अमेरिकी मिसाइल से यूक्रेन के हमले के बाद रूस ने नाटो और यूरोप को विध्वंसक जवाब देने की तैयारी कर ली है. 19 नवंबर को पुतिन परमाणु सिद्धांतों के नए नियमों पर मुहर लगा चुके हैं. यूक्रेन के बैलिस्टिक मिसाइल हमलों को रूस पर नाटो का हमला माना गया है. रूस-अमेरिका के बीच 1962 से जारी हॉटलाइन बंद कर दी गई है. रूसी सुरक्षा परिषद ने एटमी हमले के लिए तैयारी के आदेश जारी कर दिए हैं.
उधर, जर्मनी में नाटो संगठन भी बड़े युद्ध के लिए सैन्य तैनाती कर रहा है. यूरोपीय देशों में बुकलेट जारी करके नागरिकों को आत्मरक्षा के नियम बताए जा रहे हैं. जर्मनी के ऑपरेशन डायचेलैंड की जानकारी लीक हो चुकी है. 1 हजार पेज के डॉक्यूमेंट में वॉर प्लान की बारीकी से डीटेलिंग की गई है. इसकी प्रस्तावना में यूक्रेन युद्ध का विस्तार होने पर आत्मरक्षा का ब्लू प्रिंट तैयार करने का जिक्र है. इसके साथ ही डॉक्यूमेंट में रूस के हमले से निपटने की तैयारी भी विस्तार से दर्ज है. इस डॉक्यूमेंट से मिली जानकारी के मुताबिक, जर्मनी में 8 लाख NATO जवानों को युद्ध के लिए तैयार रखा गया है.
2 लाख सैन्य वाहन जंग के लिए तैयार
इसके साथ ही नाटो संगठन के 2 लाख सैन्य वाहन युद्ध के लिए तैयार रखे गए हैं. अहम सरकारी इमारतों की सुरक्षा के बंदोबस्त किए जा चुके हैं. युद्ध के दौरान एनर्जी सप्लाई जारी रखने के लिए विंड टर्बाइन लगाए जा रहे हैं. विंड टर्बाइन के साथ साथ बिजली सप्लाई के लिए डीजल से चलने वाले जेनरेटर भी स्टोर किए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि युद्ध लंबा चलेगा और भुखमरी से जनता और सेना को बचाने के लिए रसद भंडारण किया जा रहा है.
जर्मनी में ट्रक चलाने वाले ड्राइवरों को सैन्य वाहन चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. इसके साथ ही स्वेच्छा से जंग में जाने को तैयार नागिरकों को सैन्य प्रशिक्षण दिया जा रहा है. रूस पर लॉन्ग रेंज हमलों के बाद यूरोप के देश ये मानकर चल रहे हैं कि रूस के साथ नाटो का युद्ध निश्चित हो चुका है और अब तीसरे विश्वयुद्ध की तैयारी का समय आ चुका है.
नागरिकों को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा गया
जर्मनी के साथ साथ नॉर्डिक देश अपनी सेनाओं को तैयार कर रहे हैं. इसके साथ ही आम नागरिकों को भी युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है.
स्वीडन में एक बुकलेट बांटी गई है. बुकलेट के कवर पेज के ऊपरी हिस्से पर लिखा है स्वीडन के लोगों के लिए खास जानकारी. वहीं निचले हिस्सा पर लिखा है, यदि संकट या युद्ध आता है. दरअसल स्वीडन में ऐसी लाखों बुकलेट बांटी गई हैं. इन्हें देश में हर घर तक पहुंचाया गया है. बुकलेट में लंबे युद्ध की तैयारियों का ब्यूरो दिया गया है. साथ ही आम लोगों के लिए खास दिशानिर्देश दिए गए हैं.
सिर्फ स्वीडन ही नहीं नॉर्वे, फिनलैंड और डेनमार्क में भी इसी तरह की जानकारी पर्चे बांटकर या ऑनलाइन प्रकाशित की गई है. सबसे खतरनाक संकेत ये है कि रूस-US के बीच हॉटलाइन भी बंद कर दी गई है. क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि US-सोवियत हॉटलाइन इस वक्त बंद कर दी गई है. ये हॉटलाइन 1962 की क्यूबा मिसाइल क्राइसिस में बातचीत के लिए बनाई गई थी.
रूस कर सकता है यूक्रेन पर बड़ा हमला
माना जा रहा है कि 20-21 नवंबर को रूस यूक्रेन पर बड़े हमले कर सकता है और आशंका है कि ये हमले टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियारों से हो सकते हैं. रूसी गठबंधन के देशों ने भी महासंग्राम की तैयारी शुरू कर दी है. ईरान ने अंतरराष्ट्रीय नियमों की अनदेखी करते हुए संवर्धित यूरेनियम के अपने भंडार को और बढ़ा लिया है.
IAEA की रिपोर्ट है कि ईरान ने अक्टूबर के महीने में 182 किलोग्राम यूरेनियम संवर्धन किया है. अगस्त 2024 में ईरान ने 165 किलोग्राम यूरेनियम संवर्धन किया था. ईरान के पास 6064 किलोग्राम संवर्धित यूरेनियम है. हालांकि इसे 60% तक ही संवर्धित किया जा सका है. परमाणु हथियार बनाने के लिए 90% तक संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है. अगर ईरान का 6064 किलोग्राम यूरेनियम 90% के स्केल पर पहुंचता है तो ईरान 263 परमाणु बम बना लेगा.
ईरान को रूस से मदद
आशंका ये भी जताई गई है कि रूस से ईरान को परमाणु तकनीक और वैज्ञानिक मदद मिल रही है और बहुत जल्दी ईरान परमाणु बम बनाने का ऐलान कर सकता है. ,रूस के सैन्य सहयोगी देश नॉर्थ कोरिया ने भी जंगी तैयारी शुरू कर दी है.
नॉर्थ कोरिया की मुसुदान री और संगनम नी मिसाइल लॉन्च साइट पर बड़ी हलचल देखी गई है. इन दोनों मिसाइल साट्स से कुछ मिसाइल योंगजो री और सिनो री मिसाइल साइट पर पहुंचाई गई हैं. रूसी धरती पर अमेरिकी मिसाइलों के बरसते ही महाविनाश की आशंका मंडराने लगी है और अनिष्ट की घड़ी के कांटे कभी भी 90 डिग्री के कोण पर पहुंच सकते हैं.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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