अक्टूबर में ईरान पर किए गए इजराइल के हमले ने ईरान को बड़ा नुकसान पहुंचाया है. अमेरिकी न्यूज आउटलेट द वाशिंगटन पोस्ट ने इजराइल मिलिट्री सूत्र के हवाले से बताया कि इजराइली हमले ने ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल ऑयल प्रोडक्शन की क्षमता को सीमित कर दिया है.
इससे पहले, ईरान प्रतिदिन दो नई बैलिस्टिक मिसाइलों के लिए ईंधन का उत्पादन करने में सक्षम था, जो अब संभवतः हर हफ्ते एक तक सीमित हो गया है. सूत्र ने अखबार को बताया कि यह अनुमान लगाया गया था कि यह कमी एक साल तक जारी रहेगी.
“ईरान को कमजोर करना था मकसद”
पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने वाशिंगटन पोस्ट को बताया कि 26 अक्टूबर को एयर डिफेंस सिस्टम और कथित रूप से सक्रिय परमाणु हथियार फैसिलिटी पर किए गए हमलों का मकसद ईरान को कमजोर करना था, ताकि तेहरान भविष्य के हमलों का जवाब देने में असमर्थ हो जाए. उन्होंने आगे बताया कि ईरान की राजधानी तेहरान के आसपास अब कोई रणनीतिक एयर डिफेंस नहीं है.
गैलेंट ने आगे कहा कि ये हमले 1 अक्टूबर को इजराइल पर हुए ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल हमले के जवाब में किए गए थे, इन हमलों ने ईरान के खिलाफ कार्रवाई करने का एक मौका दिया है. बता दें कि ईरान ने अपने और विद्रोही गुटों के नेताओं और कमांडरों की हत्याओं के जवाब में ईरान पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला किया था.
रडार सिस्टम पर हमले की पीछे इजराइल का हाथ
उन्होंने यह साफ किया कि अप्रैल में ईरान के इस्फ़हान में एक एयर डिफेंस बैटरी के लिए रडार सिस्टम पर हमले के पीछे इजराइल का हाथ था, उन्होंने कहा कि यह हमला 13 अप्रैल को इजराइल के खिलाफ तेहरान के बड़े पैमाने पर ड्रोन और मिसाइल हमले के जवाब में किया गया था. उन्होंने आगे जोर देकर कहा, “हमने उन पर सटीक हमला किया, लेकिन यह उन्हें रोकने के लिए पर्याप्त नहीं था.”
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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