रूस-यूक्रेन युद्ध में नॉर्थ कोरिया के सैनिकों के बाद अब एक और देश के लड़ाकों की एंट्री हो गई है. रिपोर्ट्स के अनुसार रूस ने यूक्रेन के खिलाफ जंग में हूती विद्रोहियों को शामिल किया है.
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने यूक्रेन से लड़ने के लिए यमन से आए सैकड़ों हूती विद्रोहियों की भर्ती की है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन लड़ाकों से झूठा वादा कर इन्हें रूस लाया गया था.
नौकरी और नागरिकता का किया था वादा
यमन से रूस आए युवाओं ने बताया है कि उन्हें अच्छे वेतन वाली नौकरी और रूसी नागरिकता देने का वादा किया गया था. लेकिन जब वे रूस पहुंचे, तो उन्हें जबरन सेना में भर्ती कर लिया गया और अग्रिम मोर्चे पर भेज दिया गया. यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने लंबी दूरी की मिसाइल इस्तेमाल की मंजूरी यूक्रेन को दे दी है और तीसरे विश्व युद्ध की आशंका के चलते तनाव बढ़ रहा है.
अमेरिका के डिप्लोमैट ने कहा है कि क्रेमलिन और यमन के हूती संगठन के साथ हुआ यह समझौता दिखाता है कि रूस क्या करना चाहता है? विश्लेषकों के अनुसार कुछ हूती विद्रोहियों को रूस में प्रशिक्षित किया जा चुका है, यह जानते हुए कि यमन एक गरीब देश है और यहां से भाड़े के सैनिक भर्ती करना आसान है.
जुलाई से हो रही हूती लड़ाकों की भर्ती
FT की रिपोर्ट के अनुसार, यमन के लड़ाकों के मिले कॉन्ट्रैक्ट को देखने से पता चलता है कि इसमें एक प्रमुख हूती नेता अब्दुलवली अब्दो हसन अल-जबरी की कंपनी भी शामिल है. पंजीयन दस्तावेजों में कंपनी को टूर ऑपरेटर और मेडिकल-फार्मा उपकरणों के रिटेल सप्लायर के तौर पर सूचीबद्ध किया गया है.
इन भाड़े के सैनिकों की नियुक्ति जुलाई में शुरू की गई थी. इनमें से एक कॉन्ट्रैक्ट 3 जुलाई का है, जिसमें कॉन्ट्रैक्टर सेलेक्शन सेंटर के मुखिया निझनी नोवगोरोड के हस्ताक्षर हैं. यूक्रेन के खिलाफ जंग में उतारे गए एक हूती लड़ाके से संपर्क किया गया तो उसने बताया कि वह उन 200 यमनी लड़ाकों का हिस्सा है जिन्हें सितंबर में रूसी सेना में शामिल किया गया है. शख्स ने बताया कि उसे सुरक्षा और इंजीनियरिंग में अच्छी नौकरी का वादा कर रूस भेजा गया था.
रूस में लाए गए भाड़े के इन सैनिकों के अनुसार वॉर फ्रंट पर तैनाती के कुछ दिनों बाद उनमें से 4 लोग यूक्रेन के जंगलों में छिप गए और एक ने तो सुसाइड की भी कोशिश की है.
नॉर्थ कोरिया ने भेजे थे 10 हजार सैनिक
इससे पहले दावा किया गया है कि नॉर्थ कोरिया ने रूस में करीब 10 हजार सैनिक भेजे हैं. रूस में ट्रेनिंग देने के बाद कुर्स्क क्षेत्र में उनकी तैनाती की गई. जहां अगस्त में यूक्रेन के सैनिकों ने घुसपैठ करते हुए करीब 100 गांवों पर कब्जा कर लिया था. यूक्रेनी सेना का दावा है कि नॉर्थ कोरिया के सैनिक जंग में हिस्सा ले रहे हैं. साथ ही मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि नॉर्थ कोरिया ने रूसी सेना को लंबी दूरी की मिसाइलें और आर्टिलरी सिस्टम भी दिया है.
सऊदी के दुश्मन, यमन के हूती कौन हैं?
हूती यमन के अल्पसंख्यक शिया ‘जैदी’ समुदाय का सशस्त्र समूह है, जिसका गठन 1990 में किया गया था. समूह के संस्थापक हुसैन अल हूती के नाम पर ही इस संगठन का नाम पड़ा है. यमन में कई दशकों से जारी सत्ता संघर्ष में यह समूह शामिल है, जो साल 2014 में राजनीतिक तौर पर काफी मजबूत हो गया. साल 2015 में हूती लड़ाकों ने राजधानी सना में कब्जा कर लिया जिसके बाद राष्ट्रपति हादी यमन छोड़कर विदेश भाग गए. पड़ोसी मुल्क सऊदी अरब के नेतृत्व में अंतरराष्ट्रीय गठबंधन की एक सेना है, जो इस संघर्ष में हूती विद्रोहियों का मुकाबला करती है. दरअसल सऊदी अरब हूती विद्रोहियों को बेदखल कर दोबारा हादी को सत्ता पर काबिज करना चाहता है. वहीं ईरान हूती विद्रोहियों का समर्थन करता है.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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