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नोएडा प्राधिकरण ने नोएडा क्षेत्र में कूड़ा निस्तारण के लिए एक नई पहल शुरू की है, जिसके तहत वैज्ञानिक पद्धति से कूड़े का निस्तारण करने के लिए डंपिंग स्थल स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को नोएडा प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डा. लोकेश एम द्वारा अनुमोदन प्राप्त हुआ है। इस परियोजना के तहत, 4 प्लांट (वेस्ट प्रोसेसिंग प्लांट) लगाए जाएंगे। प्रत्येक प्लांट की क्षमता 40 मीट्रिक टन प्रतिदिन होगी। जबकि एक प्लांट 300 मीट्रिक टन क्षमता का अलग से लगाया जाएगा। ऐसे में नोएडा प्राधिकरण द्वारा प्रतिदिन 460 मीट्रिक टन कूड़े का निस्तारण करने के साथ इससे बिजली, गैस और खाद बनाई जाएगी।
कूड़े से गैस और खाद का उत्पादन
इस परियोजना के तहत, लगाए जाने वाले 4 प्लांट में से प्रतिदिन प्रत्येक प्लांट में 25 मीट्रिक टन गीले कूड़े से गैस और खाद का निर्माण किया जाएगा, जबकि 15 मीट्रिक टन सूखे कूड़े को अलग अलग करके वैज्ञानिक पद्धति से पुनः उपयोगी बनाया जाएगा। इस प्रक्रिया से नोएडा क्षेत्र का प्रतिदिन 160 मीट्रिक टन कूड़ा वैज्ञानिक पद्धति से निस्तारित किया जाएगा, जिससे न केवल कूड़े का उचित प्रबंधन होगा बल्कि पुनः उपयोगी सामग्री का उत्पादन भी होगा।
300 मीट्रिक टन कूड़े से बनेगी बायो गैस
नोएडा प्राधिकरण द्वारा इन चार प्लांट के अलावा एक प्लांट ऐसा लगाया जाएगा, जिससे कूड़े के निस्तारण के साथ ही कंप्रेस्ड बायो गैस भी बनाई जाएगी। जिसे वाहनों में भी ईंधन के तौर पर सीएनजी के विकल्प के रूप में प्रयोग किया जा सकेगा। इस प्लांट को लगाने के लिए नोएडा प्राधिकरण की तरफ से सिर्फ जमीन दी जाएगी। प्लांट लगाने से लेकर इसके संचालन का का कार्य संबंधित एजेंसी को ही करना होगा।
एजेंसी देगी नोएडा प्राधिकरण को पैसा
यह कार्य चयनित एजेंसी द्वारा किया जाएगा और इस परियोजना के लिए किसी भी प्रकार का व्यय नोएडा प्राधिकरण द्वारा नहीं किया जाएगा। चयनित एजेंसी स्वयं अपने व्यय पर कूड़े का एकत्र करेगी और कूड़े का निस्तारण वैज्ञानिक विधि से करेगी। एजेंसी द्वारा कूड़ा उठाने के लिए विभिन्न भवनों और स्थानों से शुल्क लिया जाएगा, और इससे प्राप्त उत्पादों का बिक्री कर राजस्व उत्पन्न होगा। इस राजस्व का एक हिस्सा नोएडा प्राधिकरण को दिया जाएगा।
15 वर्षों के लिए चुनी जाएगी एजेंसी
इस परियोजना के लिए नोएडा प्राधिकरण द्वारा चयनित एजेंसी को 15 वर्षों के लिए निःशुल्क भूमि उपलब्ध कराई जाएगी। यदि कार्य संतोषजनक पाया जाता है, तो अनुबंध को 3 और वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकता है। अनुबंध की समाप्ति के बाद, एजेंसी द्वारा नोएडा प्राधिकरण को उक्त भूमि वापस कर दी जाएगी। इस पहल से न केवल कूड़े का वैज्ञानिक तरीके से निस्तारण होगा, बल्कि पर्यावरण के लिए भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। नोएडा प्राधिकरण का यह कदम कूड़ा प्रबंधन के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकता है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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