पापा ने सुसाइड कर लिया और मम्मी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया… अब कहां और किसके पास रहेगा अतुल सुभाष का बेटा? यह सवाल इस समय सभी के जहन में है. अतुल ने सुसाइड से पहले अंतिम इच्छा जताई थी कि बेटे व्योम की कस्टडी उनके माता-पिता को दे दी जाए. लेकिन क्या ऐसा हो पाना कानूनी रूप से संभव है? क्योंकि अतुल का बेटा महज साढ़े चार साल का है. इस लिहाज से बच्चे की कस्टडी हमेशा मां को दी जाती है. अगर बच्चा 5 साल के बड़ा होता है तो उस वक्त कस्टडी की नियम अलग होते हैं.
अतुल के माता-पिता ने कहा- व्योम हमारे बेटे की आखिरी निशानी है. कोर्ट को उसे हमें सौंप देना चाहिए. हम उसका अच्छे से देखभाल करेंगे. हम चाहते हैं कि अपना आखिरी समय पोते के साथ ही गुजारें. अतुल तो नहीं रहा, लेकिन पोता हमारे साथ रहेगा तो शायद हमारे दिल पर लगे कुछ घाव कम हो जाएं.
अब जब अतुल की पत्नी यानि व्योम की मम्मी निकिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. नानी और मामा भी अरेस्ट हो गए हैं, तो इस केस में कोर्ट शायद बच्चे की कस्टडी उसके दादा-दादी को दे दे. फिलहाल व्योम कहां है, इसकी कोई जानकारी नहीं है.
बच्चे की कस्टडी से जुड़े कुछ नियम:
- आम तौर पर, अगर बच्चे की उम्र 5 साल से कम है, तो उसकी कस्टडी मां को दी जाती है.
- अगर बच्चे की उम्र 5 साल से ज्यादा है तो अदालत बच्चे की कस्टडी माता-पिता में से किसी एक को दे सकती है.
- आम तौर पर अदालतें मां को कस्टडी देती हैं, क्योंकि उन्हें बच्चे की देखभाल करने वाली ज्यादा उपयुक्त माना जाता है.
- हालांकि, अगर कोर्ट को लगता है कि मां बच्चे की देखभाल करने के लिए अयोग्य है, तो कस्टडी पिता या किसी और को दी जा सकती है.
- अगर कोई तीसरा व्यक्ति बच्चे की कस्टडी चाहता है तो उसे न्यायालय में जाकर यह साबित करना होगा कि यह बच्चे के हित में है.
- अगर बच्चा 9 साल की उम्र का हो जाए तो उसकी कस्टडी पर विचार किया जाता है.
- अगर माता-पिता में से कोई एक तलाक ले लेता है तो दोनों माता-पिता को बच्चों की कस्टडी का अधिकार होता है.
बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले AI सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी. यह केस देश में खूब सुर्खियों में है. अतुल ने मौत को गले लगाने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा और 1 घंटे का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया. इसमें अतुल ने पांच लोगों को अपनी मौत का जिम्मेदार बताया. कहा- मुझे मेरी पत्नी, सास, साला, चाचा ससुर पैसों के लिए लगातार टॉर्चर दे रहे हैं. मेरे ऊपर एक के बाद एक कुल 9 फर्जी केस लगवाए गए हैं.
‘पत्नी ने खुद छोड़ा घर’
अतुल ने कहा- मेरी बीवी मुझे खुद छोड़कर मायके चली गई. बेटे व्योम को भी साथ ले गए. मैं साढ़े तीन सालों से अपने बेटे को देखने के लिए तरस गया हूं. मुझे उसकी शक्ल तक देखने नहीं दी जाती. न ही कभी बात करवाई जाती है. मैं तो बेटे की शक्ल तक भूल गया हूं कि वो कैसा दिखता होगा. पुरानी फोटो देखता हूं तभी उसकी शक्ल मुझे याद आती है. मेरी पत्नी मेरे बेटे को औजार बनाकर मुझसे पैसे ऐंठती है. सास और साले ने मुझसे 16 लाख रुपये उधार लिए थे. फिर वो 50 लाख की और डिमांड कर रहे थे. जब मैंने उन्हें और पैसे देने से इनकार कर दिया तो मेरे खिलाफ इन लोगों ने डर्टी गेम खेलनी शुरू कर दी.
80 हजार रुपये मेंटेनेंस की डिमांड
वीडियो में अतुल ने कहा- मुझसे पहले 1 करोड़ रुपये की डिमांड की गई. फिर 40 हजार प्रति माह बेटे को मेंटेनेंस देने की डिमांड की. मैं बेटे की मेंटेनेंस देता था. लेकिन बाद में यह रकम बढ़ाकर 80 हजार रुपये कर दी गई. इतनी तो मेरी खुद की सैलरी नहीं है. मैं कहां से इतना पैसा लाऊंगा. इतने से भी उनका जी नहीं भरा तो मुझसे 3 करोड़ रुपये मांगे जाने लगे. मैंने जब कोर्ट में कहा कि इतने रुपये देने वाला तो खुदकुशी कर लेगा. इस पर मेरी बीवी ने कहा कि तुम भी सुसाइड कर लोग. जज साहिबा ने इस पर पत्नी को कुछ नहीं कहा. बल्कि वो हंसने लगीं. उल्टा मुझे कहने लगीं कि तुम मुझे 5 लाख रुपये दे दो. मैं केस सैटल कर दूंगी. मुझे जज साहिबा रीता कौशिक ने भी पैसों के लिए खूब टॉर्चर किया.
14 दिसंबर को गिरफ्तारी
इसके बाद अतुल ने सुसाइड कर लिया. अतुल के भाई विकास मोदी की तहरीर पर 10 दिसंबर को बेंगलुरु पुलिस ने निकिता सिंघानिया, निशा, अनुराग और सुशील के खिलाफ केस दर्ज किया. केस दर्ज करने के चार दिन बाद 14 पुलिस को कामयाबी मिली. निकिता को गुरुग्राम से अरेस्ट किया गया. अतुल की सास निशा और साले अनुराग को प्रयागराज से अरेस्ट किया गया. तीनों को प्रयागराज कोर्ट में पेश कर न्यायिक हिरासत में लिया गया है. वहीं, मामले में चौथे आरोपी यानि निकिता के चाचा सुशील सिंघानिया की तलाश जारी है.
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