Greater Noida News :
वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर के संस्थापक जगद्गुरु कृपालु महाराज की बेटियों की कार दुर्घटना मामले में नया मोड़ आ गया है। हादसे में मंदिर की अध्यक्ष डॉ.विशाखा त्रिपाठी की मृत्यु हो गई थी। जबकि उनकी दो बहनें *श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी समेत सात अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे। अब इस मामले में कार चालक प्रवीन मुडभरी ने घटना को लेकर साजिश की आशंका जताई है। जिससे पुलिस ने जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
कैसे हुआ हादसा
घटना यमुना एक्सप्रेसवे पर ग्रेटर नोएडा से 7.5 किलोमीटर की है। प्रवीन मुडभरी ने बताया कि वह दिल्ली के लिए वृंदावन से रवाना हुए थे। उनके साथ सत्संगियों की तीन अन्य गाड़ियां भी चल रही थीं। यात्रा के दौरान सभी गाड़ियां सड़क किनारे लघुशंका के लिए रुकी थीं। उसी दौरान UP-80FT-5477 नंबर का एक तेज रफ्तार ट्रक अनियंत्रित होकर खड़ी गाड़ियों से टकरा गया। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कारों में सवार लोग गंभीर रूप से घायल हो गए और डॉ. विशाखा त्रिपाठी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
साजिश या हादसा?
प्रवीन मुडभरी ने अपनी शिकायत में दावा किया है कि यह केवल एक हादसा नहीं बल्कि सुनियोजित साजिश हो सकती है। उन्होंने ट्रक चालक की संदिग्ध हरकतों का भी उल्लेख किया है। दुर्घटना के बाद ट्रक चालक मौके से फरार हो गया। जिससे शक और गहरा हो गया है। दनकौर कोतवाली के प्रभारी ने पुष्टि की है कि पुलिस इस मामले में सभी संभावित कोणों से जांच कर रही है। अब हादसे और साजिश दोनों बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं। ट्रक चालक को पकड़ने के लिए प्रयास जारी है।
भक्तों में शोक की लहर
डॉ. विशाखा त्रिपाठी की असामयिक मृत्यु से परिवार और प्रेम मंदिर के अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई है। वे मंदिर की गतिविधियों में सक्रिय भूमिका निभाने के साथ-साथ धर्म प्रचार में भी अग्रणी थीं। हादसे में घायल श्यामा त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी समेत अन्य घायलों का इलाज अस्पताल में जारी है। पुलिस ने ट्रक को कब्जे में ले लिया है। वाहन मालिक और चालक की तलाश कर रही है। घटना के समय की सीसीटीवी फुटेज और आसपास के वाहनों से पूछताछ की जा रही है। इस बात की भी जांच की जा रही है कि क्या ट्रक चालक नशे में था या किसी अन्य दबाव में काम कर रहा था।
Copyright Disclaimer Under Section 107 of the Copyright Act 1976, allowance is made for “fair use” for purposes such as criticism, comment, news reporting, teaching, scholarship, and research. Fair use is a use permitted by copyright statute that might otherwise be infringing. Non-profit, educational or personal use tips the balance in favor of fair use.
सौजन्य से ट्रिक सिटी टुडे डॉट कॉम
Source link