Noida Desk :
eSanjeevani, भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू की गई राष्ट्रीय टेलीमेडिसिन सेवा, अब दुनिया में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल में सबसे बड़ी डॉक्यूमेंटेड टेलीमेडिसिन कार्यान्वयन प्रणाली बन चुकी है। यह सेवा अब तक 33 करोड़ से अधिक मरीजों को 131,315 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (स्पोक) के माध्यम से 16,852 से अधिक हब और 677 ऑनलाइन OPD के जरिए डॉक्टरों, चिकित्सा विशेषज्ञों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान कर चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी के डिजिटल इंडिया विजन से प्रेरित
eSanjeevani को नवंबर 2019 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया विजन के तहत लॉन्च किया गया था, जिसका उद्देश्य गुणवत्ता स्वास्थ्य सेवाओं को देश के दूरदराज के क्षेत्रों में पहुंचाना था। यह सेवा आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आने वाली दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका उद्देश्य सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज प्राप्त करना है।
eSanjeevani के दो प्रमुख रूप
eSanjeevani प्लेटफॉर्म को दो मुख्य रूपों में लागू किया गया है। पहला eSanjeevaniAB-HWC (प्रदाता-से-प्रदाता टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म) यह मॉडल स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (HWCs) में आने वाले मरीजों के लिए टेलीकंसल्टेशन प्रदान करता है। यहां समुदाय स्वास्थ्य अधिकारी मरीजों को टेलीमेडिसिन सेवाओं के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों और चिकित्सा कॉलेजों से जोड़ते हैं। यह हब-एंड-स्पोक मॉडल पर आधारित है। दूसरा, eSanjeevaniOPD (रोगी-से-प्रदाता टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म) यह प्लेटफॉर्म नागरिकों को उनके घर से ही स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है, जिससे उन्हें स्मार्टफोन या लैपटॉप के माध्यम से डॉक्टरों से कंसल्टेशन मिलती है।
ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवा में सुधार
eSanjeevani ने विशेष रूप से ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवा की पहुंच में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। पहले जहां ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाएं सीमित थीं और मरीजों को उचित इलाज के लिए दूरदराज के अस्पतालों तक यात्रा करनी पड़ती थी, अब eSanjeevani ने यह दूरी खत्म कर दी है। अब ग्रामीण लोग भी डॉक्टरों से ऑनलाइन परामर्श प्राप्त कर सकते हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य सेवा में सुधार हुआ है।
महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को लाभ
eSanjeevani प्लेटफॉर्म का एक बड़ा लाभ यह है कि इसका अधिकांश लाभ कमजोर वर्गों, जैसे महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को मिल रहा है। रिपोर्ट के अनुसार, eSanjeevani के 57 प्रतिशत लाभार्थी महिलाएं हैं और लगभग 12 प्रतिशत लाभार्थी वरिष्ठ नागरिक हैं। यह दर्शाता है कि यह प्लेटफॉर्म उन लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रहा है जो आमतौर पर स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित रह जाते हैं।
eSanjeevani का भविष्य और विस्तार
eSanjeevani के सफलता के बाद, इसे और भी विकसित किया गया है। मार्च 2023 में eSanjeevani 2.0 को लॉन्च किया गया, जिसमें पॉइंट ऑफ केयर डायग्नोस्टिक डिवाइस (PoCDs) की एक विस्तृत श्रृंखला का एकीकरण किया गया है। यह डिवाइस चिकित्सीय परीक्षणों के परिणाम मिनटों में प्रदान करती है, जिससे शीघ्र निदान और त्वरित निर्णय लेने में मदद मिलती है। भारत में eSanjeevani जैसे टेलीमेडिसिन प्लेटफॉर्म की सफलता, न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में क्रांति ला रही है, बल्कि यह देश के डिजिटल स्वास्थ्य भविष्य को भी आकार दे रही है।
देश में चौथे नंबर पर उत्तर प्रदेश
eSanjeevani सेवा का लाभ लेने के मामले में उत्तर प्रदेश चौथे स्थान पर है। अब तक eSanjeevani का लाभ लेने वाले लोगों की कुल संख्या 33,17,05,592 है। इसमें से उत्तर प्रदेश से 2,74,29,124 लोगों ने इस सेवा का लाभ लिया है। 5,96,08,101 लाभार्थियों के साथ आंध्र प्रदेश पहले नंबर पर है। दूसरे नंबर पर 5 करोड़ 18,279 बंगाल है। 4,29,11,197 लाभार्थियों के साथ तमिलनाडु तीसरे नंबर पर है। 2 करोड़ 2 लाख 33 हजार 326 लाभार्थियों के साथ पांचवे नंबर पर है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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