कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने पीएम पद से इस्तीफा दे दिया है. साथ ही उन्होंने पार्टी नेता के पद से भी इस्तीफा दे दिया है. ये फैसला उन्होंने सरकार और व्यक्तिगत आलोचनाओं के बीच किया है. देश को दिए जा रहे संबोधन के दौरान ट्रूडो ने अपने इस्तीफे का ऐलान किया. उन्होंने बताया कि यह फैसला उन्होंने अपनी पत्नी और बच्चों के साथ लंबी चर्चा के बाद लिया है.
अपने संबोधन में उन्होंने ये भी कहा कि पार्टी में आंतरिक विवादों ने कामकाज को काफी प्रभावित किया और उनको लगता है कि यह सही समय है पार्टी और देश को नई ऊर्जा और नेतृत्व देने का.’ हालांकि नए नेता के चुने जाने तक जस्टिन ट्रूडो पद पर बने रहेंगे. ट्रूडो ने साल 2013 में लिबरल नेता का पद संभाला था. जस्टिन ट्रूडो 11 सालों से लिबरल पार्टी के नेता और नौ वर्षों से प्रधानमंत्री के पद पर काबिज थे.
कनाडा की संसद स्थगित
इतना ही नहीं, ट्रूडो ने गवर्नर जनरल से भी अनुरोध किया है कि संसद को 24 मार्च तक स्थगित कर दिया जाए, जिससे नए पार्टी नेता के चयन और सरकार के आगामी फैसलों के लिए समय मिल सके. वहीं,ट्रूडो ने अपने संभावित उत्तराधिकारी, कंजरवेटिव पार्टी के नेता पियरे पोलिएवरे पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि पोलिएवरे कनाडा का नेतृत्व करने के लिए सही व्यक्ति नहीं हैं और उनकी जलवायु परिवर्तन और आर्थिक मुद्दों पर विचार देश के लिए हानिकारक हो सकते हैं.
नए नेता को मौका देना चाहते हैं ट्रूडो
पीएम के पद पर रहते हुए अपने आखिरी भाषण में ट्रूडो ने कहा कि वह देश और पार्टी के लिए हमेशा उपस्थित रहेंगे, लेकिन अब वो नए नेता को मौका देना चाहते हैं ताकि पार्टी नई दिशा में आगे बढ़ सके. उनके इस फैसले से कनाडा की राजनीति में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि ट्रूडो पिछले नौ सालों से प्रधानमंत्री पद पर हैं और उनके नेतृत्व में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं.
वहीं, उन्होंने पहले इस्तीफा न देने का कारण भी स्पष्ट किया. ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने क्लाइमेट चेंज के खिलाफ अपनी लड़ाई के लिए, यूक्रेन का साथ देने के लिए और कनाडा के लोगों के लिए उन्होंने पहले इस्तीफे नहीं दिया.
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सौजन्य से टीवी9 हिंदी डॉट कॉम
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