उत्तर प्रदेश में बुधवार को विधानसभा की 9 सीटों पर उपचुनाव शांतिपूर्ण संपन्न हुए. हालांकि, मुजफ्फरनगर के मीरापुर सीट पर मतदान के दौरान पुलिस पर पथराव की खबर सामने आई. अब इस मामले में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए समाजवादी पार्टी और एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं पर केस दर्ज किया है. जानकारी के अनुसार, पुलिस ने 100 से अधिक कार्यकर्ताओं पर पुलिस पर पथराव और जान से मारने की नीयत से हमला करने के आरोप में मामला दर्ज किया है.
पुलिस की इस कार्रवाई को सपा और एआईएमआईएम के जिलाध्यक्षों ने राजनीति से प्रेरित बताते हुए आरोपों को खारिज किया है. उनका कहना है कि पुलिस लोगों को वोटिंग करने से रोक रही थी, और जब इसका विरोध किया गया तो झूठे आरोप लगाकर फंसा दिया गया.
किन आरोपों में केस दर्ज किया गया?
पुलिस अधीक्षक आदित्य बंसल ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि ककरौली गांव में बुधवार को वोटिंग के दिन सपा और एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई. जब पुलिस मामले को शांत कराने पहुंची तो दोनों दलों के कार्यकर्ताओं ने पुलिस पर ही पथराव कर दिया.
उन्होंने बताया कि इस मामले में बुधवार रात सपा के 15 और एआईएमआईएम के 10 कार्यकर्ताओं पर नामजद केस दर्ज किया गया है. इसके अलावा, 90 से ज्यादा अज्ञात लोगों पर भी मामला दर्ज किया गया है. पुलिस अधीक्षक ने बताया कि सभी आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा धारा 109 (हत्या का प्रयास), 115 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 121 (सरकारी काम में बाधा डालना), 125 (किसी व्यक्ति की जान या सुरक्षा को जानबूझकर खतरे में डालना), 131 (किसी व्यक्ति पर गंभीर और अचानक उकसावे के अलावा हमला करने या आपराधिक बल का इस्तेमाल), 132 (किसी सरकारी कर्मचारी को उसके काम करने से रोकने के लिए बल प्रयोग करना) 190 (गैर कानूनी तरीके से भीड़ जुटाना), 191 (दंगा), 223 (सरकारी आदेशों का पालन न करना), 351 (किसी व्यक्ति के सम्मान को नुकसान पहुंचाना) और 352 (शांति भंग करने के लिए जानबूझकर अपमान करना) के तहत केस दर्ज की गई है.
पार्टी के कार्यकर्ता नहीं हैं
सपा के जिलाध्यक्ष जिया चौधरी ने पुलिस के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस लोगों को वोटिंग करने से रोक रही थी. वायरल वीडियो का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ककरौली थाने के प्रभारी राजीव शर्मा पिस्टल लहराकर वोटर्स को डराने का प्रयास कर रहे थे. उन्होंने पुलिस के दावों को नकारते हुए कहा कि जिन लोगों को सपा का कार्यकर्ता बताया जा रहा है, वे पार्टी के सदस्य हैं ही नहीं. पुलिस आम लोगों पर केस दर्ज कर सपा का नाम लगा रही है.
पुलिस के आरोपों पर एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष इमरान कासमी ने भी कहा कि पुलिस पर कोई पथराव नहीं हुआ. उनका कहना है कि पुलिस प्रशासन लोगों को वोट डालने से रोक रहा था, और जब इसका विरोध किया गया तो पुलिस ने झूठे केस दर्ज कर दिए.
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