उत्तर प्रदेश के कई शहरों में बंद पड़े या फिर अवैध कब्जा किए हुए मंदिरों का मिलना जारी है. संभल से शुरू हुआ यह सिलसिला अब बरेली, अलीगढ़ होते हुए वाराणसी तक पहुंच गया है. हिंदू संगठन अब हर जगह उन मंदिरों की तलाश में लग गया है, जिसका जिक्र किसी धार्मिक ग्रंथ में है या फिर अवैध कब्जे की शिकायत है. मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में बंद पड़े मंदिरों की खोज शुरू हो गई है. शुरुआत संभल से हुई, जहां पर एक के बाद एक ऐसे मंदिर मिलते जा रहे हैं, जो कई सालों से बंद थे.
संभल के बाद वाराणसी के मुस्लिम इलाके में सिद्धेश्वर मंदिर मिलने का दावा किया गया. इसके बाद अलीगढ़ के मुस्लिम इलाके में बंद शिव मंदिर को ढूंढ निकाला गया, तो बरेली में एक ऐसे मंदिर का ताला खोला गया. जिस पर एक मुस्लिम परिवार का कब्जा होने का आरोप लगा. आइए जानते हैं कि अब तक यूपी में कहां-कहां बंद पड़े मंदिर की खोज की गई है. शुरुआत संभल से ही करते हैं. बीते दिनों संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल हुआ था.
’65 मंदिर मिलना बाकी’
इसके बाद जब जिला प्रशासन ने यहां अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई शुरू की. फिर तो एक-एक कर मंदिर और कुएं मिलने शुरू हुए हैं. कुछ दिन पहले ही यहां पर कार्तिकेय महादेव मंदिर मिला था. वहीं पर अमृत कूप भी मिला था. इसके बाद अब दूसरा मंदिर मिल गया है. अब तक यहां दो मंदिर और तीन कुएं मिल चुके हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि इस स्थान पर अभी भी 65 से अधिक मंदिर और 16 कुओं का मिलना बाकी है.
वाराणसी में मिला 300 साल पुराना सिद्धेश्वर मंदिर
संभल में मंदिर की तलाश चल ही रही थी कि वाराणसी के मुस्लिम बाहुल्य मदनपुरा में 300 साल पुराना मंदिर मिलने का दावा किया जाने लगा. वाराणसी के मदनपुरा स्थित गोल चबूतरे के पास मकान संख्या D-31 से सटा एक मंदिर मिला है. ‘ढूंढे काशी’ नामक एक संस्था ने दावा किया कि यह 300 साल पुराना सिद्धेश्वर महादेव मंदिर है. वहीं मकान में रहने वाले शहाबुद्दीन ने बताया कि 1916 में जब इसे करखी रियासत के रईस से हमारे बुजुर्ग ताज बाबा ने खरीदी थी, तब से मंदिर का यही स्वरूप था. जैसा कि ये अभी दिख रहा है, लेकिन पूजा करने की कोई सामग्री और कोई शिवलिंग नहीं था.
अलीगढ़ में 50 साल पुराना शिव मंदिर मिलने का दावा
फिलहाल वाराणसी प्रशासन ने मंदिर के दस्तावेज खंगालने शुरू कर दिए हैं. वाराणसी में मंदिर मिलने के बाद अलीगढ़ के मुस्लिम इलाके सराय रहमान में 50 साल पुराना मंदिर मिलने का दावा किया गया. मंदिर के अंदर देवी-देवताओं की मूर्तियां नहीं है. मंदिर के ऊपर सिला पट्टीका और मंदिर के अंदर घंटा भी लगा हुआ है. दावा किया गया कि यहां से जब हिंदू परिवार ने पलायन किया तो मूर्ति अपने साथ ले गए. हाल में खुदाई के दौरान यहां मिट्टी के नीचे शिवलिंग दबा हुआ मिला. स्थानीय लोगों का दावा है कि मंदिर के साथ किसी भी तरह की कोई छेड़छाड़ नहीं की गई.
बरेली में 250 साल पुराना मंदिर
अलीगढ़ की ही तरह बरेली के मुस्लिम इलाके में मंदिर पर अवैध कब्जे का आरोप लगा. किला थाना क्षेत्र में बाकरगंज स्थित 250 साल प्राचीन गंगा महारानी का मंदिर था, जिस पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने कब्जा करने का आरोप लगया गया है. जिला प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची, तो हिंदू पक्ष ने अपने सभी दस्तावेज को टीम के समक्ष पेश किया जबकि मंदिर परिसर में रह रहे वाहिद अली और उनके परिवार वाले जिला प्रशासन के सामने कोई प्रमाण नहीं दिखा पाए. लिहाजा प्रशासन ने उनको एक हफ्ते में मंदिर प्रांगण को खाली करने की निर्देश जारी किए हैं.
प्रशासन खंगाल रहा है दस्तावेज
अब तक संभल के साथ ही वाराणसी, अलीगढ़ और बरेली में बंद पड़े मंदिरों को खोला जा चुका हैं. कानपुर में भी हिंदू संगठन उन मंदिरों की खोज में निकल गए है, जिन पर अवैध कब्जे का आरोप है. धार्मिक ग्रंथों में जिक्र किए गए धार्मिक स्थलों की खोज की जा रही है. फिलहाल प्रशासन की ओर से शांति व्यवस्था बनाए रखने की अपील की जा रही है और जहां पर मंदिर मिल रहे हैं, वहां पर दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं. साथ ही एहतिहातन पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.
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