Ghaziabad News :
साइबर पुलिस के तमाम प्रयासों के बाद भी शातिर साइबर फ्रॉड को अंजाम देने में कामयाब हो जा रहे हैं। वसुंधरा और इंदिरापुरम निवासी दो लोगों से शातिरों ने शेयर ट्रेडिंग से कमाई कराने के नाम पर क्रमशः 21 और पांच लाख रुपये ठग लिए।दोनों पीड़ितों ने साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। दोनों ही मामलों में पीड़ित काफी सतर्क होने के बाद भी ठगी का शिकार हो गए। पीड़ित को डीमेट एकाउंट के बदले ओटीसी एकाउंट से ट्रेडिंग की सलाह दी गई। दूसरे पीड़ित ने पहले छोटे-छोटे निवेश कर पैसा निकाला और कई बार में 45 हजार रुपये ले भी लिए लेकिन विश्वास जमने के बाद शातिरों ने बड़ा निवेश कराया और फिर अपना असली रूप दिखा दिया।
अनजान नंबर से आई थी कॉल
वसुंधरा के सेक्टर-16ए निवासी हरिगोविंद रावत के मोबाइल पर 10 दिसंबर को अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने उन्हें शेयर ट्रेडिंग में निवेश पर 50 प्रतिशत तक के मुनाफे का लालच दिया। अपनी बातों में फंसाकर हरगोविंद रावत को एक व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल कर लिया गया। उन्हें एक लिंक भेजकर ग्रुप में जोड़ा गया था, जहां पहले से 130 सदस्य मौजूद थे। इस ग्रुप पर प्रोफेसर सेथुरत्नम रवि वीडियो के जरिए शेयर ट्रेडिंग और आईपीओ में निवेश करने और मुनाफा कमाने का प्रशिक्षण देते थे।
डीमेट के बजाय ओटीसी खाते की सलाह दी
इसके बाद उनसे विभिन्न बैंक खातों में निवेश के नाम पर धनराशि ट्रांसफर करने के लिए कहा गया। हरगोविंद रावत ने ग्रुप एडमिन से संस्थागत शेयर खरीदने के लिए जरूरी डीमेट एकाउंट पर सवाल किया। इस संबंध में उन्हें बताया गया कि डीमेट खाते का लेबल बहुत कम होता है,आपको ज्यादा ट्रेड करके पैसे कमाने हैं तो ओटीसी (ओवर द काउंटर) खाता खोलना होगा। हरगोंविद ने एडमिन की सलाह मानकर अपनी पत्नी विनीता के नाम से ओटीसी खाता खोल लिया और ट्रेडिंग के लिए निवेश भी शुरू कर दिया।
लिंक भेजकर एप डाउनलोड कराया
हरगोविंद रावत ने अपनी तहरीर में बताया है कि ग्रुप पर लिंक भेजकर ट्रेडिंग के लिए एक एप डाउनलोड कराया गया। जहां अलग-अलग कंपनियों के शेयर में उन्होंने 21 लाख रुपये निवेश किए। उन्हें खाते में मोटा मुनाफा दिखाया गया। इसके बाद उन्हें और बड़े मुनाफे के लिए एक अन्य एप डाउनलोड कराया गया। ट्रेडिंग के बाद जब उन्होंने अपनी धनराशि निकालने का प्रयास किया तो धनराशि की मांग की गई। पीड़ित ने खुद अपने और पत्नी के बैंक खाते से बताए खातों में 21 लाख रुपये निवेश किए थे। साइबर ठगी की बात समझ में आने पर हरगोविंद रावत ने साइबर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
कई बार पैसे निकाले, फिर भी गंवा बैठे
इंदिरापुरम के नीति खंड निवासी संजीव सचदेवा को भी शातिरों ने शेयर ट्रेडिंग में मोटे मुनाफे का लालच देकर फंसा लिया। पीड़ित ने शुरू में छोटा- छोटा निवेश किया और चेक करने के लिए एप से धनराशि भी निकालते रहे। संजीव ने सात बार में अपने खाते से जब 45 हजार रुपये निकाल लिए तो भरोसा मजबूत हो गया। ठग भी इसी का इंतजार कर रहे थे। ठगों ने उन्हें एक कंपनी के आईपीओ में निवेश पर मोटे रिटर्न का लालच दिया और निवेश के नाम पर मोटी रकम ट्रांसफर कराने में कामयाब हो गए।
5.38 लाख का चूना लगा दिया
हालांकि निवेश करने से पहले संजीव ने बताई गई कंपनी का आईपीओ आनलाइन चेक किया तो कंपनी का आईपीओ लिस्टिंग के लिए आया हुआ था। उसके बाद संजीव ने जब बड़ी धनराशि निकालने का प्रयास किया तो उन्हें और निवेश करने के लिए कहा गया। साइबर फ्रॉड का शिकार होने की जानकारी के बाद संजीव ने भी साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। शातिरों ने संजीव सचेदवा को 5.38 लाख का चूना लगा दिया।
जानिए साइबर ठगी से कैसें बचें
साइबर ठगी से बचने के लिए सोशल मीडिया के जरिए मिलने पर लुभावने ऑफर्स पर यकीन न करें। किसी अनजान व्यक्ति पर विश्वास करने से पहले उसके बारे में जांच पड़ताल कर लें। निवेश करने से पहले अपने मित्र या संबंधी से सलाह अवश्य करें। अपने बैंक खाते की जानकारी भी किसी अनजान के साथ शेयर न करें और न ही अनजान सोर्स से मिले किसी लिंक पर क्लिक करें। शेयर ट्रेडिंग के लिए डीमेट एकाउंट का ही इस्तेमाल करें। किसी भी तरह की साइबर ठगी होने पर तुरंत 1930 पर कॉल करके शिकायत दर्ज कराएं।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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