अमेरिकी सरकार ने ऐलान किया कि उसने एक सीरियाई विद्रोही नेता को पकड़ने के लिए प्रस्तावित एक करोड़ अमेरिकी डॉलर के इनाम को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है. यह फैसला दमिश्क में हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के नेता अहमद अल-शरा, जो पहलो अल-कायदा से जुड़े थे और मध्य पूर्व के लिए शीर्ष अमेरिकी राजनयिक बारबरा लीफ के बीच हुई बैठक के बाद लिया गया है. बारबरा लीफ असद के निष्कासन के बाद सीरिया में पहली अमेरिकी राजनयिक हैं, जिन्होंने सीरिया के नए नेता से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया है.
इस महीने की शुरुआत में सीरियाई विद्रोहियों ने असद परिवार के 50 सालों से लंबे शासन को उखाड़ फेंका था. दावा किया जा रहा है कि असद सरकार से लड़ने वाले इन विद्रोहियों को तुर्की और अमेरिका ने मदद की है. विद्रोही संगठन के सत्ता संभालने के बाद से ही अमेरिका अहमद अल-शरा को मोस्ट वांटेड की लिस्ट से निकालने पर विचार कर रहा था.
HTS अभी भी आतंकवादी संगठन की लिस्ट में!
अहमद अल शरा के संगठन HTS को अभी भी विदेशी आतंकवादी संगठन की लिस्ट से निकाला नहीं गया है. लीफ ने यह नहीं बताया कि संगठन पर लगे प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी या नहीं, लेकिन उन्होंने मीडिया से कहा कि अल-शरा ने आतंकवाद को त्यागने का वादा किया है और इसके परिणामस्वरूप अमेरिका अब इनाम नहीं देगा.
लीफ ने कहा, “हमने इस बात पर चर्चा की कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि आतंकवादी समूह सीरिया के अंदर या बाहर, जिसमें क्षेत्र में अमेरिकी अलाय शामिल हैं, उनके लिए कोई खतरा न पैदा करे.”
“शब्दों से नहीं काम से करेंगे आंकलन”
लीफ और दूसरे अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि अल्पसंख्यकों और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के बारे में अल-शरा के सार्वजनिक बयानों का स्वागत है, लेकिन उन्हें संदेह है कि वह लंबे समय तक उन पर अमल करेंगे या नहीं. उन्होंने माना कि ये पहली अच्छी मुलाकात थी, साथ ही कहा कि हम सिर्फ शब्दों से नहीं बल्कि कामों से आंकलन करेंगे.
बता दें कि अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के सीरिया दौरे के मकसद देश में समावेशी सरकार के लिए दबाव बनाना और लापता अमेरिकी पत्रकार ऑस्टिन टाइस के बारे में जानकारी हासिल करना था.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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