उत्तर प्रदेश के कानपुर में तैनात रहे एसीपी मोहसिन खान के ऊपर आईआईटी की छात्रा ने रेप का आरोप लगाया है. हालांकि, एसीपी मोहसिन खान को हाइकोर्ट से अरेस्ट स्टे मिल गया है. अब पीड़ित छात्रा ने आशंका जताई है कि उसके ऊपर झूठे मुकदमे लगाए जा सकते हैं. छात्रा ने यह भी कहा कि अगर ऐसा हुआ तो वो सुसाइड को मजबूर हो जाएगी. यह सब बातें एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से छात्रा ने कही है.
कानपुर IIT की एक छात्रा ने कानपुर में तैनात एसीपी मोहसिन खान पर रेप का आरोप लगाया था. पीड़िता के अनुसार, एसीपी IIT से साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई कर रहे हैं. वहीं पर रिसर्च स्कॉलर से नजदीकी बढ़ गई. एसीपी ने उससे प्यार में फंसाकर रेप किया. एसीपी के शादीशुदा होने के साथ अन्य सच्चाई सामने आने पर पीड़िता ने कानपुर पुलिस कमिश्नर से शिकायत की.
हाई कोर्ट ने मोहसिन खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी
पुलिस कमिश्नर के आदेश पर डीसीपी अंकिता शर्मा और एडीसीपी अर्चना सिंह ने छात्रा से पूछताछ की. पुलिस कमिश्नर अखिल कुमार के आदेश पर इस मामले मे एसीपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया. एसीपी मोहसिन खान ने हाई कोर्ट का रुख किया और गुरुवार को हाई कोर्ट ने मोहसिन खान की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. गिरफ्तारी पर रोक लगने के बाद छात्रा ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक संदेश जारी किया है जिसमें खुद के ऊपर झूठे मुकदमे की आशंका जताई है. यह पोस्ट छात्रा द्वारा गुमनाम नाम से पोस्ट करने की बात कही जा रही है.
इस पोस्ट में लिखा है कि ‘मैं उत्तर प्रदेश के कल्याणपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में शिकायतकर्ता हूं. पीपीएस अधिकारी मोहसिन खान से जुड़े इस संवेदनशील मामले में पीड़ित होने के नाते, मैं अपने ऊपर होने वाले गंभीर नतीजों को लेकर बहुत चिंतित हूं. इस तरह के जघन्य अपराध का शिकार होने के बावजूद, अब मोहसिन खान और उनके वकील गौरव दीक्षित द्वारा बदनामी का शिकार हो रही हूं. जबकि मैं समझती हूं कि आरोपी को अपना बचाव करने का अधिकार है, लेकिन इस्तेमाल की गई रणनीति गंभीर रूप से चिंताजनक है.
‘झूठी कहानियों ने मुझे डरा दिया है’
पोस्ट में आगे लिखा है कि एसीपी केवकील ने खुले तौर पर मुझ पर एक मासूम बच्चे की हत्या के प्रयास का आरोप लगाया है. इसके अलावा, हाई कोर्ट में मेरे कथित विवाह के बारे में मनगढ़ंत दावों का इस्तेमाल कर मेरे चरित्र को खराब करने और मेरे मामले को कमजोर करने के लिए किया जा रहा है. इन झूठी कहानियों ने मुझे डरा दिया है कि मोहसिन खान, जिनका आचरण उजागर हो चुका है लेकिन जिन्हें अभी तक निलंबित या गिरफ्तार नहीं किया गया है, मेरे खिलाफ झूठे आरोप दायर कर सकते हैं.
पीड़िता ने लिखा, मैं विशेष रूप से असुरक्षित हूँ क्योंकि ये मनगढ़ंत मामले मेरे करियर और भविष्य पर विनाशकारी परिणाम दे सकते हैं. मैं सरकारी सिविल सेवा परीक्षाओं की तैयारी कर रही हूं और विदेश में अवसरों का लाभ उठाने की योजना भी बना रही हूं, जिसके लिए वीज़ा प्राप्त करने के लिए एक साफ रिकॉर्ड की आवश्यकता होती है. एक भी झूठा मामला, भले ही निराधार हो, मेरे करियर की संभावनाओं और उस जीवन को नष्ट कर सकता है जिसे मैंने बनाने के लिए कड़ी मेहनत की है.
‘मेरे खिलाफ कोई झूठा मामला दर्ज न किया जाए’
पीड़िता ने सोशल मीडिया पर आगे लिखा कि भारत एक ऐसा देश है जहां महिलाएं अक्सर अपनी शिकायतें व्यक्त करने और न्याय पाने के लिए संघर्ष करती हैं. मैं खुद से पूछती हूं कि मैं इस व्यवस्था में न्याय पाने की उम्मीद कैसे कर सकती हूं? इस याचिका के माध्यम से, मैं ईमानदारी से और सम्मानपूर्वक आपसे (प्रदेश सरकार) और उत्तर प्रदेश पुलिस से अपील करती हूं कि वे यह सुनिश्चित करें कि मोहसिन खान या उनके सहयोगियों द्वारा मेरे खिलाफ कोई झूठा मामला दर्ज न किया जाए. भले ही मूल शिकायत के लिए न्याय न मिल सके, मैं आपसे अनुरोध करती हूं कि मुझे आगे और उत्पीड़न से बचाने में आपका समर्थन करें.
न्याय की तलाश में मैंने पहले ही अपनी गरिमा और प्रतिष्ठा का बलिदान कर दिया है. मैं अपने करियर और भविष्य का बलिदान नहीं कर सकती. अगर यह उत्पीड़न अनियंत्रित रूप से जारी रहा, तो मुझे डर है कि मेरे पास कोई विकल्प नहीं बचेगा और मैं आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर हो सकती हूं. कृपया न्याय की अखंडता को बनाए रखने और एक नागरिक के रूप में मेरी सुरक्षा और अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए हस्तक्षेप करें.
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