पाकिस्तान के लिए दिसंबर का महीना बेहद मुश्किल साबित हो रहा है. पिछले कुछ दिनों में पड़ोसी मुल्क में लश्कर के तीन बड़े आतंकवादी मारे गए हैं. इन तीनों आतंकवादियों की मौत अलग-अलग वजहों से हुई है. ताजा मामला अब्दुल रहमान मक्की से जुड़ा हुआ है जो कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का डिप्टी चीफ और हाफिज मोहम्मद सईद का रिश्तेदार था. रिपोर्ट के मुताबिक मक्की की मौत हार्ट अटैक से हुई है.
संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, अब्दुल रहमान मक्की ने लश्कर-ए-तैयबा के फॉरेन रिलेशन डिपार्टमेंट के प्रमुख के रूप में कार्य किया और सदस्य रहा. अब्दुल रहमान मक्की का जन्म 10 दिसंबर 1954 को हुआ था. हालांकि, कहीं 1948 भी दर्ज है. यह जमात-उद-दावा (JUD) में भी कई पदों पर रहा. मक्की लश्कर प्रमुख हाफिज मुहम्मद सईद का बहनोई है और भारत सरकार को वांछित है. वह धन जुटाने, युवाओं को भर्ती करने और कट्टरपंथी बनाने और भारत में, खासकर जम्मू-कश्मीर में हिंसक हमलों की योजना बनाने में सक्रिय रूप से शामिल था.
कई हमलों का जिम्मेदार था मक्की
मक्की को कई हमलों का जिम्मेदार माना जाता था. 2000 में लाल किले पर हमला, जहां 6 आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर गोलीबारी की. इसके बाद 2008 का रामपुर हमला, जहां, पांच आतंकवादियों ने सात सीआरपीएफ कर्मियों और एक रिक्शा चालक की हत्या कर दी थी. इसके बाद 26/11 मुंबई हमला, जहां पाकिस्तान के 10 आतंकवादियों ने कई स्थानों को निशाना बनाया था, जिसमें 150 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, जैसे कई बड़े हमलों में मक्की की अहम भूमिका रही.
2018 में श्रीनगर के करण नगर में स्थित सीआरपीएफ कैंप पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें एक जवान शहीद हो गया था और एक पुलिसकर्मी घायल हो गया था. 2018 के खानपोरा, बारामूला हमला, जिसमें आतंकवादियों ने तीन नागरिकों की हत्या कर दी थी, जैसे कई बड़े हमलों में मक्की का ही रोल सामने आया था. मक्की को 15 मई को पाकिस्तान में ही गिरफ्तार किया गया था और फिर लाहौर में नजरबंद कर दिया गया था. इसके बाद 2020 में एक पाकिस्तानी अदालत ने आतंकवाद वित्तपोषण के मामले में दोषी ठहराया और जेल की सजा सुनाई.
10 दिसंबर को अब्दुल अजीज अल्वी की हुई थी मौत
10 दिसंबर को पाकिस्तान का खूंखार आतंकी अब्दुल अजीज अल्वी ने दम तोड़ दिया था. अल्वी की मौत पीओके के मुजफ्फराबाद में हुआ था. इसी तरह से 23 दिसंबर को रावलकोट में आतंकी शकील-उर-रहमान आदिल की मौत हो गई. आदिल की गिनती भी लश्कर के बड़े और खूंखार आतंकवादियों में होती रही है. विस्फोट समेत कई आतंकी हमलों में उसका नाम सामने आ चुका था.
मार्च में शेख जमील उर रहमान की हुई थी मौत
दिसंबर से पहले की बात करें तो मार्च में पाकिस्तान के एक खूंखार आतंकी की रहस्यमय तरीके से मौत का मामला सामने आया था. इस आतंकी का नाम शेख जमील-उर-रहमान था, जो कि पाकिस्तान के एबटाबाद का रहने वाला था. शेख जमील उर रहमान मूल रूप से कश्मीर के पुलवामा जिले का रहने वाला था. भारत सरकार ने 2022 में उसे आतंकी घोषित किया था. माना जाता था कि जमील पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर काम करता था. जमील उर रहमान यूनाइटेड जिहाद काउंसिल का सेक्रेटरी जनरल भी था.
रियाज अहमद और शाहिद लतीफ की भी हो चुकी है मौत
पाकिस्तान में कुछ आतंकियों की रहस्यमयी तरीके से हत्याएं भी हुई हैं. इसमें लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर रियाज अहमद, पठानकोट हमले का मास्टरमाइंड शाहिद लतीफ, लश्कर-ए-तैयबा का कमांडर मुफ्ती कैसर फारूख, खालिस्तानी कमांडो फोर्स के चीफ परमजीत सिंह, पंजवड़ और लश्कर कमांडर अकरम गाजी शामिल है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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