अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति जो बाइडेन ने अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले भारत के लिहाज से अहम फैसला लिया है. उन्होंने एक रक्षा सौदे को अपनी मंजूरी दे दी है. जिसके तहत भारत को अमेरिकी कंपनियों से एमएच-60आर मल्टी मिशन हेलीकॉप्टर के अहम रक्षा उपकरण मिलेंगे. इससे भारत की ताकत में और भी इजाफा होगा. इन उपकरणों की खरीद की लागत 1.17 बिलियन डॉलर है. राष्ट्रपति ने अपने फैसले की जानकारी अमेरिका कांग्रेस को भी दे दी है.
अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक रक्षा सुरक्षा सहयोग एजेंसी ने कांग्रेस को एक नोटिफिकेशन में बताया है कि उपकरणों की बिक्री की प्रस्तावित योजना, भारत की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं का उन्नयन कर वर्तमान और भविष्य के खतरों को रोकने की क्षमता में सुधार करेगी. बाइडेन प्रशासन ने भारत को प्रमुख रक्षा उपकरणों की बिक्री को मंजूरी अपने चार साल के कार्यकाल के पूरा होने से कुछ हफ्ते पहले दी है.
ये लोग करेंगे भारत का दौरा
इस सौदे के तहत रक्षा उपकरणों की सप्लाई अमेरिकी रक्षा कंपनी लॉकहीड मार्टिन और मिशन सिस्टम द्वारा की जाएगी. इन हथियारों की बिक्री और तकनीकी सहायता के लिए अमेरिकी सरकार के 20 कर्मचारी और कॉन्ट्रैक्ट कंपनियों के 25 प्रतिनिधि भारत दौरे पर जाएंगे, अमेरिकी सरकार की अधिसूचना में कहा गया है कि इससे अमेरिका के रणनीतिक सहयोगी भारत की रक्षा तैयारियों में मजबूती आएगी.
अमेरिका-भारत के संबंधों में आएगी मजबूती
यह प्रस्तावित बिक्री अमेरिका की विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा उद्देश्यों को समर्थन प्रदान करेगी, जिससे अमेरिका-भारत रणनीतिक संबंधों को मजबूत करने में मदद मिलेगी साथ ही एक प्रमुख रक्षा साझेदार की सुरक्षा में सुधार होगा. इस बिक्री से भारत सरकार की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को उन्नत करके वर्तमान और भविष्य के खतरों को रोकने की क्षमता में सुधार होगा. भारत को अपने सशस्त्र बलों में इन उपकरणों और सेवाओं को शामिल करने में कोई परेशानी नहीं होगी.अमेरिकी विदेश विभाग का कहना है कि इस उपकरण और सहायता की प्रस्तावित बिक्री से क्षेत्र में बुनियादी सैन्य संतुलन में कोई बदलाव नहीं आएगा.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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