उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (DGP) प्रशांत कुमार ने महाकुंभ की सुरक्षा को लेकर अहम बयान दिया है. उन्होंने कहा कि महाकुंभ हमारे लिए एक बड़ा अवसर है. हम पिछले दो वर्षों से इसकी तैयारी कर रहे हैं. इस महाकुंभ में करीब 40 से 45 करोड़ लोग 45 दिनों के भीतर प्रयागराज आएंगे. इस दौरान किसी भी प्रकार के हादसे से बचने के लिए हम तकनीकी उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
DGP प्रशांत कुमार ने बताया कि इस साल मेला क्षेत्र में 200 करोड़ रुपए की लागत से नए उपकरण खरीदे गए हैं. पूरे मेले की सुरक्षा के लिए AI-Enabled CCTV सिस्टम लगाया जाएगा, जिससे सुरक्षा और मजबूत हो सके. साथ ही, अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भी कड़ी निगरानी रखी जा रही है.
सुरक्षा के लिए डिजिटल वारियर्स की टीम
महाकुंभ की सुरक्षा के लिए सात स्तरीय व्यवस्था बनाई गई है. पुलिस बल के जवानों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके अलावा, अफवाहों को रोकने के लिए डिजिटल वारियर्स की टीम बनाई जा रही है, जिसमें स्कूल और कॉलेज के बच्चे भी शामिल होंगे. साइबर सुरक्षा के लिए देश की साइबर क्राइम एजेंसियों से मदद ली जा रही है. इनमें से कुछ एजेंसियां प्रयागराज में मेला क्षेत्र में अपना ऑफिस भी खोलेंगी.
पीलीभीत में एनकाउंटर
DGP ने पीलीभीत में हुए एनकाउंटर का भी जिक्र किया, जिसमें खालिस्तान समर्थित तीन लोगों को मारा गया. ये तीनों पंजाब में एक चौकी पर हमला करने के आरोप में फरार चल रहे थे. वहीं लखनऊ में एक बड़ी चोरी का खुलासा किया गया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर 1.883 किलोग्राम सोना बरामद किया है. बाकी आरोपियों की तलाश जारी है.
एनकाउंटर और समन्वय पर DGP का बयान
एनकाउंटर पर उठे सवालों के जवाब में DGP प्रशांत कुमार ने कहा कि फेडरल सिस्टम में राज्य पुलिस के बीच अच्छा समन्वय होना चाहिए. यह काम सही तरीके से किया गया है. चिनहट बैंक लूट मामले में उन्होंने बताया कि यह एक बिहार गैंग का काम था. वे कुछ दिनों तक यहां रहकर बैंक की रेकी कर रहे थे. बैंक की सुरक्षा व्यवस्था में खामियां थीं, जिससे यह घटना हुई.
इस प्रकार, उत्तर प्रदेश पुलिस महाकुंभ की सुरक्षा के लिए पूरी तैयारी में जुटी हुई है और अन्य अपराधों से निपटने के लिए भी कड़ी कार्रवाई कर रही है.
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