राजधानी लखनऊ में नाका स्थित होटल में पिता बदर के साथ मिलकर मां व चार बहनों की हत्या करने के आरोपी अरशद की हरकतें किसी अभ्यस्त अपराधी की तरह हैं। सूत्रों के मुताबिक बैरक के भीतर भी वह सामान्य रहा। जेल में आने वाले नए बंदियों की तरह उसमें बेचैनी नहीं दिखी। इससे इस आशंका को बल मिल रहा है कि जेल जाना भी उसकी साजिश का हिस्सा था। तभी उसने भागने या आत्महत्या करने की जगह सरेंडर किया था।
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इससे पहले जेल में जाते ही अरशद ने सबसे पहले खाना मांगा। बोला- भूख लगी है। दो दिन से खाना नहीं खाया हूं। मुझे खाना चाहिए। जेलकर्मियों ने उसे भोजन उपलब्ध कराया। इसके बाद उसे मुलाहिजा बैरक में बंद कर दिया गया। बताया गया कि खाना खाने के बाद वह आराम से सो गया। शुक्रवार सुबह भी वह सामान्य नजर आया और गणना में शामिल हुआ। सूत्रों के मुताबिक अरशद का व्यवहार देखकर जेलकर्मियों को कहीं से भी नहीं लगा कि उसने अपनी मां व चार बहनों की हत्या की है।
अरशद के परिजनों के आने का इंतजार
पुलिस दिल्ली में रहने वाले अरशद के ताऊ और चाचा के लखनऊ आने का इंतजार कर रही है। माना जा रहा है कि अरशद की जमानत अर्जी डालने या उससे मुलाकात करने के लिए परिजन आएंगे। हालांकि, अभी तक अरशद की मां अस्मा के मायके वालों के अलावा किसी और ने पुलिस से संपर्क नहीं किया है। पुलिस अरशद के ताऊ और चाचा के बारे में जानकारी जुटा रही है।
ये है मामला
आगरा निवासी अरशद अपने पिता, मां और चार बहनों के साथ 30 दिसंबर को लखनऊ आया था। सभी चारबाग स्थित होटल में ठहरे थे। 31 दिसंबर की रात में पिता के साथ मिलकर अरशद ने चार बहनों और मां की हत्या कर दी थी। आरोपी ने हत्या के बाद वीडियो भी बनाया था और बस्ती के लोगों पर परेशान करने समेत कई आरोप लगाए थे। घटना के बाद अरशद का पिता भाग निकला था।
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