Greater Noida News :
उत्तर प्रदेश विधानसभा में गुरुवार को प्रस्तुत नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट ने यमुना प्राधिकरण की कार्यशैली और भूमि अर्जन प्रक्रियाओं में गंभीर खामियों को उठाया है। रिपोर्ट में बताया गया कि यमुना प्राधिकरण को भूमि खरीद में देरी और प्रक्रियागत लापरवाही के कारण 188.64 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भूमि अर्जन में देरी से बड़ा वित्तीय नुकसान
कैग रिपोर्ट में बताया गया है कि भूमि अर्जन के लगभग सभी मामलों में यमुना प्राधिकरण ने अर्जेंसी क्लॉज का उपयोग कर प्रस्तावों को तेजी से मंजूरी दी, लेकिन अर्जन प्रक्रिया के कई चरणों में देरी हुई। इस देरी के कारण न केवल अतिरिक्त खर्च हुआ। बल्कि 36 प्रस्ताव कालबाधित हो गए। जिससे 188.64 करोड़ रुपये का वित्तीय नुकसान हुआ।
इन चीजों में हुआ 292 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान
यमुना प्राधिकरण द्वारा सरकारी भूमि को बाजार दरों से अधिक कीमत पर पुनर्ग्रहित करने के कारण 128.02 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भुगतान हुआ। प्राधिकरण ने बिना स्पष्ट योजना के आवश्यकता से अधिक भूमि क्रय की। जिससे 160.23 करोड़ रुपये की राशि अवरुद्ध हुई और भूस्वामियों को अनुचित लाभ पहुंचा। नियोजित क्षेत्र में शामिल न होने के बावजूद तीन गांवों की भूमि के प्रस्ताव वापस लेने से 4.92 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
जमीन का दाखिल खारिज नहीं कराया
यमुना प्राधिकरण ने भूस्वामियों से सीधी खरीदी गई जमीन का दाखिल खारिज नहीं कराया। चौंकाने वाली बात यह है कि कई मामलों में जमीन बैंकों के पास गिरवी रखी थी, जिसे भी खरीद लिया गया। इसके अलावा अपर जिलाधिकारी (भूमि अर्जन) के पास अवरुद्ध 178.79 करोड़ रुपये की वापसी के लिए कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी
महायोजना 2031 के तहत निर्धारित 52 सेक्टरों में से 29 के लेआउट प्लान नौ साल बाद भी तैयार नहीं हो सके। फेज-2 में चिह्नित चार शहरी केंद्रों में से केवल अलीगढ़ और मथुरा की योजनाएं ही तैयार की जा सकीं। जबकि आगरा और हाथरस के शहरी क्षेत्रों को अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका। कैग ने अपनी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि विकास योजनाओं की धीमी प्रगति और भूमि अर्जन में खामियों के कारण अधिसूचित भूमि पर अवैध कब्जे और निर्माण की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। यह भविष्य में क्षेत्रीय विकास में बड़ी बाधा उत्पन्न कर सकता है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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