Ghaziabad News :
मोदीनगर के राज चौपला स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा की शाखा के लॉकर से सोने- चांदी के आभूषण पड़ोस वाले लॉकर के स्वामी दंपति ने ही चोरी किए थे। मोदीनगर थाना पुलिस ने मामले में आदर्शनगर में रहने वाली प्रिया गर्ग को गिरफ्तार कर चोरी के गहने बरामद कर लिए हैं। मामले में पुलिस प्रिया गर्ग के पति नितिन गर्ग को भी तलाश कर रही है। 25 अक्टूबर को बैंक लॉकर से आभूषण चोरी होने का मामला प्रकाश में आने के बाद ईशा गोयल पत्नी अंकुश गोयल ने चोरी का मुकदमा दर्ज कराया था।
बैंक से मिली थी लॉकर खुला होने की सूचना
21 अक्टूबर को बैंक से लॉकर खुला होने की सूचना मिली थी। सूचना पर अकुंश गोयल अपनी पत्नी ईशा गोयल के साथ बैंक पहुंचे तो देखा लॉकर खुला पड़ा है और उसमें रख करीब 35 लाख के गहने गायब हैं। बैंक का कहना था कि ग्राहक अपनी चाबी से लॉकर ऑपरेट करते हैं। मोदीनगर के आदर्श नगर निवासी अकुंश गोयल पुत्र जयकिशन गोयल ने 20 साल से बैंक ऑफ बड़ोदा की शाखा में लॉकर किराए पर ले रखा था। पूरे परिवार के गहने इसी लॉकर में रहते थे। अंकुश और उनके पिता जयकिशन लॉकर को ऑपरेट कर थे।
25 अक्टूबर को दर्ज कराई थी रिपोर्ट
डीसीपी ने बताया कि मामले में 25 अक्टूबर को अंकुर की पत्नी ईशा गोयल की ओर से गहने चोरी होने के संबंध में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मोदीनगर थाने में एफआईआर होने के बाद जांच शुरू हुई। दो टीमों का गठन किया गया। पुलिस द्वारा जांच के दौरान पड़ोस वाले लॉकर्स के किराएदारों से पूछताछ की गई, आदर्शनगर में ही रहने वाली प्रिया गर्ग से भी इसी क्रम में पूछताछ हुई। पुलिस ने पूछताछ में प्रिया गर्ग को संदिग्ध पाया।
प्रिया के घर से बरामद हुए गहने
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और तमाम साक्ष्यों की जांच की तो प्रिया पर शक गहरा गया। सख्ती से पूछताछ करने पर प्रिया ने सारा सच उगल दिया। पुलिस ने प्रिया की निशानदेही पर उसके घर से ही लॉकर से चोरी किए गए करीब 30 लाख के आभूषण बरामद कर लिए हैं। पुलिस को 361 ग्राम सोने के और करीब एक किलो चांदी के आभूषण बरामद हुए हैं। 30 वर्षीय प्रिया को गिरफ्तार कर पुलिस उसके पति नितिन गर्ग पुत्र स्व. धनेश्वर प्रसाद गर्ग को तलाश कर रही है।
12 अक्टूबर को चोरी किए थे आभूषण
एसीपी मोदीनगर ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि पूछताछ के दौरान प्रिया गर्ग ने पुलिस को बताया है कि वह अपने पति के साथ 12 अक्टूबर को अपना लॉकर चैक करने गई थी, उसी दौरान बगल वाला लॉकर खुला हुआ दिखा। उसमें झांककर देखा तो सोने- चांदी के आभूषण रखे थे। इतने सारे आभूषण देख नीयत खराब हो गई और हमने सारे गहने चोरी कर लिए।
कैसे ऑपरेट होता है बैंक का लॉकर
डीसीपी सुरेंद्र नाथ तिवारी ने बताया कि बैंक के लॉकर की दो चाबियां होती हैं, इनमें से एक चाबी बैंक के पास और दूसरी ग्राहक के पास रहती है। उसमें लगा ताला इस तरह का होता है कि उसे खोलने के लिए दोनों चाबियां एक साथ इस्तेमाल की जाती हैं, लेकिन ग्राहक लॉकर चैक करने के बाद अपनी ही चाबी से उसे बंद कर सकता है। इस मामले में ग्राहक ने जब लॉकर चैक किया होगा तो उस समय लॉकर को बंद होने से रह गया होगा।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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