मुजफ्फरपुर के चर्चित 11 वर्षीय विक्रम हत्याकांड मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. हत्याकांड की मास्टर माइंड मृतक की सगी चाची निकली है. उसने अपने पड़ोसी महिला और उसके बेटे के साथ मिलकर हत्या की वारदात को अंजाम दिया था. मृतक विक्रम की चाची रागिनी देवी ने अन्य आरोपितों के साथ मिलकर सब्जी काटने वाली हसिया से उसकी गला रेत हत्या कर दी थी.
हत्या में सुशील के पड़ोसी प्रह्लाद का पुत्र विद्यापति कुमार व उसकी मां पुनीता देवी भी शामिल थीं. पुलिस ने वारदात में इस्तेमाल हसिया व खून से सनी साड़ी बरामद की है. आरोपी चाची ने बदला लेने के लिए भतीजे की हत्या की थी. उसका अपने ही देवर से प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसका विरोध मृतक बच्चे के पिता करते थे. पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया है.
देवर से था प्रेम प्रसंग
मुजफ्फरपुर जिले के औराई थाना क्षेत्र के महरौली गांव के सुशील साह के पुत्र विक्रम की हत्या मामले का पुलिस ने खुलासा किया है. मामले लेकर ग्रामीण एसपी विद्या सागर ने बताया कि मृतक विक्रम कुमार की सगी चाची का उसके देवर से प्रेम प्रसंग था, जिसका विक्रम के पिता सुशील घर मे बड़े होने के कारण विरोध करते थे. मामला ग्रामीणों के बीच पहुचा तो समाज के लोगो ने दोनों को अलग कर दिया.
उसके प्रेम प्रसंग की बात खुलने पर देवर को पंचायत के माध्यम से दिल्ली भेज दिया गया. उसको सख्त हिदायत दी गई थी कि जब तक शादी नही होगी वापस नही लौटना है. जब दोनों अलग हो गए तो रागिनी काफी गुस्से में थी.
प्रेमी से बिछड़ने पर लिया बदला
उसे अपने प्रेमी देवर से बिछड़ने का गम था. इस बात से नाराज होकर उसने विक्रम के पिता से बदला लेने की ठानी. वहीं, सुशील का अपने पड़ोसी प्रह्नाद साह से जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. जमीनी विवाद के कारण दोनों में विवाद तनावपूर्ण था. इधर, देवर से बिछड़ने के गम में रागिनी के दिमाग मे विक्रम को रास्ते से हटा देने की साजिश चल रही थी. मौके का फायदा उठाकर रागिनी ने प्रह्लाद की पत्नी व बेटे के साथ मिलकर विक्रम को हत्या का प्लान बनाया.
हसिया से काट दिया गला
तीनों आरोपियों ने पतंग खरीदने का लालच देकर विक्रम को पहले सुनसान जगह पर पुराने मकान में ले गए. प्लानिग के अनुसार, रागिनी देवी को हत्या के लिए औजार लाना था. वह घर से सब्जी काटने वाल हसिया छिपा कर प्रह्लाद साह के पुराने मकान में लेकर गयी. वहां पहले से पुनीता देवी और प्रह्लाद मौजूद था. इस बीच रागिनी ने विक्रम का हाथ व मुंह दबाया और पुनीत ने हसिया ने उसका गला रेत दिया. तय प्लानिग के तहत तीनों ने वारदात को अंजाम दिया.
पुलिस ने आरोपियों को किया गिरफ्तार
लाश को ठिकाने लगाने के लिए इसकी जिम्मेदारी प्रहलाद के बेटे विद्यापति को दी थी. इस दौरान विद्यापति बाहर आने-जाने वालों पर नजर रख रहा था. विक्रम के परिवार वाले इसे खोजते हए प्रह्लाद साह के घर पर पहुच गए. बेटे का शव देखकर वह सन्न रह गए. वहीं, रागिनी देवी ने पुलिस से बचने के लिए जब शव बरामद हुआ तो परिवार के सदस्यों के साथ मातम मनाने में शामिल हो गई.
लेकिन पुलिस ने जब जांच शुरू की तो पता चला कि घर से विक्रम को लेकर उसकी चाची ही निकली थी. पुलिस पूछताछ में पहले रागिनी ने बहाना बनाया. पुलिस ने जब सख्ती दिखाई तो सारा राज उगल दिया और अपना गुनाह स्वीकार कर लिया. पूछताछ के बाद पुलिस ने तीनों को कोर्ट में पेश किया.. यहां से तीनों को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया
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