Noida News :
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) हैसिंडा फर्जीवाड़ा मामले की जांच को लेकर सक्रिय हो गई है। ईडी ने जल्द ही सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और नोएडा प्राधिकरण के पूर्व सीईओ मोहिंदर सिंह के तीन करीबियों से पूछताछ करने की योजना बनाई है। ये तीनों हैसिंडा और उसकी सहयोगी कंपनियों से जुड़े रहे हैं। पिछले साल मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित आवास पर छापेमारी में मिले दस्तावेजों में इनके नाम सामने आए थे।
चार नोटिसों के बाद सामने आई अहम जानकारियां
ईडी सूत्रों का कहना है कि मोहिंदर सिंह को पहले चार बार समन भेजा गया था। आखिरकार उन्होंने जांच में सहयोग किया और उनके बयान दर्ज किए गए। इन सवाल-जवाबों के दौरान कई महत्वपूर्ण जानकारियां सामने आईं। इन जानकारियों के आधार पर ईडी ने नोएडा प्राधिकरण के कुछ कर्मचारियों के भी बयान दर्ज किए। इन कर्मचारियों ने भी मोहिंदर सिंह के करीबियों के नाम का उल्लेख किया। जो अक्सर प्राधिकरण के दफ्तर में आते-जाते थे।
विजिलेंस जांच में भी देरी
इस मामले की जांच में विजिलेंस विभाग भी जुटा है। हालांकि, मोहिंदर सिंह ने विजिलेंस के कई नोटिसों का समय पर जवाब नहीं दिया। उन्होंने पिछले महीने 16 तारीख को खुद विजिलेंस अधिकारियों से संपर्क कर बयान देने की इच्छा जताई थी। लेकिन वे 16 दिसंबर से पहले ही मुख्यालय पहुंच गए और अधूरा बयान देकर चले गए। इसके बाद उन्होंने फिर आने का वादा किया, लेकिन विजिलेंस अब तक उनके बयान दर्ज नहीं कर पाई है।
ईडी की जांच में तेजी
ईडी अब विजिलेंस द्वारा मोहिंदर सिंह के बयान दर्ज करने का इंतजार कर रही है। इसके साथ ही एजेंसी ने हैसिंडा और उसकी सहयोगी कंपनियों के दस्तावेजों में नामित तीन करीबियों से पूछताछ की तैयारी शुरू कर दी है।
क्या है मामला
हैसिंडा फर्जीवाड़ा मामला नोएडा प्राधिकरण के बड़े घोटालों में से एक है। यह घोटाला प्राधिकरण के भीतर उच्च स्तर पर भ्रष्टाचार और निजी कंपनियों के साथ मिलीभगत को उजागर करता है। इसमें करोड़ों रुपये की वित्तीय गड़बड़ी का आरोप है।
कौन-कौन घोटाले में शामिल
ईडी और विजिलेंस दोनों एजेंसियां इस मामले की तह तक जाने की कोशिश कर रही हैं। मोहिंदर सिंह और उनके करीबियों की भूमिका की जांच से यह स्पष्ट होगा कि इस घोटाले में और कौन-कौन शामिल हो सकता है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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