उत्तर प्रदेश के संभल में हुई हिंसा पर जमकर सियासत हो रही है. विपक्षी पार्टियां सरकार पर हमलावर हैं. समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि सरकार से 90 लोग दुखी हैं. उनका आरोप है कि विपक्ष को संभल जाने से रोका जा रहा है. वहीं, इस पूरे मामले में FIR भी दर्ज की जा चुकी है, जिसमें सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सोहेल इकबाल का भी नाम है. हालांकि उन्होंने आरोपों को गलत बताया है.
पुलिस के मुताबिक, इस मामले में अब तक कुल 7 मुकदमे दर्ज किया जा चुके हैं. 25 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार विश्नोई ने कहा कि हिंसा में घायल हुए दारोगा दीपक राठी ने 800 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है जिनमें बर्क और इकबाल महमूद के बेटे सुहेल इकबाल को नामजद किया गया है.
पुलिस अधीक्षक ने बताया, बर्क को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 168 के तहत कोतवाली थाना पुलिस द्वारा पहले नोटिस दिया गया था. उन्होंने पहले भी भड़काऊ भाषण दिए थे. उनसे कहा गया था कि आप इस तरह के भाषण न दें लेकिन उन्होंने उसके बाद भी भीड़ को उकसाने के लिए और ‘जामा मस्जिद की हिफाजत’ बयान के साथ लोगों को उकसाने करने का प्रयास किया. इसी का नतीजा था कि लोग इकट्ठा हुए और उन्होंने इस तरह की घटना को अंजाम दिया.
जियाउर्रहमान बर्क का क्या कहना है?
हिंसा पर सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने कहा कि पुलिस की कॉन्सपिरेसी के तहत काम हुआ है. निर्दोष लोगों के मारे जाने पर पुलिस वालों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो. जब सबकुछ शांति से चल रहा था तब वहां भीड़ लाकर नारे लगवाने की क्या जरूरत थी. मैं इस मुद्दे को पूरी ताकत से संसद में उठाऊंगा.
बर्क ने कहा, संभल की जामा मस्जिद ऐतिहासिक और बहुत पुरानी है. 1991 में सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया था कि 1947 से जो भी धार्मिक स्थल जिस स्थिति में हैं, वे अपने स्थान पर ही रहेंगे. उसके बाद भी कुछ लोग देश और प्रदेश का माहौल खराब करना चाहते हैं. हम उनके खिलाफ हैं. उन्होंने कहा, यहां आए (एडवोकेट) कमीशन ने अपनी सर्वे रिपोर्ट तैयार कर ली है. उन्हें एक इंच जगह पर भी आपत्ति नहीं हो सकती. वहां मस्जिद थी, मस्जिद है और मस्जिद रहेगी.
नवाब इकबाल महमूद ने क्या कहा?
FIR में बेटे का नाम होने पर समाजवादी पार्टी के विधायक नवाब इकबाल महमूद ने कहा, अगर प्रशासन ने समझदारी से काम लिया होता तो हालात इतने नहीं बिगड़ते. मैं उन सभी लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन्होंने अपनी जान गंवाई है. इस हिंसा में क्या हुआ और क्यों हुआ यह जांच का विषय है. मेरा मानना है कि मेरा बेटा किसी भी हिंसा में शामिल नहीं था और हम इसे साबित करेंगे.
सपा नेता माता प्रसाद पांडे ने कहा कि ये सरकार कानून और संविधान से खुद को ऊपर समझती है. हमारे सांसद पर मुकदमा दर्ज किया है. डीजीपी ने कहा कि भड़काऊ भाषण के मामले में एफआईआर दर्ज की है. उन्होंने कहा कि यूपी की पुलिस दो असलहे रखती है. एक सरकारी एक प्राइवेट. सरकारी गोली नहीं चलाई गई है. सरकारी गोली चलती तो फंस जाते हैं. उसी कट्टे का इस्तेमाल किया गया है. ये लड़ाई तुर्क पठान की नहीं है. पुलिस अपने बचाव में ये सब कुछ कर रही है. मुझे तीन दिन में निष्पक्ष जांच का भरोसा दिया है.
क्या है पूरा मामला?
संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को सर्वे किए जा रहा था. इसका विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पुलिस से भिड़ गए थे. इस दौरान तीन व्यक्तियों की मौत हो गई थी. इस हिंसा, गोलीबारी और पथराव में उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र समेत कुल 20 लोग जख्मी हुए. हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी.
एक स्थानीय अदालत के आदेश पर गत मंगलवार को जामा मस्जिद का सर्वे किया गया था जिसके बाद से संभल में पिछले कुछ दिनों से तनाव व्याप्त था. रविवार को सर्वे करने वाली टीम दोबारा मस्जिद का सर्वे करने गई थी. स्थानीय अदालत में एक याचिका दाखिल करके दावा किया गया है कि जिस जगह पर जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था.
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