उत्तर प्रदेश के अयोध्या में स्थित राम मंदिर (Ayodhya Ram Mandir) के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी मिलती रहेगी. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने ऐसा फैसला लिया है. सत्येंद्र दास की उम्र 87 साल है, जो बीते 34 साल से रामजन्मभूमि में बतौर मुख्य पुजारी सेवा दे रहे हैं.
मंदिर ट्रस्ट ने सत्येंद्र दास से मंदिर से जुड़े काम से मुक्ति का आग्रह भी किया है. हालांकि, सत्येंद्र दास अपने हिसाब से जब चाहें मंदिर में आ-जा सकते हैं और पूजा कर सकते हैं. बीते 25 नवंबर को हुई ट्रस्ट की बैठक में ऐसी चर्चा हुई थी कि उन्हें आजीवन सैलरी मिलती रही. बैठक में मौजूद सभी सदस्यों ने सत्येंद्र दास को आजीवन सैलरी देने पर अपनी सहमति जताई थी.
34 साल से राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी
रामजन्मभूमि में 1 मार्च 1992 से ही आचार्य सत्येंद्र दास बतौर मुख्य अर्चक सेवा दे रहे हैं. शुरुआती दौर में उनकी सैलरी काफी कम थी. उन्हें एक महीने का पारिश्रमिक 100 रुपये मिलता था. हालांकि, अब वेतन में काफी इजाफा हो गया है. अब सत्येंद्र दास को 38500 रुपये प्रति माह वेतन मिलता है.
राम मंदिर में 14 पुजारी तैनात
आचार्य सत्येंद्र दास मुख्य पुजारी हैं. इसके अलावा अन्य 13 पुजारी मंदिर में सेवा दे रहे हैं. नौ नए पुजारियों की हाल ही में मंदिर में तैनाती की गई है. वहीं अन्य 4 पहले से हैं. जब रामलला की मूर्ति टेंट में विराजमान थी, तब से आचार्य सत्येंद्र दास पुजारी के तौर पर भगवान की पूजा-अर्चना कर रहे हैं. राम मंदिर की प्राणप्रतिष्ठा 22 जनवरी को हुई थी. अब भी सत्येंद्र दास ही राम मंदिर के मुख्य पुजारी हैं.
सत्येंद्र दास के मुताबिक, ट्रस्ट के लोग उनसे मिले थे. स्वास्थ्य व बढ़ती उम्र की बात कहकर राम मंदिर से जुड़े काम से हटने का आग्रह किया है. हालांकि, उन्होंने आजीवन सैलरी देने की बात कही है. आचार्य सत्येंद्र दास की गिनती संस्कृत के प्रकांड विद्वानों में होती है. 1975 में उन्होंने संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री प्राप्त की थी. 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में उन्होंने बतौर सहायक अध्यापक जॉइन की थी.
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