उत्तर प्रदेश में बीजेपी की सरकार है, लेकिन जब उसी पार्टी के विधायक के खिलाफ शिकायत आती है, तो क्या होता है? गोरखपुर मंडल के एक बीजेपी विधायक के खिलाफ मजदूरों ने सीएम पोर्टल और गोरखनाथ मंदिर स्थित कैंप कार्यालय पर शिकायत दर्ज करवाई है.मजदूरों का कहना है कि महाराजगंज जिले के विधायक ने उनसे अपने घर में ढाई महीने तक पेंट-पॉलिश का काम करवाया, लेकिन जब मजदूरी की बात आई, तो विधायक ने पैसे देने से इंकार कर दिया.
इसके बजाय उन्होंने मजदूरों को फर्जी मुकदमे में फंसाने और जेल भेजने की धमकी दी. मजदूरों का कहना है कि उनके पास पैसे नहीं हैं और वे परिवार का पालन करने में कठिनाई महसूस कर रहे हैं.
मजदूरों ने बताया कि वे काम की तलाश में महाराजगंज जिले के विधायक के पास गए थे. विधायक ने उन्हें अपने घर पर काम करने के लिए कहा, और 3 अप्रैल से 17 जून, 2024 तक लगातार काम कराया. मजदूरों ने काम की शुरुआत में ही विधायक से पैसा देने का वादा किया था, लेकिन जब काम पूरा हुआ तो विधायक ने पैसे देने से मना कर दिया.
काम पूरा होने के बाद भी नहीं मिला भुगतान
इंद्रजीत गिरी, जो इन मजदूरों में से एक है, ने बताया कि काम के दौरान विधायक ने यह कहा था कि काम पूरा होने से पहले कोई भुगतान नहीं होगा, ताकि काम अधूरा न हो जाए. लेकिन काम पूरा होने के बाद, जब मजदूरों ने पैसे की मांग की, तो विधायक ने बाद में देने का वादा किया. अब जून से लेकर दिसंबर तक का समय बीत चुका है, लेकिन मजदूरी का भुगतान नहीं किया गया है.
धमकियों का सामना
इंद्रजीत ने बताया कि उनका कुल बकाया ₹50,500 है, जिसमें उनकी अपनी रकम ₹10,000, अन्य मजदूरों का ₹7,000 से लेकर ₹1,500 तक बकाया है. उन्होंने यह भी कहा कि जब वे विधायक के घर जाते हैं, तो विधायक के परिवार वाले उन्हें टालते हुए यह कहते हैं कि पैसा भूल जाओ, और बार-बार मांगने पर फर्जी मुकदमे में फंसाकर जेल भेजने की धमकी देते हैं.
वहीं, विधायक का कहना है कि मजदूर ने उनका काम अधूरा छोड़ दिया है और वह समय पर काम पूरा नहीं कर पाए. विधायक का कहना था कि यदि मजदूर काम पूरा कर देता है, तो उन्हें पैसे देने में कोई समस्या नहीं होगी.
प्रशासनिक अधिकारियों की उलझन
इस मामले पर प्रशासनिक अधिकारी भी हरकत में आए हैं, लेकिन वे इस उलझन में हैं कि सत्ता पक्ष के विधायक के खिलाफ किस प्रकार की कार्रवाई की जाए. सूत्रों के अनुसार, किसी अधिकारी ने विधायक से मजदूरों की मजदूरी का भुगतान करने को कहा है, लेकिन मामले में कार्रवाई अभी तक साफ नहीं हुई है.
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