यमन के राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने केरल की नर्स निमिषा प्रिया की मौत की सजा को मंजूरी दे दी है. निमिषा को यमन में हत्या का दोषी पाया गया था. सजा पर अमल एक महीने के भीतर होगा. इस बीच भारतीय विदेश मंत्रालय का जवाब सामने आया है और उसने निमिषा प्रिया के परिवार को मामले से संबंधित हर संभव मदद करने का वादा किया है.
निमिषा प्रिया के मामले के संबंध में मीडिया के प्रश्नों के उत्तर में विदेश मंत्रालय के आधिकारिक प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘हमें यमन में निमिषा प्रिया की सजा के बारे में जानकारी है. हम समझते हैं कि प्रिया का परिवार प्रासंगिक विकल्पों पर विचार कर रहा है. सरकार इस मामले में हर संभव सहायता प्रदान कर रही है.’ केरल के पलक्कड़ की रहने वाली निमिषा को 2018 में एक यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का दोषी ठहराया गया था और तब से वह यमन की केंद्रीय जेल में बंद हैं.
अब कैसे होगी निमिषा की रिहाई?
निमिषा प्रिया की रिहाई पीड़ित तलाल अब्दो माहदी के परिवार और उनके आदिवासी नेताओं से माफी मिलने पर निर्भर थी. उनकी मां प्रेमा कुमारी यमन की राजधानी सना में रह रही थीं, जहां वे मृत्युदंड की सजा को माफ करवाने और पीड़ित परिवार के साथ ब्लड मनी के लिए बातचीत करने के लिए काम कर रही थीं. वे सैमुअल जेरोम के घर पर रहती हैं, जो एक एनआरआई सामाजिक कार्यकर्ता हैं और सेव निमिषा प्रिया एक्शन काउंसिल की गतिविधियों का समन्वय करते हैं.
In response to media queries regarding the case of Nimisha Priya, MEA Official Spokesperson, Randhir Jaiswal says “We are aware of the sentencing of Nimisha Priya in Yemen. We understand that the family of Priya is exploring relevant options. The government is extending all pic.twitter.com/Iw35K83AA9
— ANI (@ANI) December 31, 2024
सितंबर में पीड़ित परिवार के साथ बातचीत अचानक रुक गई थी, जब भारतीय दूतावास की ओर से नियुक्त वकील अब्दुल्ला अमीर ने 20,000 डॉलर (लगभग 16.6 लाख रुपए) की पूर्व-बातचीत फीस की मांग की थी. अमीर ने कहा था कि यह भुगतान किए जाने के बाद ही बातचीत फिर से शुरू होगी. 4 जुलाई को भारत के विदेश मंत्रालय के माध्यम से वकील को 19,871 डॉलर का चेक दिया गया. हालांकि, बातचीत आगे बढ़ने से पहले अमीर ने दो किस्तों में 40,000 डॉलर के कुल भुगतान पर जोर दिया.
पति के शरीर के टुकड़े कर टैंक में फेंका
सेव निमिषा प्रिया इंटरनेशनल एक्शन काउंसिल ने क्राउडफंडिंग के जरिए पहली किस्त जुटाई, लेकिन बाद में डॉनर्स को यह बताने में संघर्ष करना पड़ा कि एकत्रित धन को कैसे खर्च किया गया. पलक्कड़ की मूल निवासी निमिषा प्रिया को यमनी नागरिक तलाल अब्दो माहदी की हत्या के लिए 2017 में मौत की सजा सुनाई गई थी. अभियोजन पक्ष ने पाया था कि निमिषा ने माहदी की हत्या की, जिसके साथ उसने सना में एक स्वास्थ्य क्लिनिक शुरू किया था और बाद में जुलाई 2017 में शादी कर ली थी. उसने अपने पति के शरीर के टुकड़े किए और उसके हिस्सों को एक टैंक में फेंक दिया. कथित तौर पर इसका मकसद माहदी द्वारा कथित तौर पर उसे दी गई यातना का बदला लेना था. निमिसा ने अदालत को बताया था कि उसने उसका पासपोर्ट भी जब्त कर लिया था. उन्हें यमन से भागने की कोशिश करते समय गिरफ्तार किया गया था और 2018 में उसे दोषी ठहराया गया था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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