प्रतीकात्मक तस्वीर.
छत्तीसगढ़ के धमतरी में गंगाजल में साइनाइड मिलाकर लोगों की हत्या करने वाला सीरियल किलर सुखवंत साहू उर्फ सुखु सलाखों के पीछे है. वो खुद को तांत्रिक बताता था. अपने ही जोड़ीदार की हत्या के मामले में वो ऐसा फंसा कि उसके पुराने सभी अपराध पुलिस के सामने खुल गए. तांत्रिक लोगों को पैसों की बारिश कराने के नाम पर पैसे ऐंठता. पैसे हाथ में आते ही कहता कि अब मैं तंत्र साधना शुरू करता हूं. फिर वो अपने शिकार को साइनाइड मिला गंगाजल पिलाकर मार डालता.
किसी को भी तांत्रिक पर शक नहीं होता क्योंकि साइनाइड का स्वाद नहीं होता है. उसे मिलाने पर पता नहीं चल पाता कि खाने या पीने में कुछ मिला भी है. तांत्रिक के इस खेल में उसका साथी बीरेंद्र देवांगन भी साथ देता था. तांत्रिक का ये खेल कैसे उस पर भारी पड़ गया चलिए जानते सिलसिलेवार तरीके से…
पहला केस- नवा रायपुर निवासी हंसराम साहू (60) रिटायर कर्मी थे. डेढ़ साल पहले भिलाई के एक युवक के माध्यम से वो सुखवंत के संपर्क में आए. सुखवंत ने उसे झांसा दिया कि वह नोटों की बारिश कराता है. हंसराम झांसे में आ गए और डेढ़ लाख रुपये तांत्रिक को दे दिए. लेकिन जब कोई असर नहीं हुआ तो हंसराज अपने पैसे वापस मांगने लगे. तब 27 नवंबर 2024 को बीरेंद्र के साथ हंसराम के घर गया. वहां पूजा के दौरान गंगाजल में साइनाइड मिलाकर उन्हें पिलाया. इससे हंसराम की मौत हो गई. फिर उन्होंने लाश को ठिकाने लगा दिया. पोस्टमार्टम में हंसराज की मौत का कारण हार्ट अटैक आया. इस कारण केस बंद कर दिया गया.
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दूसरा केस- 29 नवंबर 2024 को हंसराज की तरह ही सुखवंत ने अभनपुर निवासी नरेंद्र साहू (37) से पूजा के लिए डेढ़ लाख रुपये लिया था. नरेंद्र जब पैसे को वापस देने की मांग करने लगा. हंसराज की हत्या के बाद सुखवंत ने नरेंद्र को फोन लगाया. उसे संकरी नर्सरी के पास रात में बुलाया, जहां पूजा का सामान लेकर नरेंद्र पहुंचा. बीरेंद्र बाइक पर बैठा रहा. सुखवंत पूजा कराने खेत में आया. पूजा करने के बाद सुखवंत ने नरेंद्र को साइनाइड वाला गंगाजल दे दिया. सुबह नरेंद्र का शव मिला. उस केस में भी मौत का कारण हार्ट अटैक आया और केस बंद हो गया.
तीसरा केस- तीन दिसंबर 2024 को गंगरेल रोड पर बीरेंद्र देवांगन (55) शव मिला था. चेहरे को कुचल दिया गया था, ताकि पहचान न हो सके. तकनीकी जांच में सुखवंत साहू उर्फ सुखू का नंबर सामने आया. पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया. तब सुखवंत ने पहली दो हत्याओं को भी कबूल कर लिया. अगर वो बीरेंद्र को साइनाइड देकर मारता तो शायद सुखवंत कभी न पकड़ा जाता.
10 हजार रुपये में खरीदा था साइनाइड
सुखवंत ने बताया कि बीरेंद्र से उसकी पुरानी पहचान थी. दोनों तंत्र पूजा करते थे. बीरेंद्र को पता था कि सुखवंत ने रायपुर के दो लोगों से पैसे लिए हैं और उनकी हत्या कर दी है. राज उजागर न करने के बदले में वह सुखवंत से पैसा मांग रहा था. इसी से विवाद हुआ और सुखवंत ने बीरेंद्र को भी मार दिया. सुखवंत ने बताया- उसे साइनाइड के प्रयोग से हत्या करने की जानकारी सावधान इंडिया नाम के धारावाहिक से मिली थी. साइनाइड की व्यवस्था उसने ऑनलाइन की थी. उसने 10 हजार रुपये में साइनाइड खरीदा था. पहले उसने एक जानवर को साइनाइड पिलाया. उसकी मौत हो गई तो उसके बाद वो इसका इस्तेमाल अपने शिकार पर करने लगा.
– India Samachar
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