तिब्बत, नेपाल, बांग्लादेश और भारत में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. भूकंप का केंद्र तिब्बत और नेपाल था. इस भूकंप ने तिब्बत में सबसे ज्यादा तबाही मचाई है. 6.8 तीव्रता वाले इस भूकंप में 126 लोगों की मौत हुई है. 188 लोग घायल हुए हैं. इस तबाही की जो तस्वीरें सामने आई हैं, वो डराने वाली हैं. भूकंप में इमारतें ही जमींदोज नहीं हुईं बल्कि पहाड़ भी खंड-खंड हो गए.
तिब्बत में शिगाजे शहर के डिंगरी काउंटी में भूकंप के झटके महसूस किए गए. यूएसजीएस रिपोर्ट के अनुसार, सुबह सात बजे के आसपास एक घंटे के भीतर कम से कम छह बार भूकंप के तेज झटके दर्ज किए गए.
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शिगाजे को शिगास्ते के नाम से भी जाना जाता है, ये भारत की सीमा के पास है. शिगात्से तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक है. यह पंचेन लामा की पारंपरिक सीट है, जो तिब्बती बौद्ध धर्म के एक प्रमुख व्यक्ति हैं. तिब्बत में पंचेन लामा, आध्यात्मिक गुरु दलाई लामा के बाद दूसरे नंबर की हैसियत रखते हैं.
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भूकंप का केंद्र डिंगरी काउंटी के त्सोगो कस्बे में था. तिब्बती पठार को शक्तिशाली भूकंप संभावित क्षेत्र माना जाता है. यह उस जगह स्थित है जहां टेक्टोनिक यूरेशियन और भारतीय प्लेटें मिलती हैं. ये प्लेटें अक्सर अत्यधिक बल के साथ टकराती हैं.
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तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने डिंगरी काउंटी में आए विनाशकारी भूकंप में लोगों की मौत पर दुख जताया है. उन्होंने कहा कि आज सुबह तिब्बत और आसपास के क्षेत्रों में भूकंप विनाशकारी आया. इसके बारे में जानकर बहुत दुख हुआ.
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दलाई लामा ने कहा, भूकंप से कई लोगों की मौत हुई है. कई लोग घायल हुए हैं. घरों और संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा है. मैं उन लोगों के लिए प्रार्थना करता हूं, जिन्होंने जान गंवाई है. जो लोग घायल हुए हैं, उनके जल्द से जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं.
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बता दें कि साल 2015 में नेपाल में आए 8.1 तीव्रता के भूकंप में भी शिगास्ते को काफी नुकसान पहुंचा था. 2015 में नेपाल और हिमालय क्षेत्र में 8.1 तीव्रता वाले भूकंप में शिगास्ते क्षेत्र में 18 लोग मारे गए थे. 55 घायल हुए थे.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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