19 दिसंबर को मिस्र में आयोजित D-8 सम्मेलन के दौरान बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की मुलाकात ने नई कूटनीतिक चर्चाओं को जन्म दिया. दोनों नेताओं ने इतिहास के उन काले पन्नों को नकारने की पुरजोर कोशिश की, जिसमें पाकिस्तानी सेना ने तब के ईस्ट पाकिस्तान से बांग्लादेश बनने के दौरान लाखों लोगों के कत्लेआम कर कहर बरपाया था.
मिस्र में गले मिलने के दौरान यूनुस-शरीफ ने व्यापार, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सार्क सम्मेलन को पुनर्जीवित करने पर सहमति जताई.
1971 के विवाद और बांग्लादेश की प्रमुख मांग
यूनुस ने अनमने तरीके से पाकिस्तान से 1971 के नरसंहार के लिए माफी मांगने और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकारने की मांग की. बांग्लादेश का कहना है कि पाकिस्तानी सेना द्वारा किए गए अत्याचारों को ऐतिहासिक रूप से मान्यता दी जानी चाहिए. हालांकि, पाकिस्तान का दावा है कि 1974 की त्रिपक्षीय संधि से विवाद समाप्त हो चुके हैं.
दो देशों के बीच बढ़ता संवाद
पिछले चार महीनों में यह यूनुस और शरीफ के बीच दूसरी मुलाकात है. इससे पहले 25 सितंबर को न्यूयॉर्क में दोनों नेताओं ने भेंट की थी. यूनुस सरकार की तरफ से तब कहा गया था कि मुलाकात भले हुई है, लेकिन हम 1971 को भूले नहीं हैं.
पाकिस्तान की रणनीति और बांग्लादेश की भूमिका
पाकिस्तान बांग्लादेश को अपने पक्ष में लाकर दक्षिण एशियाई राजनीति में अपनी खोई हुई जगह पाना चाहता है. सार्क सम्मेलन के पुनरुद्धार की बात कर पाकिस्तान अपनी छवि सुधारने की कोशिश कर रहा है, जबकि यूनुस की सरकार इतिहास को नकारते हुए पाकिस्तान से दोस्ती का रास्ता चुन रही है.
भारत के लिए क्या हैं संभावित खतरें
1.बांग्लादेश-पाकिस्तान के रिश्तों में सुधार भारत के सामरिक हितों को कमजोर कर सकता है.
2.सार्क के पुनरुद्धार से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर लाभ मिलेगा.
3.1971 के मुद्दों के समाधान से पाकिस्तान की छवि सुधर सकती है.
4.बांग्लादेश की उल्टी गंगा नीति भारत के पड़ोसी संबंधों पर प्रभाव डाल सकती है.
5.पाकिस्तान की नापाक चाल क्षेत्रीय संतुलन को बिगाड़ सकती है.
जानें क्या है अमेरिकी रणनीति
अमेरिका क्षेत्रीय संतुलन बनाए रखने के लिए इस गठबंधन का लाभ उठाकर भारत पर दबाव बना सकता है. इस गठजोड़ से भारत के कूटनीतिक प्रयासों को चुनौती मिल सकती है. भारत को इस नई स्थिति पर सतर्कता के साथ कूटनीतिक कदम उठाने होंगे.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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