ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनेई ने क्रिसमस पर ईसा मसीह को याद किया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा कि अगर हजरत ईसा मसीह हमारे बीच होते तो विश्व इम्पीरियलिज्म और जुल्म के सरगनाओं के खिलाफ जंग में एक लम्हा भी देर न करते. उन्होंने आगे लिखा कि वह अरबों इंसानों की भूख और परेशानी को कभी बर्दाश्त न करते, जो बड़ी ताक़तों के शोषण, जंग, भ्रष्टाचार, और टकराव की भेंट चढ़ रहे हैं.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, क्रिसमस पर अपने संबोधन में इस्लामिक गणराज्य ईरान के सुप्रीम लीडर ने ईसा मसीह के सभी अनुयायियों को अपने जीवन और कर्मों में उनके विचारों का पालन करने की सलाह दी.
अगर हज़रत ईसा मसीह हमारे बीच होते तो विश्व इम्पेरियलिज़्म और ज़ुल्म के सरग़नाओं के ख़िलाफ़ जंग में एक लम्हा भी देर न करते और अरबों इंसानों की भूख और परेशानी को, जो बड़ी ताक़तों के शोषण, जंग, भ्रष्टाचार, और टकराव की भेंट चढ़ रहे हैं, बर्दाश्त न करते। #Gaza #lebanon
— आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनई (@In_khamenei) December 25, 2024
मुसलमान भी मानते हैं पैगम्बर
खामेनेई ने कहा कि ईसाइयों का मानना है कि ईसा मसीह ईश्वर के बेटे हैं. दुनिया भर में लोग क्रिसमस पर उनके जन्म का जश्न मना रहे हैं. मुसलमान भी उन्हें एक पैगम्बर मानते हैं. इससे पहले भी खामेनेई ने कहा कि ईसा मसीह को मुसलमान जो सम्मान देते हैं, वह ईसाई धर्म में विश्वास करने वाले ईसाइयों की नजर में उनके पद और योग्यता से कम नहीं है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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