
सांकेतिक तस्वीर
साइबर अपराधी क्राइम के अलग-अलग पैंतरे अपनाने लगे हैं. लेकिन क्या आपने डिजिटल अरेस्ट के जरिए ठगी के बारे में सुना है. ऐसा ही एक मामला दिल्ली के अशोक विहार में सामने आया है. यहां पेशे से एक महिला डॉक्टर बड़ी ठगी की शिकार हो गई हैं. महिला डॉक्टर से साइबर अपराधियों ने 45 लाख रुपये ठग लिए हैं. आइए जानते हैं पूरा मामला.
महिला डॉक्टर का नाम आरती है जिनका नोएडा के सेक्टर 47 में क्लिनिक है. उनके पास बीती 6 तारीख को अंजान नंबर से फोन आया. फोन करने वाले ने अपना नाम ईशान शर्मा बताया और खुद को फेडेरेक्स कुरियर कंपनी का कर्मचारी बताया. महिला के मुताबिक, उसने कहा कि आपने जो पार्सल थाईलैंड भेजा था, वह वापस आ गया है. पार्सल को कस्टम विभाग ने सीज कर दिया है, उसमें 5 पासपोर्ट, 2 क्रेडिट कार्ड, 4 किलो कपड़े और 140 ग्राम एमडीएम ड्रग्स मिले हैं.
पीड़िता ने बताया कि कॉलर ने कहा कि ड्रग्स की जांच मुंबई क्राइम ब्रांच करेगी. इसके बाद उसने कॉल ट्रांसफर कर दी. आगे जालसाज ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का कर्मचारी बताया.उसने पीड़िता से कहा कि आपका बयान वीडियो कॉल के जरिए रिकॉर्ड किया जाएगा. इसके लिए आपको एक ऐप डाउनलोड करना होगा.
ठग ने पीड़िता से कहा कि जांच में पाया गया है कि आपका एक अकाउंट मनी लांड्रिंग से संबंधित है. इसलिए जांच आगे ट्रांंसफर होगी. कॉल आगे ट्रांसफर हुई तो उसने अपना नाम आदित्य केशव बताया. जालसाज ने पीड़िता से कहा कि आपकी जांच वीडियो सर्विलांस के माध्यम से 24 घंटे में पूरी हो जाएगी. अगर इसमें आपने सहयोग नहीं किया तो 90 दिन की कस्टडी में मुंबई आना होगा. इसपर महिला डर गई, और उसने उनकी सारी शर्तें मान लीं.
क्या है डिजिटल अरेस्ट?
जैसा कि नाम से ही समझ आ रहा है, डिजिटली रूप से किसी को अरेस्ट करना. माने किसी व्यक्ति को ऐसे गिरफ्तार किया जाए कि उसमें किसी की शारीरिक मौजूदगी न हो. मोटा-माटी यह है कि डिजिटल अरेस्ट एक तरीके का फ्रॉड है, जो साइबर ठग करते हैं. यह ब्लैकमेलिंग का एक रूप है. दरअसल, अपराधी वीडियो कॉल के जरिेए लोगों को फंसा कर उन्हें बंधक बना लेते हैं. उनको हाउस अरेस्ट कर हर वक्त उन पर नजर रखते हैं. डिजिटल अरेस्ट के मामलों में अपराधी पीडितों को वीडियो कॉल कर अपने को सरकारी अफसर या कर्मचारी बताते हैं. वे कहते हैं कि आपका आधार कार्ड, पैनकार्ड किसी गैरकानूनी गतिविधि में शामिल हुआ है. इससे डरकर पीड़ित ठगों की बातों में आ जाते हैं.
पीड़िता को न करने दी कॉल, न जाने दिया बाहर
पहले पीड़िता से एक ऐप डाउनलोड कराया फिर वाडियो कॉल के जरिए उस पर निगरानी बनाए रखी. उसे आरोपियों ने कहीं आने-जाने और किसी से भी बात करने से मना कर दिया. दरअसल, उन्होंने महिला से उनके बताए अकाउंट पर पैसे ट्रांसफर करने को कहा और दावा किया कि पैसे जांच के बाद वापस आ जाएंगे. महिला ने बताया कि ठगों ने जब उस पर 5 लाख और देने का दबाव बनाया तो उसे ठगी की आशंका हुई. उसने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी.
नाइजीरियन गिरोह के शामिल होने की आशंका
पीड़िता ने जब रकम वापस करने को कहा तो जालसाजों ने उससे संपर्क तोड़ दिया. पुलिस के मुताबिक इस ठगी में नाइजीरियन गिरोह के शामिल होने की संभावना है. फिलहाल, पुलिस मामले की जांच करने में जुटी है.
– India Samachar
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