Noida News :
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में पर्यावरण मंजूरी के बिना चल रही निर्माण परियोजनाओं को रोकने का आदेश दिया है। यह कदम तब उठाया गया जब एक याचिका में अनधिकृत निर्माण, अवैध बोरवेल, और ऊपरी मिट्टी निकालने जैसी पर्यावरणीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था। एनजीटी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे उन निर्माण कार्यों को आगे बढ़ने की अनुमति न दें, जिनके पास स्थापना, संचालन या पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी) नहीं है।
याचिका का मुख्य मुद्दा :
याचिका में यह आरोप लगाया गया कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा में रियल एस्टेट एजेंटों द्वारा अनधिकृत बोरवेल चलाए जा रहे हैं और मिट्टी को अवैध रूप से निकाला जा रहा है। इसके साथ ही, कुछ परियोजनाओं पर बिना पर्यावरणीय मंजूरी के बड़े पैमाने पर निर्माण कार्य जारी था, जिससे पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन हो रहा था। याचिकाकर्ता ने उपजाऊ कृषि भूमि पर अवैध टाउनशिप और अपार्टमेंट बनाने का भी आरोप लगाया।
एनजीटी ने यह दिया आदेश :
एनजीटी की अध्यक्षता कर रहे न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने कहा, “संबंधित अधिकारियों के जवाब से पता चलता है कि कुछ परियोजना प्रस्तावक (रियल एस्टेट एजेंट) पर्यावरणीय मंजूरी (ईसी), स्थापना की सहमति (सीटीई), और संचालन की सहमति (सीटीओ) के बिना निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं।” एनजीटी ने कहा कि जब तक ये परियोजनाएं सभी आवश्यक पर्यावरणीय मानदंडों और अनुमतियों का पालन नहीं करतीं, तब तक उन्हें निर्माण कार्य जारी रखने की अनुमति नहीं दी जाएगी। एनजीटी ने उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया कि बाढ़ क्षेत्र में आने वाले इलाकों में अवैध प्लॉटिंग को रोका जाए। इसके साथ ही, एनजीटी ने राज्य और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को आदेश दिया कि वे सुनिश्चित करें कि बिना अनुमोदन वाली कोई भी परियोजना अवैध रूप से निर्माण कार्य न करे।
फैसला और भविष्य के कदम :
इस फैसले के बाद, संबंधित अधिकारियों को एक निश्चित समय सीमा तक यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी निर्माण परियोजनाओं ने आवश्यक पर्यावरणीय मंजूरी प्राप्त कर ली है। यदि किसी परियोजना में पर्यावरणीय मानकों का उल्लंघन होता है या मंजूरी नहीं ली जाती, तो उस परियोजना को रुकवा दिया जाएगा। यह आदेश यह दर्शाता है कि एनजीटी ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में हो रहे अवैध और अनधिकृत निर्माण कार्यों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का मन बना लिया है और अब निर्माण परियोजनाओं को पर्यावरणीय मानकों के तहत ही आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी।
भाजपा नेता ने याचिका दायर कर लगाए गंभीर आरोप :
भाजपा नेता और पूर्व नगर पार्षद राजेंद्र त्यागी द्वारा दायर याचिका में ग्रेटर नोएडा के 56 गांवों और नोएडा के 18 गांवों में अनधिकृत कॉलोनियां और टाउनशिप हैं। इसमें आरोप लगाया गया है कि ग्रेटर नोएडा में 20,000 हेक्टेयर से अधिक उपजाऊ कृषि योग्य भूमि हड़प ली गई है, जबकि नोएडा में 20,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि का उपयोग अवैध प्लॉटिंग के लिए किया जा रहा है।
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सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
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