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पेरिस ओलंपिक में दो पदक जीतने वाली भारत की महिला निशानेबाज मनु भाकर को आखिरकार खेल रत्न अवॉर्ड देने का एलान हो गया। गुरुवार को खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा की। बता दें कि, हाल ही में खबर आई थी कि मनु का नाम खेल रत्न के लिए नहीं चुना गया है। इस पर स्टार निशानेबाज के पिता ने भी प्रतिक्रिया दी थी।
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शीर्ष पिस्टल निशानेबाज मनु भाकर का नाम कथित तौर पर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड के लिए नामित नहीं किया गया था। खबरों में दावा किया गया था कि राष्ट्रीय खेल पुरस्कारों पर फैसला करने वाली समिति ने मनु के नाम की सिफारिश नहीं की और इसके बजाय भारतीय हॉकी टीम के कप्तान हरमनप्रीत सिंह का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए . बढ़ाया।
इस मुद्दे पर मनु के पिता राम किशन का बयान भी सामने आया था। मनु के पिता ने शीर्ष निशानेबाज के हवाले से दावा किया था कि उन्होंने पुरस्कार के लिए अपना नाम ऑनलाइन पोर्टल में जमा किया था फिर भी 30 नामों की शॉर्टलिस्ट में जगह बनाने में विफल रहीं। टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ बातचीत में मनु भाकर के पिता ने खेल मंत्रालय और खेल रत्न नामांकितों की सूची को अंतिम रूप देने वाली समिति पर तीखी टिप्पणी की। मंत्रालय ने कहा है कि मनु ने पुरस्कार के लिए अपना नाम नहीं सौंपा था, लेकिन इस स्टार निशानेबाज ने और उनके पिता ने इसका खंडन किया है। राम किशन ने कहा, ‘मुझे उन्हें निशानेबाजी के खेल में जाने के लिए प्रेरित करने का पछतावा है। मुझे इसके बजाय मनु को क्रिकेटर बनाना चाहिए था। फिर, सभी पुरस्कार और प्रशंसा उन्हें मिल जाती। उन्होंने एक ही ओलंपिक संस्करण में दो पदक जीते, उनसे पहले किसी भारतीय ने ऐसा नहीं किया है। आप मेरे बच्चे से देश के लिए और क्या करने की उम्मीद करते हैं? सरकार को उनके प्रयासों को मान्यता और तवज्जो देनी चाहिए। मैंने मनु से बात की और वह इन सब से निराश हो गई हैं। उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे ओलंपिक में जाकर देश के लिए पदक नहीं जीतने चाहिए थे। मनु ने मुझसे कहा कि उन्हें एक एथलीट नहीं बनना चाहिए था।’
मामला तूल पकड़ने के बाद खेल मंत्रालय की तरफ से भी इस मु्द्दे पर सफाई दी गई थी। मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा, ‘अभी अंतिम सूची तय नहीं हुई है। खेलमंत्री मनसुख मांडविया एक या दो दिन में अनुशंसा पर फैसला लेंगे और अंतिम सूची में मनु का नाम होने की पूरी संभावना है।’ उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत जज वी रामासुब्रमम की अध्यक्षता वाली 12 सदस्यीय पुरस्कार समिति में भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रानी रामपाल समेत पूर्व खिलाड़ी भी हैं।
खेल मंत्रालय और पिता के बाद मनु भाकर ने भी इस मुद्दे पर बात की थी। उन्होंने 24 दिसंबर (मंगलवार) को एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा था- सबसे प्रतिष्ठित खेल रत्न पुरस्कार के लिए मेरे नामांकन के लिए चल रहे मुद्दे के संबंध में, मैं यह कहना चाहूंगी कि एक एथलीट के रूप में मेरी भूमिका अपने देश के लिए खेलना और प्रदर्शन करना है। मुझे लगता है कि नामांकन दाखिल करते समय शायद मेरी ओर से कोई चूक हुई है जिसे ठीक किया जा रहा है।
अब गुरुवार को खेल मंत्रालय की तरफ से राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 का एलान किया। इसमें मनु भाकर, डी गुकेश, हरमनप्रीत सिंह और प्रवीण कुमार को खेल रत्न अवॉर्ड से नवाजा जाएगा। राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू 17 जनवरी को राष्ट्रपति भवन में विजेताओं को सम्मानित करेंगी।
मनु के अलावा दो अन्य निशानेबाजों को सम्मानित किया जाएगा। इनमें सरबजोत सिंह और स्वप्निल कुसाले का नाम शामिल है। सरबजोत ने मनु के साथ पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल मिश्रित स्पर्धा में कांस्य पदक जीतने वाले सरबजोत सिंह को अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जाएगा। वहीं, स्वप्निल कुसाले ने पेरिस ओलंपिक में पुरुषोंकी 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में कांस्य पदक जीता था। वह महिला या पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन में ओलंपिक मेडल जीतने वाले पहले भारतीय बने थे। अब उन्हें भी अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ भारत में खेलों के क्षेत्र में दिया जाने वाला सर्वोच्च खेल पुरस्कार है। इस पुरस्कार की शुरूआत वर्ष 1991-92 में की गई थी। यह पुरस्कार हर एक साल दिया जाता है। यह पुरस्कार भारत सरकार के ‘खेल और युवा मामलों के मंत्रालय’ द्वारा प्रदान किया जाता है। इस पुरस्कार के अंतर्गत एक प्रमाण पत्र, एक पदक और 25 लाख रुपये की नकद राशि पुरस्कार के रूप में प्रदान की जाती है।
इस पुरस्कार के लिए ऐसे खिलाड़ियों का चयन किया जाता है जिन्होंने पिछले चार वर्षों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल के क्षेत्र में उत्कृष्ट, असाधारण और शानदार प्रतिभा का प्रदर्शन किया है। अगस्त 2021 में वर्तमान भारत सरकार ने भारत में खेल के क्षेत्र में दिए जाने वाले इस सर्वोच्च पुरस्कार ‘राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार’ का नाम बदल कर अब ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ कर दिया था।
भारत के सर्वोच्च खेल पुरस्कार ‘मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार’ के लिए सबसे पहले तो नामांकन आमंत्रित किए जाते हैं। ये नामांकन विभिन्न खेल पृष्ठभूमि से संबंधित हो सकते हैं। इसके बाद नामांकन करने वाले सभी आवेदकों के दावों का सत्यापन किया जाता है। यह सत्यापन प्रक्रिया एक सत्यापन समिति, भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) तथा राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी (NDA) के माध्यम से संपन्न की जाती है। किसी भी आवेदक के दावे में कोई खामी मिलने पर उसका नामांकन रद्द कर दिया जाता है।
नामांकन करने वाले आवेदकों के दावों का सत्यापन करने वाली सत्यापन समिति में खेल विभाग के संयुक्त सचिव और निदेशक अथवा उप सचिव, भारतीय खेल प्राधिकरण के सचिव और कार्यकारी निदेशक शामिल होते हैं। सत्यापन समिति द्वारा सत्यापन किए जाने के बाद पात्र नामांकित व्यक्तियों की सूची भारत सरकार की एक चयन समिति को भेजी जाती है।
भारत सरकार की इस समिति में एक अध्यक्ष के अलावा 12 सदस्य शामिल होते हैं। इस चयन समिति के सभी सदस्यों को ‘खेल एवं युवा मामलों के मंत्रालय’ द्वारा नामित किया जाता है। मंत्रालय द्वारा गठित की जाने वाली इस चयन समिति के 12 सदस्यों में 4 सदस्य ओलंपियन या राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार विजेता या अर्जुन पुरस्कार विजेता होते हैं। इसके अलावा, इसमें 3 खेल पत्रकार या खेल विशेषज्ञ, 1 खिलाड़ी या विशेषज्ञ, 1 खेल प्रशासक, भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक और खेल विभाग के संयुक्त सचिव शामिल होते हैं।
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