बीकानेर। कहते हैं कि नशा नाश का द्वार होता है। नोखा थाना क्षेत्र में इसी नशे की वजह से एक परिवार के एक सदस्य को जान से हाथ धोना पड़ा तो दूसरे की जिंदगी जहन्नुम हो गई। मामला नोखा के रोड़ा गांव से जुड़ा है। यहां 1-2फरवरी की रात पूनमसिंह पुत्र जस्सू सिंह की हत्या कर दी गई। कातिल कोई और नहीं बल्कि पूनमसिंह की पुत्रवधू निकली है। पुलिस ने 23 वर्षीय भंवरी कंवर पत्नी हड़मान सिंह राजपूत को गिरफ्तार कर लिया है। उसे आज न्यायालय में पेश किया जाएगा। जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा के तहत जेल भेजे जाने की संभावना है।
ये है पूरी कहानी:- 2 फरवरी की सुबह नोखा पुलिस को सूचना मिली थी कि पूनमसिंह विष्णु नगर स्थित अपने मकान के कमरे में मृत मिला है। हत्या की आशंका है। पुलिस मौके पर पहुंची। डॉग स्क्वायड व एफ एस एल टीम बुलाई गई। एसपी योगेश यादव व एएसपी ग्रामीण सुनील कुमार के निर्देशन व सीओ भवानी सिंह के सुपरविजन में सीआई ईश्वर प्रसाद जांगिड़ ने मामले की जांच शुरू की।
पूनमसिंह के मृत शरीर पर जगह जगह चोट के निशान थे। दीवार पर भी खून लगा था। पुलिस ने हत्या की पुष्टि करते हुए आरोपी का पता लगाना शुरू किया। जांच के दौरान पूनमसिंह की पुत्रवधू भंवरी कंवर पर शक हुआ। पुलिस ने उससे पूछताछ की। पुष्टि होने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
सीआई ईश्वर प्रसाद जांगिड़ के अनुसार पूनमसिंह शराब का नशेड़ी था। वह नशे की हालत में पुत्र वधू के साथ गाली गलौज करता था। घटना की रात भी यही हुआ और भंवरी ने अपने ससुर की लठ से धुनाई कर डाली। इसके बाद उसे घायल अवस्था में कमरे में बंद कर दिया। सुबह वह मृत मिला।
पुलिस के अनुसार पूनमसिंह के साथ उस घर में दोनों बेटे, दोनों पुत्रवधू व पोते पोतियां सभी रहते थे। पुलिस के अनुसार घटना की रात भी सभी घर पर ही थे।
हालांकि यह बात अभी भी सवालों के घेरे में है कि भंवरी ने ससुर पूनमसिंह को इतनी बुरी तरह पीटा तो घर में किसी को पता कैसे नहीं चला? सीआई जांगिड़ के अनुसार वारदात के वक्त सभी घर में ही थे। सब अपने अपने कमरों में थे।
ये भी पढ़ें – अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए हमारा एप्प डाउनलोड करें |
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
Source link