दिल्ली की हर विधानसभा सीटों का अपना चुनावी इतिहास रहा है. कई सीटों के चुनाव परिणाम तो चौंकाते भी रहे हैं. इसी में एक सीट है बदरपुर विधानसभा सीट. यह उन सीटों में से है जहां पर कांग्रेस का अब तक खाता भी नहीं खुला है और ‘दलबदलुओं’ की जीत की वजह से जानी जाती है. यहां पर पिछले 7 चुनावों में 5 अलग-अलग दलों को जीत मिल चुकी है. इसके अलावा एक बार निर्दलीय प्रत्याशी भी चुना गया था.
राजधानी के दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले में बदरपुर विधानसभा सीट पड़ती है और दक्षिण दिल्ली लोकसभा सीट के तहत 10 विधानसभा सीटों में से एक है. साल 2008 के परिसीमन के बाद बदरपुर सीट के क्षेत्र में बदलाव कर दिया गया.
जनता दल ने की थी जीत की शुरुआत
यह सीट दिल्ली में पहली विधानसभा चुनाव के दौरान ही अस्तित्व में आ गई थी. इस सीट पर कभी भी किसी दल का प्रभुत्व नहीं रहा है. हालांकि क्षेत्र के कद्दावर नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी अलग-अलग दलों के टिकट पर चुनाव लड़ते रहे और जीत हासिल करते रहे. वह यहां से अलग-अलग समय में विधायक चुने गए. 4 बार चुनाव जीतने वाले बिधूड़ी कभी भी लगातार 2 चुनाव नहीं जीत सके थे.
बदरपुर विधानसभा सीट पर चुनावी जंग की शुरुआत होती है, साल 1993 से. तब यहां पर जनता दल के टिकट पर मैदान में उतरे रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कांग्रेस के प्रत्याशी राम सिंह नेताजी को 7 हजार से अधिक मतों के अंतर से हराया था. बिधूड़ी की यह पहली जीत रही. बीजेपी तब तीसरे स्थान पर रही थी.
दूसरी बार निर्दलीय प्रत्याशी को मिली जीत
1998 में जब दिल्ली में दूसरी विधानसभा के लिए चुनाव कराया गया तो कांग्रेस के टिकट पर मैदान में उतरने वाले राम सिंह नेताजी पार्टी छोड़कर निर्दलीय ही मैदान में उतर गए और उन्होंने कांग्रेस से चुनाव लड़ने वाले रामवीर सिंह बिधूड़ी को 14 हजार से अधिक मतों से हरा दिया. बिधूड़ी की यहां पर पहली हार थी. बीजेपी को फिर दूसरे नंबर पर संतोष करना पड़ा.
बदरपुर विधानसभा सीट पर 2003 के चुनाव में प्रत्याशी वही रहे, लेकिन दलों के नाम बदल गए. कांग्रेस के टिकट पर चुनाव हारने के बाद बिधूड़ी इस बार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के टिकट पर मैदान में उतरे. जबकि निवर्तमान विधायक राम सिंह नेताजी कांग्रेस के चिन्ह पर किस्मत आजमाने उतरे लेकिन उन्हें नाकामी हाथ लगी.
कांग्रेस छोड़ने वाले को BSP से मिली जीत
बिधूड़ी दूसरी बार यहां से चुन लिए गए. लेकिन इस बार उन्हें खासा संघर्ष करना पड़ा और वह 436 मतों के अंतर से जीत हासिल कर सके. बीजेपी चौथे स्थान पर खिसक गई थी. बार-बार दल बदलने वाले बिधूड़ी ने 2008 के चुनाव में फिर अपना इरादा बदला. वह दूसरी बार कांग्रेस में आ गए. लेकिन उनका यह फैसला रास नहीं आया.
कांग्रेस के टिकट पर हार का सामना करने वाले राम सिंह नेताजी ने विधानसभा चुनाव से पहले मायावती की बहुजन समाज पार्टी (BSP) का दामन थाम लिया. फिर बदरपुर सीट से उन्होंने 13 हजार से भी अधिक मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी को हरा दिया. इस हार ने कांग्रेस की यहां से जीत की आस को तोड़ दिया.
3 दलों के बाद बिधूड़ी BJP में शामिल
साल 2013 के चुनाव में आम आदमी पार्टी (AAP) की एंट्री हो गई. AAP ने इस चुनाव से दिल्ली की सियासत को बदल कर रख दिया. अब तक 3 दलों के साथ चुनावी किस्मत आजमाने वाले रामवीर सिंह बिधूड़ी भारतीय जनता पार्टी के खेमे में आ गए थे. पार्टी ने उन्हें यहां से मैदान में उतारा.
यहां पर चतुष्कोणीय मुकाबला रहा. बीजेपी, कांग्रेस, बीएसपी और AAP के बीच कड़ी टक्कर रही. हालांकि रामवीर सिंह बिधूड़ी ने फिर से कांग्रेस के टिकट पर मैदान में किस्मत आजमाने उतरे राम सिंह नेताजी को 13,854 मतों के अंतर से हरा दिया. AAP के नारायण दत्त शर्मा चौथे स्थान पर रहे थे.
फिर 2015 के चुनाव में बदरपुर सीट पर AAP के नारायण दत्त शर्मा ने 55 फीसदी से अधिक वोट हासिल करते हुए एकतरफा जीत हासिल की. नारायण दत्त को 94,242 वोट मिले तो लगातार दूसरी बार एक ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले बिधूड़ को करारी हार का सामना करना पड़ा. नारायण दत्त 47,583 मतों के अंतर से विजयी हुए थे. कांग्रेस के राम सिंह तीसरे स्थान पर रहे.
2025 में भी दलबदलुओं पर नजर
अब आई 2020 की बारी. इस चुनाव में रामवीर सिंह बिधूड़ी ने लगातार तीसरी बार बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा. उन्होंने कांग्रेस छोड़कर AAP में शामिल हुए राम सिंह नेताजी को संघर्षपूर्ण मुकाबले में 3,719 मतों के अंतर से हराया. राम सिंह की यह तीसरी पार्टी रही. वहीं AAP के नारायण दत्त शर्मा इस बार बीएसपी के टिकट पर मैदान में उतरे थे और वह तीसरे नंबर पर रहे. कांग्रेस चौथे स्थान पर आ गई.
बदरपुर विधानसभा सीट पर साल 2025 का चुनाव भी दलबदलुओं के बीच ही होना है. एक बार के विधायक नारायण दत्त शर्मा चुनाव से पहले AAP और BSP में रहने के बाद अब बीजेपी में शामिल हो गए हैं. हालांकि कांग्रेस ने अभी अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है.
लेकिन AAP ने 2 पार्टी छोड़कर आए आए राम सिंह नेताजी को मैदान में उतार दिया है. जबकि बीजेपी ने नारायण दत्त शर्मा को मौका दिया है. 4 बार के विधायक रामवीर सिंह बिधूड़ी पिछले साल 2024 के लोकसभा चुनाव में दक्षिण दिल्ली सीट से जीत हासिल करते हुए लोकसभा में चले गए.
– India Samachar
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