी गई. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जिस रात को ऐनी का दक्षिण अफ्रीका में अपहरण किया गया था. उससे ऐन टाइम पहले ही श्रीयन ऐनी के साथ एक रेस्तरां में खाना खा रहा था. जहां उनके बीच लड़ाई होने लगी.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस तथ्य को श्रीयन ने कोर्ट में भी कबूला था. उसने यहां तक कबूला कि ऐनी और उसके बीच एक तीसरा शख्स आ चुका था. वो शख्स था श्रीयन का ही पार्टनर. श्रीयन ने यह भी कबूला कि उस तीसरे शख्स के साथ श्रीयन के समलैंगिंग संबंध थे. उस रात दक्षिणी अफ्रीकी रेस्तरां BBQ में, डिनर लेने के वक्त भी वही समलैंगिग पार्टनर श्रीयन से वहां मिलने पहुंचा था. दरअसल रेस्तरां के जब एक कोने में श्रीयन अपने उस समलैंगिक पार्टनर से मिलने पहुंचा तो, दबे पांव ऐनी भी उसे देखने जा पहुंची. ऐनी ने देखा कि वे दोनों एक दूसरे के गले मिल रहे हैं. ऐनी ने यह सब आंखों से होता देख ताड़-समझ लिया कि, आखिर उसका पति उसके साथ हनीमून के दौरान बेहद बेरूखी से आखिर क्यों पेश आ रहा है? अब तक ऐनी मर्डर केस की वजह काफी कुछ साफ हो चुकी थी. बस इन वजहों को कोर्ट में सही सिद्ध करना भर बाकी था.
मुकदमे का ट्रायल साउथ अफ्रीका की ऊपरी अदालतों तक जा पहुंचा, क्योंकि वहां की पुलिस हर कीमत पर ऐनी के कत्ल में फंस रहे उसके पति को, मुजरिम करार दिलवाने की जद्दोजहद से जूझ रही थी. जबकि संदिग्ध पति श्रीयन खुद को अपनी नई नवेली दुल्हन की कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के आरोप से बचाने के लिए भागदौड़ में जुटा था. दक्षिण अफ्रीकी जांच एजेंसियों और ऐनी के परिवार को सदमा तब लगा जब, कई साल चले लंबी कानूनी लड़ाई के बाद भी, पत्नी ऐनी के कत्ल के आरोप से दिसंबर सन् 2014 में श्रीयन को बरी कर दिया गया. इससे श्रीयन के परिवार का खुश होना लाजमी था. मगर साउथ अफ्रीकी जांच एजेंसी और ऐनी के परिवार के पेशानी पर बल पड़ गए. ऐनी मर्डर पर वेब सीरीज तक बना डाली गई. दुनिया को पता है कि ऐनी का मर्डर हुआ. यह मर्डर क्यों हुआ और किसने करवाया? इस सवाल का जवाब मगर आज भी “अबूझ” ही बना हुआ है. भले ही क्यों न ऐनी के कत्ल में तीन-तीन दक्षिण अफ्रीकी कान्ट्रैक्ट किलर्स में से, किसी को उम्र कैद किसी को 18 साल की जेल और किसी को 25 साल जेल की सजा सुना दी गई हो. 12 साल बाद भी अबूझ सवाल तो यह है कि आखिर इन तीनों कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को मोटी रकम देकर, ऐनी के कत्ल का ठेका इन्हें देने वाला कौन था?
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link