Raj Kapoor Mera Naam Joker Cult Classic: राज कपूर 100 बरस के हो गए. दुनियाभर में धूमधाम से उनकी जयंती मनाई जा रही है. आयु का क्या है कभी 500वीं जयंती भी मनाई जाएगी. लेकिन राज कपूर की उम्र जितनी भी बढ़े, सदी-पीढ़ियां जितनी निकल जाएं, उन्हें हमेशा उनकी जीवंतता के लिए याद रखा जाएगा. उनके व्यक्तित्व का आकार असीमित था. तभी तो उनकी फिल्मों का जलवा भारत के बाहर भी गया और उनकी मौजूदगी ने बॉलीवुड की पूरी रूपरेखा ही बदल दी. लेकिन वो कहते हैं ना कि वक्त से बलवान कोई नहीं होता. राज साहब के जीवन में भी कुछ पड़ाव ऐसे आए जिन्होंन उन्हें पूरी तरह से तोड़कर रख दिया.
राज कपूर का वो प्रयोग जो दर्शकों ने नकार दिया
राज कपूर को हमेशा से एक भावुक कलाकार के तौर पर जाना जाता है. एक तरफ तो वे बिजनेस माइंडेड थे ही, और मार्केटिंग भी डिसेंट तरीके से करने में उन्हें महारथ हासिल थी. लेकिन हमेशा दांव सही पड़े ये जरूरी तो नहीं. ऐसा ही देखने को मिला. उन्होंने बहुत शिद्दत से अपने जीवन का ड्रीम प्रोजेक्ट बनाया. फिल्म 6 साल में बनकर तैयार हुई थी. इसके अलावा इस फिल्म को बनाने के लिए राज साहब ने तो अपना घर तक गिरवी रख दिया था. फिल्म एक प्रयोग थी. ये एक बहुत लंबी फिल्म थी. फिल्म 3 भागों में बांटी गई थी और इसके 1 नहीं बल्कि 2 इंटरवल थे.
फिल्म में एक जोकर के इमोशन्स उसकी लाइफ स्टाइल के जरिए जीवन की फिलॉस्फी समझाने की कोशिश की गई थी. राज कपूर की ये फिल्म 54 साल पहले रिलीज हुई थी. फिल्म का बजट 1 करोड़ रुपये का था. लेकिन अगर आज ये फिल्म बनती तो रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म का बजट 430 करोड़ रुपये के आस-पास होता. जबकी फिल्म की कमाई की बात करें तो रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म ने 70-80 लाख रुपये की कमाई की थी. जो आज के समय में 320-340 करोड़ के आस-पास होता.
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क्यों फ्लॉप हुई थी मेरा नाम जोकर?
फिल्म में संगीत भी बढ़िया था. कहानी में भी दम था. कास्ट भी तगड़ी थी. धर्मेंद्र, सिमी ग्रेवाल और ऋषि कपूर जैसे एक्टर इस फिल्म का हिस्सा थे. मगर राज कपूर का यह दांव फिल्म पर भारी पड़ गया. फिल्म लोगों तक ठीक तरह से पहुंच नहीं पाई और बॉक्स ऑफिस पर एक फ्लॉप साबित हुई. इतनी बड़ी फिल्म ने लोगों को बोर कर दिया. दो इंटरवल का हिसाब लोगों को हजम नहीं हुआ. राज कपूर ने इस फिल्म में बहुत पैसा लगाया था. लेकिन उन्हें मुनाफा नहीं मिला और इस फिल्म की वजह से वे बहुत कर्जे में डूब गए थे. फिल्म के फ्लॉप होने की सबसे बड़ी वजह इसके टाइम स्पैन को माना जाता है. फिल्म 4 घंटे 15 मिनट की थी. इतनी लंबी फिल्म दर्शक झेल नहीं पाए.
दूसरी तरफ फिल्म में कई सारे सीन्स आपत्तिजनक भी थे. उस समय के लोगों के लिए सिल्वर स्क्रीन पर ऐसे सीन्स देखने की आदत नहीं थी. इस फिल्म की फिलॉस्फी उस समय के आगे की थी. बाद में इस फिल्म को अहेड ऑफ टाइम कहा गया. और इसी को इस फिल्म के फ्लॉप होने की कई सारी वजहों में से एक बहुत बड़ी वजह माना गया.
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रूस में फिल्म ने झंडे गाड़ दिए
मगर भारत के बाहर इस फिल्म को समझने वाले लोग थे. राज कपूर का ये फ्लॉप दांव असल में इतना भी फ्लॉप नहीं था. बस वक्त का तकाजा ही कुछ ऐसा था. इंडस्ट्री में कभी ऐसी विफलता देखी नहीं गई थी. वो भी राज कपूर जैसे एक्टर की फिल्म की. इस बात ने इस प्रकरण को और भी हाइलाइट कर दिया. लेकिन फिल्म जब देश के बाहर निकली तो वो छा गई. रूस में इस फिल्म ने सफलता के झंडे गाड़ दिए और खूब कमाई की. आलम ये रहा कि ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई. फिल्म के रूस में 73.1 मिलियन टिकट्स बिक गए थे. मतलब 7 करोड़ 31 लाख टिकट्स बिके थे. ये अपने आप में एक बहुत बड़ी बात थी.
राज कपूर के हाथ फिर भी आई हताशा
दरअसल जब ये फिल्म भारत में नहीं चली तो राज कपूर ने इस फिल्म के राइट्स किसी और को बेच दिए थे. इसके बाद इस फिल्म ने रूस में जितना मुनाफा कमाया उसका पैसा भी डिस्ट्रिब्यूटर्स के हाथ लगा और राज कपूर के हाथ अगर कुछ आई तो वो थी निराशा. ऐसी निराशा जो हमेशा के लिए उनके जीवन का हिस्सा बन गई. इसके बाद ऐसा नहीं है कि राज कपूर की हिट फिल्में नहीं आईं. इसके बाद भी उनके निर्देशन और निर्माण में बनी फिल्मों ने सिनेमाघरों में दर्शकों का मनोरंजन किया और अच्छी कमाई की लेकिन इस फिल्म के फ्लॉप होने का मलाल राज साहब को ताउम्र रहा.
राज साहब का ड्रीम प्रोजेक्ट साबित हुआ कल्ट क्लासिक
लेकिन वो कहते हैं ना कि अगर किसी चीज को दिल से किया जाए तो इसका परिणाम सुखद ही मिलता है. भले ही बाद में मिले. जब ये फिल्म टीवी पर आई तो दर्शकों ने इसे खूब देखा. इसकी तारीफ की गई. मगर ये वाहवाही देखने के लिए राज साहब जा चुके थे. वो इस फिल्म की पोस्ट सक्सेस को एकनॉलेज नहीं कर पाए. दर्शकों ने देर कर दी. राज साहब को ठीक-ठीक पहचानने में. लेकिन पहचाना तो सही. उन्हीं की फिल्म धरम करम में एक गाना है एक दिन बिक जाएगा. वैसे तो इस गाने को मुकेश साहब ने गाया है. लेकिन इस गाने के कुछ बोल किशोर कुमार ने भी गाए थे. उसके बोल थे-
ना हो कुछ भी तेरे बस में माना, तेरा धरम है तेरा करम निभाना,
तेरे पीछे मतवाले, सब सोचें जगवाले, आया था इस दुनिया में कोई दीवाना
हर दिल को तेरी याद आए तेरे बाद, कुछ तो ऐसा कर जा फिर दुनिया से डोल
एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल
राज साहब की रियल लाइफ के लिए भी ये बात एकदम सटीक बैठती है. आज उनकी 100वीं जयंती भारत ही नहीं बल्कि दुनियाभर के लोग बड़े धूम धाम से मना रहे हैं. पी एम मोदी ने राज साहब की फैमिली से मुलाकात की. उनकी फिल्में फिर से सिनेमाघरों में गुलजार हैं. यही तो राज साहब की खासियत थी. कि पे पीढ़ियों को जोड़ते थे. आज पीढ़ियां उन्हें देख रही हैं. उन्हें सलाम कर रही हैं. उनकी गाथाएं सुनी जा रही है. दीवाना चला गया, लेकिन अपनी दीवानगी छोड़ गया…
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