सोनभद्र जिले में हाई स्कूल की छात्रा के अपहरण की घटना ने सनसनी मचा दी है. अपहरणकर्ताओं ने युवती के भाई के मोबाइल पर एक वीडियो भेजा है, जिसमें युवती के हाथ-पैर बंधे हुए दिख रहे हैं और वह परिवार से बचाने की गुहार लगा रही है. अपहरणकर्ताओं ने फिरौती के तौर पर युवती के परिवार से 10 लाख रुपये की मांग की है. वहीं, पुलिस या फिर किसी और को मामले की जानकारी देने पर युवती को जान से मारने की धमकी दी है.
अपहरण की पूरी घटना सोनभद्र जिले के म्योरपुर थाना क्षेत्र की है. युवती की मां ने पुलिस को तहरीर देकर अपनी बेटी के लापता होने की जानकारी दी थी. मां ने बताया कि विंढमगंज थाना क्षेत्र के महुली के रहने वाले एक युवक से युवती का मेलजोल था वह घर भी आया करता था. पुलिस ने परिजनों के कहने पर उस युवक को गिरफ्तार कर लिया था, लेकिन मामले में नया मोड़ तब आया जब परिवार के एक सदस्य के मोबाइल पर युवती के किडनैपिंग का एक वीडियो भेजा गया.
10 लाख की मांगी फिरौती
वीडियो में दिख रहा है कि युवती जमीन पर बैठी है और उसके हाथ पांव रस्सी से बंधे हैं. वह परिवार से अपनी जान की गुहार लगा रही है. वह कहती दिख रही है कि यह जो मांग रहे हैं उसे देखकर मुझे बचा लो. बताया जा रहा है कि 19 नवंबर को युवती अपनी सहेली के घर गई थी और फिर नहीं लौटी. बेटी के घर नहीं लौटने के बाद परिवार ने तुरंत पुलिस में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई. बाद में अपहरणकर्ताओं ने युवती के भाई के मोबाइल पर वीडियो भेजकर 10 लाख फिरौती मांगी है.
मामले की जांच में पुलिस
अपहरणकर्ताओं ने वीडियो के साथ एक मेसेज भी युवती के भाई को भेजा था, जिसमें उन्होंने लिखा था कि 26 नवंबर मंगलवार तक 10 लाख रुपये भेज दो नहीं तो तुम्हारी बहन की लाश तक नहीं मिलेगी. मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि 22 नवंबर को ही केस दर्ज कर लिया गया था. वीडियो आने के बाद मामले की जांच गहनता से शुरू कर दी गई है.
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link