मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला. (फाइल फोटो)
जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने रविवार को कहा कि उनकी सरकार ने आरक्षण नीति की समीक्षा के लिए एक उप-समिति गठित की है, लेकिन वह इस मामले में अदालत के निर्देशों का पालन करेगी. अब्दुल्ला ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैं आरक्षण मुद्दे से जुड़ी भावनाओं को समझता हूं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जेकेएनसी ने विधानसभा चुनाव से पहले जारी अपने घोषणापत्र में इसके सभी पहलुओं की जांच करने की प्रतिबद्धता जताई थी. इसी प्रतिबद्धता के तहत इस वादे को पूरा करने के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन किया गया है. उस उप-समिति को हाल ही में अधिसूचित किया गया है और वह सभी हितधारकों के साथ मिलकर अपना काम शुरू करने की प्रक्रिया में है.
विरोध प्रदर्शन लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार
उन्होंने कहा कि इस बीच आरक्षण नीति को जम्मू कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट में भी चुनौती दी गई है. उन्होंने कहा कि जब अंतिम कानूनी विकल्प समाप्त हो जाएंगे, तो हम निश्चित रूप से किसी भी निर्णय को मानने के लिए बाध्य होंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन लोगों का लोकतांत्रिक अधिकार है और वह इसका विरोध नहीं करेंगे.
विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे सांसद
दरअसल जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ़्रेंस के सांसद आगा रुहुल्लाह ने ऐलान किया है कि वह आरक्षण मुद्दे को लेकर सोमवार को गुपकार में मुख्यमंत्री के आवासीय कार्यालय के सामने आरक्षण नीति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल होंगे. इसके अलावा एसएमसी के पूर्व मेयर जुनैद अज़ीम मट्टू ने भी कहा कि हमारे सामान्य वर्ग के युवाओं के बड़े हित में और एनसी सरकार के विरोध में श्रीनगर के सांसद के साथ मेरे मतभेदों के बावजूद मैं मुख्यमंत्री के निवास के बाहर युवाओं से जुड़ने के लिए पहली उपलब्ध उड़ान से श्रीनगर वापस आ रहा हूं.
आरक्षण मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया
उन्होंने एक्स पर लिखा कि मेरे ध्यान में आया है कि आरक्षण नीति को लेकर श्रीनगर में एक विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई जा रही है. शांतिपूर्ण विरोध एक लोकतांत्रिक अधिकार है और मैं किसी को भी यह अधिकार देने से इनकार करने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा, लेकिन यह जानते हुए विरोध करें कि इस मुद्दे को नजरअंदाज नहीं किया गया है. सीएम ने कहा कि आपकी सरकार वही कर रही है जो कोई भी जिम्मेदार सरकार करती है. हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी की बात सुनी जाए और उचित प्रक्रिया पूरी करने के बाद निष्पक्ष निर्णय लिया जाए.
– India Samachar
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